20 नवंबर को CM पद की शपथ लेंगे नीतीश कुमार, PM मोदी, अमित शाह समेत कई राज्यों के मुख्यमंत्री होंगे शामलि
बिहार में नीतीश कुमार लगातार पांचवीं बार मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं. शपथ ग्रहण समारोह गुरुवार को गांधी मैदान, पटना में होगा. भाजपा और जद (यू) गठबंधन मंत्रिपरिषद में मंत्रालयों और विधानसभा अध्यक्ष पद को लेकर बातचीत कर रहे हैं.

पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में होने वाले शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियों का जायजा लिया. यह समारोह गुरुवार सुबह 11 बजे आयोजित किया जाएगा और इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, कई केंद्रीय मंत्री और एनडीए शासित राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल होंगे. यह नीतीश कुमार का बिहार में लगातार पांचवां कार्यकाल होगा.
बैठक में मंत्रिपरिषद और महत्वपूर्ण पदों के पर चर्चा हुई
विधान पार्टी की बैठक में तय होगा उपमुख्यमंत्री
जद (यू) और भाजपा दोनों की विधान पार्टी की बैठकें बुधवार को होंगी, जिसमें उपमुख्यमंत्री पद के उम्मीदवारों का संकेत मिल सकता है. पिछली सरकार में दो उपमुख्यमंत्री थे सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा. दोनों पिछली बार जीत चुके हैं और पिछली सरकार में सामाजिक और जातिगत संतुलन बनाए रखा गया था.
मंत्रिपरिषद का अधिकतम आकार 15% हो सकता है
बिहार विधानसभा में कुल 243 सदस्य हैं. संवैधानिक रूप से मंत्रिपरिषद का अधिकतम आकार 15% यानी 36 मंत्री हो सकता है, जिसमें मुख्यमंत्री भी शामिल हैं. भाजपा और जद (यू) दोनों गृह मंत्रालय पर नजर बनाए हुए हैं, जबकि शिक्षा मंत्रालय भी चर्चा का विषय है. दोनों पक्ष विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए इच्छुक हैं. संभावित उम्मीदवार भाजपा के प्रेम कुमार और जद (यू) के विजय चौधरी हैं. पिछले विधानसभा में भाजपा के नंद किशोर यादव अध्यक्ष थे, जबकि जद (यू) के नरेंद्र नारायण यादव उपाध्यक्ष रहे.
मंत्रिपरिषद में नई रूपरेखा की संभावना
एनडीए नेताओं का कहना है कि नई सरकार में युवा और अनुभवी नेताओं का संतुलन रखा जा सकता है. यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सामाजिक और जातिगत समीकरण प्रभावित न हों. भाजपा ने उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को केंद्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त किया है, जबकि केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और वरिष्ठ नेता साध्वी निरंजन जोती सह-पर्यवेक्षक होंगे.
मंत्रिपरिषद गठन की प्रक्रिया
नीतीश कुमार संभवतः बुधवार को पहले जद (यू) विधान पार्टी के नेता चुनेंगे और फिर एनडीए के नेता के रूप में चुने जाएंगे. इसके बाद वह राज्यपाल अरिफ मोहम्मद खान को इस्तीफा देंगे और नए सरकार गठन के लिए सभी सहयोगी दलों का समर्थन पत्र सौंपेंगे.
मंत्रिपरिषद के पद वितरण का आधार
एनडीए के वरिष्ठ नेताओं के अनुसार, नई सरकार के ढांचे में मंत्रियों का वितरण इस आधार पर किया जाएगा कि प्रत्येक घटक दल ने कितनी सीटें जीती हैं. लगभग हर छह विधायकों के लिए एक मंत्री पद दिया जाएगा. राष्ट्री य लोक मोर्चा और हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) को एक-एक पद, एलजेपी (रामविलास) को तीन पद और शेष 30–31 पद भाजपा और जद (यू) में बांटे जाएंगे.


