इटावा में जाति नहीं, अभद्रता बनी कथावाचक की पिटाई की वजह! लोग बोले—ठीक किया
इटावा के दादरपुर गांव में 21 जून को यादव कथावाचक मुकुट मणि और संत सिंह व्यास कथा के लिए पहुंचे थे. लेकिन 22 जून की रात उनके साथ मारपीट हुई. पहले मामला जातीय हिंसा का माना गया, लेकिन अब आरोप है कि महिलाओं से अभद्रता के चलते पिटाई हुई थी.

उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में कथावाचकों के साथ मारपीट और अभद्र व्यवहार के मामले में अब एक नया मोड़ आ गया है. जहां पहले यादव समुदाय से जुड़े दो कथावाचकों के साथ अमानवीय व्यवहार की खबर ने बवाल खड़ा किया था, वहीं अब ब्राह्मण महासभा ने उन कथावाचकों पर ही गंभीर आरोप लगाते हुए उन्हें आरोपी बनाने की मांग की है.
मंगलवार को ब्राह्मण महासभा के प्रदेश अध्यक्ष अरुण दुबे के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बृजेश कुमार श्रीवास्तव से मुलाकात की और कथावाचकों के खिलाफ शिकायत सौंपी. महासभा का आरोप है कि कथावाचकों ने महिलाओं के साथ अभद्र व्यवहार किया, धार्मिक भावना भड़काई और अपनी जाति को जानबूझकर छुपाया. महासभा ने चेतावनी दी है कि अगर इस मामले में जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो वे आंदोलन करेंगे.
पीड़ित महिला की आपत्ति और आधार कार्ड विवाद
महिला रेनू तिवारी ने कथावाचकों पर व्यक्तिगत आरोप लगाते हुए कहा कि एक कथावाचक ने उनके साथ अभद्र भाषा का प्रयोग किया. इसके बाद जब कथावाचक का झोला चेक किया गया तो उसमें से एक आधार कार्ड मिला, जिसमें ‘अग्निहोत्री’ लिखा हुआ था. इससे कथावाचक की जाति को लेकर संदेह पैदा हुआ और यह आरोप लगाया गया कि कथावाचक ने जानबूझकर अपनी जाति को छुपाया ताकि गांववालों को भ्रमित किया जा सके.
समाजवादी पार्टी का विरोध
वहीं दूसरी ओर, समाजवादी पार्टी ने इस पूरे घटनाक्रम को जातीय द्वेष की साजिश बताया है. पार्टी के जिलाध्यक्ष प्रदीप शाक्य ने कहा कि अगर कथावाचकों के खिलाफ पहले से कोई आपत्ति थी तो पहले शिकायत क्यों नहीं की गई. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर कथावाचकों के खिलाफ झूठी कार्रवाई की गई, तो सपा भी सड़क पर उतरकर आंदोलन करेगी.
अभी तक कोई लिखित तहरीर नहीं
एसएसपी बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि बकेवर मामले में दोनों पक्षों से बातचीत हुई है, लेकिन अब तक कथावाचकों के खिलाफ कोई लिखित तहरीर नहीं मिली है. पुलिस फिलहाल निष्पक्ष जांच कर रही है और दोषी पाए जाने पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
सोशल मीडिया पर बंटी राय
इस विवाद के सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर भी प्रतिक्रिया तेज हो गई है. कई लोग कथावाचकों के साथ हुई मारपीट को गलत बता रहे हैं, वहीं कुछ लोगों ने महिलाओं के साथ कथित अभद्रता को लेकर कथावाचकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है.


