हरियाणा कांग्रेस में बड़ा फेरबदल, राव नरेंद्र सिंह बने नए प्रदेश अध्यक्ष, हुड्डा को भी मिली बड़ी जिम्मेदारी
Haryana Congress New President : हरियाणा कांग्रेस में नेतृत्व बदलाव के तहत राव नरेंद्र सिंह को प्रदेश अध्यक्ष और भूपिंदर सिंह हुड्डा को विधायक दल का नेता नियुक्त किया गया है. इससे पार्टी ने 20 साल पुरानी जातीय संतुलन वाली परंपरा को तोड़ते हुए नई रणनीति अपनाई है. राव, पूर्व स्वास्थ्य मंत्री रह चुके हं और दक्षिण हरियाणा में कांग्रेस को फिर से मजबूती देने का प्रयास करेंगे. यह बदलाव आगामी चुनावी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है.

Haryana Congress New President : हरियाणा की राजनीति में कांग्रेस पार्टी ने सोमवार को बड़ा बदलाव करते हुए राव नरेंद्र सिंह को हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी (PCC) का नया अध्यक्ष नियुक्त कर दिया है. इसके साथ ही, पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा को राज्य विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल (CLP) का नेता घोषित किया गया है. यह बदलाव सिर्फ पदों की अदला-बदली तक सीमित नहीं है, बल्कि इससे कांग्रेस की रणनीतिक सोच और जातीय समीकरणों को लेकर अब तक अपनाई गई परंपरागत नीतियों में भी एक स्पष्ट परिवर्तन नजर आता है.
20 साल पुरानी परंपरा टूटी, अपनाया नया नेतृत्व मॉडल
भूपिंदर सिंह हुड्डा को CLP नेता घोषित करना एक लंबे समय से चली आ रही मांग का औपचारिक निष्कर्ष है. पार्टी के कई विधायक और वरिष्ठ नेता लगातार इस बात का समर्थन करते आ रहे थे कि हुड्डा को फिर से विधायक दल का नेता बनाया जाए. इस फैसले से न केवल हुड्डा के समर्थकों को संतोष मिलेगा, बल्कि पार्टी के भीतर नेतृत्व को लेकर चल रही अनिश्चितता भी दूर होगी.
कौन हैं राव नरेंद्र सिंह, क्या है उनका राजनीतिक सफर ?
राव नरेंद्र सिंह की ताजपोशी ऐसे समय पर हुई है जब हरियाणा में कांग्रेस एकजुटता और स्थायित्व की चुनौती का सामना कर रही है. उनकी नियुक्ति से पार्टी को दक्षिण हरियाणा में अपनी पकड़ मजबूत करने की उम्मीद है, जहां बीजेपी और अन्य क्षेत्रीय दलों ने हाल के वर्षों में जनाधार बढ़ाया है.
राजनीतिक संदेश और संभावित असर
राव नरेंद्र सिंह और भूपिंदर सिंह हुड्डा की संयुक्त अगुवाई में कांग्रेस हरियाणा में 2024 के बाद 2025 विधानसभा चुनाव की तैयारी कर रही है. हालांकि, जातीय समीकरणों को लेकर यह बदलाव कुछ नाराजगी भी पैदा कर सकता है, खासकर दलित समुदाय के नेताओं के बीच, जिनका अब तक PCC अध्यक्ष पद पर प्रतिनिधित्व होता रहा है. लेकिन कांग्रेस नेतृत्व शायद इस नए फॉर्मूले को एक प्रयोग के तौर पर देख रहा है, जो पार्टी की संगठित शक्ति, स्थायित्व और व्यापक नेतृत्व क्षमता को प्रदर्शित करता है.
यह भी माना जा रहा है कि कांग्रेस इस बदलाव के जरिए पार्टी में गुटबाजी को नियंत्रित करने, संगठित नेतृत्व के संकेत देने और एकजुट चेहरा प्रस्तुत करने की कोशिश कर रही है. साथ ही, राव नरेंद्र सिंह जैसे अनुभवी नेता को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर कांग्रेस यह भी दिखाना चाहती है कि वह केवल दिखावटी चेहरों पर नहीं, बल्कि जमीन से जुड़े और प्रशासनिक समझ रखने वाले नेताओं पर भरोसा करती है.


