8.10 करोड़ की साइबर ठगी का शिकार बने पूर्व IPS अमर सिंह चहल, 12 पेज के सुसाइड नोट में बयां किया दिल का दर्द!
पंजाब के पटियाला से एक दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है. पूर्व आईपीएस अधिकारी और रिटायर्ड आईजी अमर सिंह चहल ने अपने घर में खुद को गोली मार ली. गंभीर हालत में उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां डॉक्टर उनकी जान बचाने में लगे हैं.

पटियाला: पंजाब के पटियाला शहर में सोमवार को एक चौंकाने वाली घटना घटी, जहां पूर्व आईपीएस अधिकारी अमर सिंह चहल ने खुद को गोली मारकर आत्महत्या की कोशिश की. गंभीर रूप से घायल होने के बाद उन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने उनकी जान बचाने के लिए तीन घंटे की जटिल सर्जरी की. पुलिस को घटनास्थल से एक 12 पेज का नोट मिला है, जिसमें चहल ने साइबर ठगों द्वारा 8.10 करोड़ रुपये की ठगी का आरोप लगाया है. यह मामला साइबर फ्रॉड की गंभीरता को उजागर करता है, जिसमें पूर्व पुलिस अधिकारी जैसे अनुभवी व्यक्ति भी फंस सकते हैं.
पटियाला के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक वरुण शर्मा ने बताया कि चहल की हालत अभी भी नाजुक बनी हुई है और उनका इलाज जारी है. डॉक्टरों के अनुसार, गोली उनके सीने में लगी थी और फेफड़ों में फंस गई थी, जिसे सर्जरी के दौरान निकाला गया. अगले 12 से 24 घंटों तक उन्हें निगरानी में रखा जाएगा.
पूरा मामला
पटियाला में हुई इस सनसनीखेज घटना के बाद पुलिस और जांच एजेंसियां सतर्क हो गई हैं. अमर सिंह चहल को जब अस्पताल पहुंचाया गया, तब उनकी हालत बेहद खराब थी और काफी खून बह चुका था. डॉक्टरों ने उनकी स्थिति स्थिर करने के बाद सर्जरी की, जो करीब तीन घंटे चली. सर्जरी सफल रही और गोली को निकाल लिया गया. फिलहाल, डॉक्टर उनकी टीम सिटी स्कैन कर रही है ताकि कोई अन्य समस्या न हो.
सुसाइड नोट में खुलासा
पुलिस को मिले नोट में अमर चहल ने ठगों पर गंभीर आरोप लगाए हैं. यह नोट पंजाब पुलिस महानिदेशक गौरव यादव को संबोधित है. चहल ने दावा किया कि ठग F-777 DBS वेल्थ इक्विटी रिसर्च ग्रुप के नाम से व्हाट्सएप और टेलीग्राम ग्रुप चला रहे थे. उन्होंने खुद को DBS बैंक और उसके सीईओ से जुड़ा बताकर झूठे वादे किए. ठगों ने स्टॉक ट्रेडिंग, आईपीओ अलॉटमेंट, ओटीसी ट्रेड और क्वांटिटेटिव फंड के माध्यम से भारी मुनाफे का लालच दिया.
स्कैम कैसे हुआ?
पूर्व आईपीएस अधिकारी ने नोट में बताया कि ठगों ने विश्वास जीतने के लिए फर्जी डैशबोर्ड बनाए, जिनमें बढ़ा-चढ़ाकर लाभ दिखाया गया. धीरे-धीरे निवेशकों से बड़ी रकम जमा कराई गई और लाभ को दोबारा निवेश करने का दबाव डाला गया. पैसे निकालने के नाम पर सर्विस फीस, टैक्स और अतिरिक्त शुल्क के रूप में करोड़ों रुपये मांगे गए. बैंक ट्रांसफर के बावजूद रकम कभी वापस नहीं मिली. चहल ने इसे एक संगठित स्कैम बताया, जिसमें कई लोग शामिल हैं.
जांच की मांग और भावनात्मक दर्द
अमर चहल ने नोट में अपील की है कि मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित की जाए या किसी केंद्रीय एजेंसी को सौंपा जाए, ताकि पैसे के ट्रेल का पता लगाया जा सके. उन्होंने गहरे दुख, आर्थिक नुकसान और मानसिक पीड़ा का जिक्र किया. चहल ने लिखा कि वे खुद को शर्मिंदा और टूटा हुआ महसूस कर रहे हैं. उन्होंने परिवार और सहकर्मियों से माफी मांगी और कहा कि इस फैसले के लिए स्कैमर्स के अलावा कोई जिम्मेदार नहीं है.
पुलिस की कार्रवाई
एसपी सिटी पलविंदर सिंह चीमा ने बताया कि चहल के दोस्तों ने एक खत दिया था, जिसमें आत्महत्या की आशंका जताई गई थी. इसकी जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और उन्हें घायल हालत में अस्पताल ले जाया गया. पुलिस हर पहलू की गहन जांच कर रही है.
नोट से खुला राज
पंजाब पुलिस महानिदेशक गौरव यादव को संबोधित पत्र में अमर सिंह चहल ने लिखा है... सर, मुझे अत्यंत दुख के साथ यह कहना पड़ रहा है कि अपने परिवार को बर्बाद करने के साथ-साथ मैंने पंजाब पुलिस की छवि पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पंजाब पुलिस का एक अधिकारी होते हुए भी मैं स्वयं आवश्यक सावधानी बरत नहीं सका. मैं आभारी रहूंगा यदि इस मामले में किसी दोषी को पकड़ा जाता है और ठगी गई राशि की रिकवरी संभव हो पाती है.
यदि संभव हो, तो उस राशि का कुछ हिस्सा मेरे परिवार को दिया जाए, ताकि वे उन लोगों को भुगतान कर सकें, जिनसे मैंने यह पैसा उधार लिया था. मैं आम लोगों को यह चेतावनी देना चाहता हूं कि वे इस तरह के स्कैम करने वालों से बेहद सावधान रहें. मैं खुद उनके अत्यंत सोफिस्टिकेटेड और योजनाबद्ध तरीके का शिकार हो गया. यह एक बेहद संगठित और चालाक स्कैमस्टर्स ग्रुप है, जिसकी तह तक पहुंचने और पूरे नेटवर्क को बेनकाब करने के लिए एक डेडिकेटेड स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम का गठन आवश्यक है, ताकि दोषियों को सजा दिलाई जा सके.
सर, यदि आपको उपयुक्त लगे, तो इस मामले को CBI या पंजाब पुलिस की किसी स्पेशल सेल को भी सौंपा जा सकता है. मैं यह भी स्पष्ट करना चाहता हूं कि मैंने अपने गनमैन की राइफल का इस्तेमाल किया, क्योंकि मेरे पास खुद का कोई हथियार नहीं था.
अमर चहल साल 2015 में फरीदकोट में बेअदबी के बाद हुए बहबल कलां और कोटकपुरा पुलिस फायरिंग में आरोपी रहे हैं. फरवरी 2023 में पंजाब पुलिस की एसआईटी ने इस मामले में चार्जशीट दाखिल की थी, जिसमें कई राजनेताओं और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के नाम शामिल थे.


