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मंडी दौरे पर थे हिमाचल के पूर्व सीएम जयराम ठाकुर, अचानक पहाड़ी से गिरने लगा मलबा, फिर जो हुआ...

मनसून के दौरान मंडी जिले के लंबाथाच में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर narrowly बच निकले जब पहाड़ी से मलबा गिरा. हिमाचल में भारी बारिश, भूस्खलन, बाढ़ और सड़क दुर्घटनाओं में अब तक 95 मौतें हुई हैं. जान-माल व पशुधन को ₹751.95 करोड़ का नुकसान पहुंचा है. राहत और पुनर्वास कार्य जारी हैं.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

मानसून की सक्रियता के बीच रविवार को हिमाचल प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर मंडी जिले के लंबाथाच में एक बड़े हादसे से बच गए. इस दौरान राज्य में अब तक कीषण प्रभावितियों की जांच में शामिलठाकर कालाबाजी भर्तीयों से राज्यमंत्री लग रहा है. इस दौरान ठाकुर अधिकारियों के साथ तेज़ी से एक संकरी सड़क पार कर रहे थे, तभी अचानक पहाड़ी से मलबा नीचे आया, जिसमें वे सुरक्षित बाहर निकल गए.

घटना की भयावह तस्वीर

लंबाथाच की संकरी सड़क पर मिट्टी, कीचड़ और बड़े-बड़े चट्टानों का गुच्छा दिखाई दे रहा था. बारिश के कारण जमीन में दरारें आ चुकी हैं, जिससे भूस्खलन का जोखिम बना हुआ था. ठाकुर की सुरक्षा के लिए साथ मौजूद अधिकारी भी खून खौलाया देखाये जा रहे थे, लेकिन किसी तरह वे तेजी से वहां से निकल गए.

मानसून की मार

हिमाचल प्रदेश में मानसून का कहर इसबार कई जिलों को झकझोर गया है. लगातार भारी बारिश के चलते भूस्खलन, अचानक बाढ़ और बादल फटने जैसी घटनाएं हुईं हैं, जिससे बुनियादी ढांचे को व्यापक क्षति पहुंची है. विशेष रूप से यह दौर आपदा की दृष्टि से प्रदेश के लिए सबसे गंभीर साबित हुआ.

मौजूदा समीक्षा दौरा

इस सप्ताह की शुरुआत में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने मंडी के सेराज विधानसभा क्षेत्र में थुनाग बाजार का दौरा किया था. यह दौरा हाल ही में हुई बादल फटने और बाढ़ की तबाही के प्रभाव का स्थान पर निरीक्षण करने के लिए किया गया था, ताकि राहत व पुनरुद्धार कार्यों का आकलन किया जा सके.

जान-माल की भारी क्षति

राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA) द्वारा 20 जून से 12 जुलाई के बीच मौसम आधारित आपदाओं में कुल 95 लोगों की मौत की सूचना दी गई है. इनमें से 56 मौतें भूस्खलन, बादल फटने और बाढ़ जैसी घटनाओं से सीधे संबंधित हैं. सबसे अधिक 17 मौतें मंडी जिले में हुईं, इसके बाद कांगड़ा में 12 और कुल्लू में 3 जानें गईं.

सड़क दुर्घटनाओं में भी भारी नुकसान हुआ, उन घटनाओं में 39 लोगों की मौत दर्ज की गई. इनमें सोलन और चंबा में 6-6 तथा कुल्लू में 7 लोग मारे गए.

पशु और आर्थिक नुकसान

प्राकृतिक आपदाओं से 22,453 से अधिक पशुओं, जिसमें 21,500 पोल्ट्री पक्षी शामिल हैं, की डूबकर या मलबे के नीचे दबने से हानि हुई. सार्वजनिक और निजी संपत्ति, व बुनियादी ढांचे को हुए कुल नुकसान का मूल्य ₹751.95 करोड़ जाहिर किया गया है.

घरेलू क्षति का आंकलन

मानवीय क्षति भी बहुत बड़ी रही 1,026 लोग घायल, 371 घर पूरी तरह नष्ट और 1,093 घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए. इन परिवारों को राहत और पुनर्वास मुहैया कराना तुरंत प्राथमिकता बन गया है, जबकि प्रशासन राहत कार्यों में जुटा हुआ है.

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13 July 2025, 07:29 PM IST

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