Ham Candidates List : इमामगंज से बहू को मैदान में उतारा... जीतन राम मांझी ने जारी की 6 उम्मीदवारों की लिस्ट
Hindustani Awam Morcha candidates : बिहार विधानसभा चुनाव के लिए जीतनराम मांझी की पार्टी हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) ने छह उम्मीदवारों की सूची जारी की है. इसमें चार मौजूदा विधायकों को दोबारा मौका मिला है, जबकि दो नए चेहरों को शामिल किया गया है. मांझी की बहू दीपा मांझी को इमामगंज से टिकट मिला है. दो महिलाओं को जगह देकर पार्टी ने संतुलन साधा है. एनडीए में हम को छह सीटें दी गई हैं.

Hindustani Awam Morcha candidates : बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में शामिल हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) ने अपनी पहली सूची जारी करते हुए छह विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी है. पार्टी के संस्थापक और केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी ने यह स्पष्ट किया है कि इस सूची में अनुभव और क्षेत्रीय संतुलन दोनों को ध्यान में रखा गया है. पार्टी ने चार सीटों पर वर्तमान विधायकों को ही दोबारा मौका दिया है, जबकि दो नए चेहरों को टिकट देकर संतुलन साधने की कोशिश की गई है.
दो महिला उम्मीदवारों को मौका
चार पुराने विधायकों को दोबारा टिकट
हम पार्टी ने इस बार भी अनिल कुमार को टिकारी, ज्योति देवी को बाराचट्टी, प्रफुल्ल कुमार मांझी को सिकंदरा, और दीपा कुमारी को इमामगंज से टिकट देकर अपनी मौजूदा ताकत को बरकरार रखने की रणनीति अपनाई है. वहीं, अतरी सीट से रोमित कुमार सिंह और कुटुंबा सीट से ललन राम को टिकट देकर नए चेहरों को मौका दिया गया है. ये दोनों सीटें पहले पार्टी के पास नहीं थीं, जिससे यह साफ है कि हम पार्टी इन क्षेत्रों में भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराना चाहती है.
BJP और JDU को बराबर सीटें, सहयोगियों को भी हिस्सेदारी
एनडीए में सीटों के बंटवारे की बात करें तो भाजपा और जदयू दोनों को 101-101 सीटें मिली हैं. इसके अलावा, एलजेपी-रामविलास को 29 और राष्ट्रीय लोक जनता दल (RLJP) को 6 सीटों पर चुनाव लड़ने की जिम्मेदारी दी गई है. इसी समझौते के तहत जीतनराम मांझी की पार्टी ‘हम’ को भी 6 सीटें मिली हैं. गठबंधन ने यह प्रयास किया है कि क्षेत्रीय और जातिगत संतुलन बना रहे और सभी सहयोगी दलों को समुचित प्रतिनिधित्व मिले.
दीपा मांझी की उम्मीदवारी, परिवारवाद की मिसाल
दीपा मांझी को इमामगंज से टिकट दिए जाने को लेकर राजनीतिक हलकों में चर्चा तेज है. जहां कुछ इसे परिवारवाद की मिसाल बता रहे हैं, वहीं पार्टी समर्थकों का मानना है कि दीपा मांझी क्षेत्र में सक्रिय रही हैं और उन्होंने सामाजिक कार्यों के जरिए एक मजबूत जनाधार भी बनाया है. यह देखना दिलचस्प होगा कि जनता इसे कैसे लेती है एक राजनीतिक उत्तराधिकार के रूप में या एक योग्य महिला प्रतिनिधि के तौर पर.
संतुलन और संदेश के साथ आगे बढ़ रही है 'हम'
हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा की यह सूची यह दर्शाती है कि पार्टी ने अनुभव और युवाओं का संतुलन साधने की कोशिश की है. महिलाओं को जगह देकर पार्टी ने समावेशी राजनीति का संदेश भी देने का प्रयास किया है. साथ ही, नए चेहरों को उतारकर पार्टी यह भी दिखाना चाहती है कि वह केवल पुराने चेहरों पर निर्भर नहीं है, बल्कि संगठन में नई ऊर्जा और संभावनाओं को भी मौका देना चाहती है. बिहार विधानसभा चुनावों में यह देखना रोचक होगा कि एनडीए के सहयोगी दलों के यह उम्मीदवार क्या असर डालते हैं और जनता किसे मौका देती है.


