दिल्ली चुनाव की गिनती के बीच पंजाब में सियासी हलचल, AAP MLA को शिफ्ट करने की तैयारी!
Delhi Assembly Election Result:दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजों से पहले आम आदमी पार्टी (AAP) ने अपने विधायकों को शिफ्ट करने की तैयारी शुरू कर दी है. सूत्रों के मुताबिक, पार्टी अपने विधायकों को संभावित "खरीद-फरोख्त" से बचाने के लिए पंजाब भेज सकती है. इसके लिए पंजाब में सुरक्षित ठिकाने की तलाश की जा रही है, जहां केंद्र सरकार का हस्तक्षेप न हो और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम हों.

Delhi Assembly Election Result: दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजों से पहले सियासी माहौल गरमा गया है. एग्जिट पोल में भाजपा को बढ़त दिखाने के बाद आम आदमी पार्टी (AAP) सतर्क हो गई है. सूत्रों के मुताबिक, पार्टी अपने विधायकों को पंजाब शिफ्ट करने की योजना बना रही है. AAP को डर है कि भाजपा किसी भी तरह जोड़-तोड़ कर सरकार बनाने की कोशिश कर सकती है. इसलिए पंजाब में सुरक्षित ठिकाने की तलाश तेज हो गई है ताकि किसी भी राजनीतिक उथल-पुथल की स्थिति में विधायकों को सुरक्षित रखा जा सके.
सूत्रों के अनुसार, दिल्ली में नतीजों के बाद अगर राजनीतिक अस्थिरता की स्थिति बनती है तो AAP अपने विधायकों को पंजाब भेज सकती है. पार्टी का कहना है कि भाजपा सरकार बनाने के लिए धांधली कर सकती है और उनके विधायकों को तोड़ने की कोशिश कर सकती है. ऐसे में पार्टी ने पहले से ही सुरक्षित ठिकाने तलाशने शुरू कर दिए हैं.
AAP को विधायकों की खरीद-फरोख्त का डर
AAP के शीर्ष सूत्रों का कहना है कि भाजपा विधायकों को तोड़ने के लिए बड़ी रकम का ऑफर दे सकती है. पार्टी ने पहले भी 2013 में ऐसे आरोप लगाए थे, जब उसने दावा किया था कि भाजपा ने उनके विधायकों को 20-20 करोड़ रुपये तक का ऑफर दिया था. इस बार पार्टी कोई रिस्क नहीं लेना चाहती और इसलिए पहले से ही सुरक्षित जगहों की खोज की जा रही है.
सुरक्षित ठिकाने के लिए पंजाब क्यों?
पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार है और वहां पुलिस पर पूरा नियंत्रण है.
दिल्ली में केंद्र सरकार के हस्तक्षेप की संभावना ज्यादा है, जबकि पंजाब में यह कम होगी.
BSF को सीमावर्ती जिलों में 50 किमी तक कार्रवाई का अधिकार है, इसलिए ऐसी जगह की तलाश हो रही है जहां केंद्र का कोई दखल न हो.
विधायकों के मूवमेंट को गोपनीय रखा जाएगा ताकि किसी को भनक न लगे.
भाजपा पर AAP का बड़ा आरोप
AAP का दावा है कि भाजपा सरकार बनाने के लिए किसी भी हद तक जा सकती है. पार्टी ने पहले भी आरोप लगाया था कि भाजपा विपक्षी दलों के विधायकों को खरीदने के लिए ऑपरेशन लोटस चलाती रही है. इस बार भी नतीजों से पहले ही AAP ने भाजपा पर धांधली और तोड़फोड़ की आशंका जता दी है.
2013 में भी लगाए थे ऐसे ही आरोप
AAP ने 2013 के चुनावों में भी भाजपा पर खरीद-फरोख्त के आरोप लगाए थे. उस समय पार्टी ने दिल्ली में बड़े-बड़े होर्डिंग्स लगाकर दावा किया था कि उनके विधायकों को भाजपा में शामिल होने के लिए 20 करोड़ रुपये तक की पेशकश की गई थी. तब केजरीवाल ने सरकार बनाई थी, लेकिन 49 दिन बाद इस्तीफा दे दिया था.
दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजों से पहले AAP पूरी तरह से सतर्क है. पार्टी को शक है कि भाजपा जोड़-तोड़ की राजनीति कर सकती है. ऐसे में पंजाब को सुरक्षित ठिकाने के रूप में देखा जा रहा है. अब देखना होगा कि 8 फरवरी को नतीजों के बाद दिल्ली की राजनीति क्या करवट लेती है.


