'लव जिहाद' पर होगी ऐसी सजा कोई और नहीं कर पाएगा हिम्मत, जानें योगी सरकार का कानून
Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश का विधानसभा सत्र सोमवार यानी 29 जुलाई से शुरू हो गया है. इसमें योगी सरकार कई अहम बिल लाने जा रहा है. इसमें प्रदेश का बजट भी पेश किया जाएगा. पहले ही दिन CM योगी आदित्यनाथ ने जोरदार भाषण दिया. इसी दिन पटल पर सरकार ने यूपी विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध (संशोधन) विधेयक 2024 रखा. इसमें लव जिहाद, धर्मांतरण जैसे अपराधों के लिए और कठोर सजा का प्रावधान किया गया है.

UP News: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार किसी भी तरह से अपराधों पर लगाम लगाने के लिए काम कर ही है. वो अपराधियों को क्षमा करने के मूड मे नहीं है. भाजपा ने 2017 के चुनावों में ही लव जिहाद और धर्मांतरण को मुद्दा बनाया था. इसके बाद 2020 में सरकार कानून लेकर आई. अब इसे योगी सरकार और अधिक सख्त करने जा रही है. सोमवार से शुरू हुए विधानसभा सत्र में इस संबंध में बिल पेश किया गया. इसका नाम यूपी विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध (संशोधन) विधेयक 2024 है.
उत्तर प्रदेश सरकार ने विधानसभा में विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध (संशोधन) विधेयक पेश किया है. इसमें कई अपराधों में सजा दोगुनी करने का प्रस्ताव रखा गया है. इस कानून को 2020 में अध्यादेश के जरिए पास किया गया था. अब संशोधन के पास होते ही उत्तर प्रदेश में ऐसी घटनाओं पर कठोर सजा होगी.
धर्म परिवर्तन और धोखे से शादी
पहले धोखे से या बहला फुसलाकर धर्म परिवर्तन और शादी के मामले में एक से पांच साल की जेल होती थी. इसके साथ ही 15 हजार रुपये के जुर्माने का प्रावधान था. इस नए विधेयक में इस अपराध के लिए 3 से 10 साल की जेल और 25 हजार रुपये जुर्माने का प्रावधान है.
नाबालिग SC-ST से लव जिहाद
पहले नाबालिग एससी या एसटी के साथ लव जिहाद पर 2 से 10 साल तक की सजा के साथ ही 25 हजार रुपये जुर्माने का प्रावधान था. इसे बढ़ाकर अब 5 से 14 साल तक की जेल कर दिया गया है. इसके साथ ही एक लाख रुपये जुर्माना कर दिया गया है.
सामूहिक धर्म परिवर्तन पर सख्ती
अभी प्रदेश में अवैध तरीके से सामूहिक धर्म परिवर्तन कराने पर वर्तमान में 3 से 10 साल की जेल होती थी. इसके सााथ ही 50 हजार रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान था. अब इसे बढ़ाकर 7 से 14 साल कर दिया गया है. वहीं जुर्माने को 1 लाख रुपये तक बढ़ाया गया है.
अजीवन कारावास
धर्म परितर्वन के लिए फंडिंग को भी अपराध की श्रेणी में शामिल किया गया है. इसमें किसी विदेशी या अवैध संस्था से फंडिंग हुई तो संस्था के संचालकों पर भी कार्रवाई होगी. इसके लिए किसी भी व्यक्ति को जीवन या संपत्ति का भय दिखाने, बल का प्रयोग, शादी का दबाव बनाने पर आजीवन कारावास और जुर्माना हो सकता है. ये विधेयक 2021 में विधानमंडल के दोनों सदनों से पास हुआ था.