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24 नवंबर को पहली बार विधानसभा का विशेष सत्र श्री आनंदपुर साहिब में होगा, जिसमें ऐतिहासिक फैसले लिए जाएंगे : भगवंत मान

श्रीनगर के गुरुद्वारा चट्टी पातशाही साहिब में गुरु तेग बहादुर जी की 350वीं शहादत के अवसर पर अरविंद केजरीवाल और भगवंत मान ने कीर्तन दरबार में भाग लिया. दोनों नेताओं ने गुरु साहिब की अतुलनीय शहादत, कश्मीरी पंडितों की रक्षा और सत्य के मार्ग पर चलने के उनके संदेश को याद किया.

Utsav Singh
Edited By: Utsav Singh

पंजाब : श्री गुरु तेग बहादुर साहिब के 350वें शहीदी दिवस के उपलक्ष्य में श्रीनगर स्थित गुरुद्वारा श्री चट्टी पातशाही साहिब में विशेष कीर्तन दरबार आयोजित किया गया, जिसमें आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे. इस अवसर पर दोनों नेताओं ने गुरु साहिब की शहादत, उनके संदेश और उनके द्वारा स्थापित मानवीय मूल्यों को याद करते हुए श्रद्धा प्रकट की.

गुरु तेग बहादुर साहिब की शहादत को बताया अद्वितीय

कार्यक्रम में संबोधित करते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दुनिया के किसी भी धर्म या इतिहास में श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जैसी असाधारण शहादत का उदाहरण नहीं मिलता. उन्होंने याद किया कि कश्मीरी पंडितों की रक्षा के लिए गुरु साहिब ने दिल्ली के चांदनी चौक में अपने प्राण न्योछावर कर दिए, जिसका उद्देश्य केवल मानवता, धर्म और सत्य की रक्षा था. केजरीवाल ने बताया कि श्रीनगर से रवाना होने वाली यात्रा 22 नवंबर को आनंदपुर साहिब पहुंचेगी, और उन्होंने लोगों से अपील की कि वे इन पवित्र आयोजनों में अधिक से अधिक संख्या में शामिल हों.

पहली बार श्रीनगर आगमन पर केजरीवाल की भावनाएं
केजरीवाल ने कहा कि श्रीनगर में उनका यह पहला दौरा आध्यात्मिक रूप से अत्यंत विशेष है, क्योंकि उन्हें पर्यटन या किसी अन्य कार्य की बजाय इस पवित्र स्थान के दर्शन का अवसर मिला. उन्होंने गुरु तेग बहादुर साहिब को ‘हिंद की चादर’ और ‘शहीदों का सरताज’ कहकर नमन किया और कहा कि उनकी शहादत आने वाली पीढ़ियों के लिए सदैव प्रेरणा का स्रोत रहेगी.

कश्मीरी पंडितों की पीड़ा और गुरु साहिब का त्याग
अपने संबोधन में केजरीवाल ने स्पष्ट किया कि उस समय कश्मीरी पंडितों पर अत्याचार बढ़ रहे थे और वे सहायता की तलाश में आनंदपुर पहुंचे. गुरु साहिब ने उनकी पीड़ा को समझा और उनके धर्म तथा अस्तित्व की रक्षा के लिए सर्वोच्च बलिदान देने का निर्णय लिया. उन्होंने कहा कि हमें इस इतिहास को बच्चों और नई पीढ़ी तक पहुंचाना चाहिए, ताकि वे समझ सकें कि सत्य और धर्म की रक्षा के लिए कैसा अद्वितीय साहस आवश्यक होता है.

CM मान ने गुरु साहिब के जीवन और बलिदान को याद किया
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने अपने संबोधन में गुरु तेग बहादुर साहिब के जीवन के विभिन्न प्रसंगों का उल्लेख करते हुए कहा कि त्यागमल से तेग बहादुर बनने तक का सफर किसी प्रेरणादायक गाथा से कम नहीं. उन्होंने बताया कि किस प्रकार भाई जैता जी ने कठिन परिस्थितियों में गुरु साहिब का शीश दिल्ली से पंजाब पहुंचाया और लखी शाह बनजारे ने अपने घर को अग्नि के हवाले कर उनका अंतिम संस्कार किया. मान ने कहा कि इन प्रसंगों को समझाने के लिए आधुनिक तकनीक जैसे लाइट एंड साउंड शो और डिजिटल माध्यमों का उपयोग करना चाहिए, ताकि युवा पीढ़ी इन घटनाओं का महत्व बेहतर ढंग से समझ सके.

गुरु साहिब के परिवार का अप्रतिम त्याग
मान ने कहा कि गुरु साहिब के परिवार ने जितने बलिदान दिए, वैसी मिसाल दुनिया में कहीं नहीं मिलती. गुरु गोबिंद सिंह जी से लेकर उनके चारों साहिबजादों और माता गुजरी जी तक सभी ने धर्म और सत्य के लिए अपना सर्वस्व अर्पित किया. उन्होंने बताया कि पहले स्कूलों में गुरु तेग बहादुर साहिब के बारे में केवल एक छोटा सा पाठ पढ़ाया जाता था, परंतु अब पंजाब सरकार उनके संपूर्ण जीवन और शिक्षाओं को पाठ्यक्रम में शामिल कर रही है.

लंगर सेवा की परंपरा और मानवता का संदेश
मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरु साहिब द्वारा दी गई लंगर परंपरा पूरी दुनिया में मानवता की सेवा का सबसे सशक्त उदाहरण है. चाहे श्रीलंका की सुनामी हो या तुर्की में भूकंप सिख समुदाय का लंगर हमेशा जरूरतमंदों तक पहुंचने वाला पहला सहारा रहा है. पंजाब सरकार ने उन 109 गांवों की पहचान भी की है, जहां गुरु साहिब ने अपने चरण रखे थे, और वहां विकास कार्यों के साथ-साथ धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं.

सत्य के मार्ग पर चलने की प्रेरणा
अपने भाषण में भगवंत मान ने कहा कि सत्य बोलना ही सबसे बड़ा धर्म है. उन्होंने बताया कि गुरु साहिब ने अपने जीवन से यह संदेश दिया कि सत्य के लिए खड़े होने में कभी झिझक नहीं होनी चाहिए. मान ने कहा कि कभी-कभी सत्य बोलने वाला व्यक्ति अकेला भी रह जाता है, लेकिन उसका मार्ग सबसे पवित्र और सही होता है.

आगामी कार्यक्रमों की रूपरेखा
मुख्यमंत्री ने बताया कि श्री आनंदपुर साहिब में 23 से 25 नवंबर तक कई ऐतिहासिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. 22 नवंबर को कीर्तन जत्थे पहुंचेंगे, 23 को सर्वधर्म सम्मेलन और अखंड पाठ होंगे, जबकि 24 नवंबर को पहली बार विधानसभा का विशेष सत्र आनंदपुर साहिब में आयोजित होगा. इस सत्र में महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाएंगे और अन्य राज्यों के नेता भी उपस्थित रहेंगे.

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19 November 2025, 07:17 AM IST

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