ये शहर सूअर के घर जैसा... गुरुग्राम की हालत देख फूटा विदेशी महिला का गुस्सा
गुरुग्राम में बढ़ती गंदगी, कूड़े के ढेर और सफाई कर्मियों की कमी से लोग नाराज हैं. एक फ्रांसीसी महिला ने शहर की हालत को 'सुअर का घर' बताते हुए सोशल मीडिया पर अपनी भड़ास निकाली.

गुरुग्राम में रह रही एक फ्रांसीसी महिला मैथिल्डे आर ने शहर में फैली गंदगी को लेकर सोशल मीडिया पर जमकर नाराजगी जाहिर की है. उन्होंने यहां तक कह दिया कि गुरुग्राम अब 'सुअर के घर' जैसा हो गया है और यहां लोग 'जानवरों की तरह' जीने को मजबूर हैं. मैथिल्डे ने यह बात एक्स पर एक पोस्ट में लिखी.
लंबे समय से गुरुग्राम में रह रही मैथिल्डे
मैथिल्डे आर फ्रांस की मूल निवासी हैं और उन्होंने एक भारतीय से शादी की है. वह हैं और अक्सर शहर की सफाई व्यवस्था को लेकर सोशल मीडिया पर पोस्ट करती रहती हैं. इस बार उनका गुस्सा उस स्तर तक पहुंच गया कि उन्होंने गुरुग्राम को “कूड़े का ढेर” बताया.
Leaving #gurugram feels like the only wise option sometimes. What could have been a great modern and peaceful city has turned to a massive landfield, unlivable, full of filths and broken pavments. Many expact friends are moving back to delhi or leaving India for good, with the…
— mathilde R. (@MathildeRa77404) July 22, 2025
क्या कहा सोशल मीडिया पर?
मैथिल्डे ने लिखा “जो शहर एक शानदार, आधुनिक और शांत जगह बन सकता था, वो अब कचरे के ढेर में बदल चुका है. मेरे कई विदेशी दोस्त या तो वापस दिल्ली लौट रहे हैं या भारत ही छोड़ रहे हैं, यह सोचकर कि विदेश में हालात बेहतर होंगे. पर जो लोग यहां रह गए हैं, वे खुद को जानवरों की तरह सुअर के घर में रहने को अभिशप्त मान रहे हैं.” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि अधिकारियों से कोई मदद नहीं मिल रही और लोग सिस्टम को भ्रष्ट मानने लगे हैं.
नागरिकों में भी नाराजगी बढ़ी
मैथिल्डे की तरह ही गुरुग्राम के कई स्थानीय लोग भी सोशल मीडिया पर गंदगी को लेकर अपनी नाराजगी जता रहे हैं. जगह-जगह कूड़े के ढेर, सीवर का गंदा पानी, टूटी सड़कों और गंदगी की वजह से नागरिक बेहद परेशान हैं. लोग सवाल पूछ रहे हैं कि उनके टैक्स का पैसा आखिर जा कहां रहा है?
प्रवासियों पर था साफ-सफाई का जिम्मा
गुरुग्राम में पिछले कुछ समय से साफ-सफाई का जिम्मा बड़ी संख्या में अस्थायी या प्रवासी सफाईकर्मियों पर था. लेकिन 'बांग्लादेशी-रोहिंग्या पहचान' पर चलाए जा रहे अभियान के कारण कई प्रवासी शहर छोड़ चुके हैं. इस वजह से कई जगहों पर कूड़ा उठाने वाला ही नहीं है.
कई इलाकों में खुद हटवाना पड़ रहा कूड़ा
सेक्टर 103, पालम विहार, सेक्टर 56, 57, गोल्फ कोर्स एक्सटेंशन रोड, गुरुग्राम-फरीदाबाद रोड, सेक्टर 29 जैसे इलाकों में गंदगी का अंबार लग गया है. कुछ हाउसिंग सोसाइटीज को अपने खर्चे पर ट्रैक्टर मंगवाकर कूड़ा हटवाना पड़ रहा है.
MCG अधिकारी ने मानी समस्या
गुरुग्राम म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन (MCG) के कमिश्नर प्रदीप दहिया ने माना कि सफाईकर्मियों की कमी के कारण समस्या हुई है. उन्होंने कहा,“हमारे ज़्यादातर कूड़ा उठाने वाले और ड्राइवर प्रवासी हैं. उनके चले जाने से काम पर असर पड़ा है. हम वैकल्पिक व्यवस्था के लिए मुख्यमंत्री और वरिष्ठ अधिकारियों से बात कर रहे हैं.”
नागरिकों ने MCG को सौंपा ज्ञापन
सोमवार को 'सिटिजन्स फॉर क्लीन एयर' नामक संस्था ने एमसीजी कमिश्नर को ज्ञापन सौंपा और सफाई की स्थिति में सुधार की मांग की.
गुरुग्राम, जिसे एक समय पर 'साइबर सिटी' कहा जाता था, अब गंदगी, टूटी सड़कों और अव्यवस्था की वजह से लोगों के लिए सिरदर्द बन गया है. अब देखना यह है कि स्थानीय प्रशासन इस पर कितनी जल्दी और असरदार कार्रवाई करता है.


