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5 लाख के वादे के बाद भी 5,000 रुपये का चेक मिला, ग्रामीण नाराज

उत्तराखंड के धराली गांव में बाढ़ के बाद 5,000 रुपये की राहत राशि को ग्रामीणों ने अपर्याप्त बताते हुए ठुकरा दिया है. सरकार ने प्रभावितों को मुआवजा और पुनर्वास के लिए व्यापक योजनाएं शुरू की हैं और बचाव कार्य जारी है.

Suraj Mishra
Edited By: Suraj Mishra

उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में आई भयंकर बाढ़ के बाद प्रभावित परिवारों को 5,000 रुपये के सरकारी चेक दिए गए, लेकिन स्थानीय निवासियों ने इसे असंतोष जताते हुए ठुकरा दिया. उनका कहना है कि आपदा से हुए नुकसान की तुलना में यह राशि बेहद कम और अपर्याप्त है. ये चेक प्रशासन की ओर से "तत्काल राहत" के तौर पर बांटे गए थे, लेकिन ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सरकार पर नुकसान को कम आंकने का आरोप लगाया है.

5,000 रुपये केवल एक अस्थायी राहत

जिला मजिस्ट्रेट प्रशांत आर्य ने इस फैसले का बचाव करते हुए कहा कि 5,000 रुपये केवल एक अस्थायी राहत है. उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रभावितों के नुकसान का संपूर्ण मूल्यांकन कर विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जाएगी, जिसके बाद उचित मुआवजा दिया जाएगा. मुख्यमंत्री धामी ने उन परिवारों के लिए 5 लाख रुपये के मुआवजे का भी ऐलान किया है, जिनके घर पूरी तरह तबाह हुए हैं या जिन्होंने अपने प्रियजनों को आपदा में खो दिया है.

इस संकट के समाधान के लिए राजस्व सचिव की अगुवाई में तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया है, जो पुनर्वास और आजीविका बहाली की योजना तैयार करेगी. इस समिति की प्रारंभिक रिपोर्ट एक सप्ताह के अंदर सरकार को सौंपी जाएगी। इस बीच, बाढ़ प्रभावित इलाकों से बचाव कार्य लगातार जारी है. हेलीकॉप्टरों ने फंसे हुए लोगों को निकाला है, वहीं दूर-दराज के क्षेत्रों में खाने-पीने के पैकेट भी पहुंचाए जा रहे हैं.

धराली बाजार में भारी मलबा हटाने का काम पूरा

राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) की टीमों ने डॉग स्क्वॉड और थर्मल इमेजिंग तकनीक का उपयोग करते हुए धराली बाजार में भारी मलबा हटाने का काम पूरा किया है. मंगलवार को आए भूस्खलन में यहां के कई होटल, होमस्टे और दुकानें बुरी तरह प्रभावित हुई थीं. अधिकारियों की माने तो इस आपदा में अब तक पांच लोगों की मौत हो चुकी है, दो शव बरामद हुए हैं और 49 लोग अभी भी लापता हैं. प्रभावित क्षेत्र से 1,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला जा चुका है, हालांकि कुछ इलाके अब भी संपर्क से कटे हुए हैं.

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि सरकार की प्राथमिकता सभी फंसे हुए लोगों को सुरक्षित निकालना है, जो लगभग पूरा हो चुका है. साथ ही उन्होंने बताया कि बिजली, मोबाइल नेटवर्क और सड़क संपर्क को बहाल करने के प्रयास जारी हैं. राहत शिविरों में सामुदायिक रसोई के माध्यम से भोजन, कपड़े और अन्य आवश्यक वस्तुएं भी प्रदान की जा रही हैं, ताकि प्रभावित लोगों की मदद की जा सके. प्रशासन नुकसान का आकलन कर मुआवजा वितरण की प्रक्रिया भी जल्द शुरू करेगा.

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10 August 2025, 10:30 AM IST

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