BLO पर धमकी और दबाव ना...चुनाव आयोग ने तृणमूल कांग्रेस को दिया सख्त निर्देश
चुनाव आयोग ने तृणमूल कांग्रेस (TMC) को कड़ा निर्देश दिया है कि बीएलओ (BLO) पर किसी भी तरह का दबाव या धमकी न दी जाए. एसआईआर के दौरान मतदान अधिकारियों को स्वतंत्र और निष्पक्ष रूप से काम करने दिया जाएगा.

नई दिल्ली : पश्चिम बंगाल में चुनावी तैयारियों के बीच चुनाव आयोग (Election Commission of India) ने तृणमूल कांग्रेस (TMC) को सख्त चेतावनी दी है कि बूथ लेवल अधिकारियों (BLO) पर किसी भी प्रकार का दबाव या धमकी नहीं दी जाए. आयोग ने विशेष रूप से यह निर्देश दिया कि सर्वे ऑफ राइटर्स (SIR) के दौरान BLO को पूरी स्वतंत्रता और निष्पक्षता के साथ कार्य करने दिया जाए. उन्हें मृत मतदाता, स्थानांतरित मतदाता और डुप्लीकेट वोटर्स की जानकारी भरने में किसी प्रकार का हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए.
तृणमूल कांग्रेस की चिंताओं का खंडन
BLO पर राजनीतिक दबाव या धमकियां न दी जाएं
हाल ही में पश्चिम बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) के कार्यालय में सुरक्षा उल्लंघन की घटनाओं का हवाला देते हुए आयोग ने निर्देश दिया कि कार्यालय को अधिक सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित किया जाए. इसके अलावा, कोलकाता पुलिस आयुक्त को निर्देश दिया गया है कि मौजूदा और नए प्रांगण दोनों में सुरक्षा की पूरी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए. इस दिशा में पश्चिम बंगाल के पुलिस महानिदेशक और कोलकाता पुलिस कमिश्नर को औपचारिक पत्र भेजा गया. इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि BLO पर राजनीतिक दबाव या धमकियां न दी जाएं और मतदान प्रक्रिया पूरी निष्पक्षता के साथ चले.
SIR के दूसरे चरण की प्रगति
चुनाव आयोग ने एसआईआर के दूसरे चरण के बारे में भी जानकारी साझा की. आयोग ने बताया कि लगभग 38 करोड़ फॉर्म यानी 74 प्रतिशत से अधिक डिजिटाइज हो चुके हैं. इसके अलावा, 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 99.43 प्रतिशत (50.68 करोड़) मतदाताओं को गणना फॉर्म मिल चुके हैं. इन फॉर्म को जमा करने के लिए अभी सात दिन शेष हैं. आयोग ने सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे झोपड़पट्टियों, उच्च इमारतों और गेटेड कॉलोनियों में नए मतदान केंद्रों का निर्माण सुनिश्चित करें ताकि मतदाता सूची और मतदान प्रक्रिया में कोई कमी न रह सके.
भविष्य की तैयारियां और निष्पक्षता पर जोर
चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया कि पूरे निर्वाचन प्रक्रिया में स्वतंत्र और निष्पक्ष कार्यवाही प्राथमिकता होगी. बीएलओ और निर्वाचन अधिकारियों की सुरक्षा, राजनीतिक दबाव से मुक्ति और डिजिटल मतदाता सूची की सटीकता पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. इस कदम से चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा सुनिश्चित होगी. इस प्रकार, आयोग ने तृणमूल कांग्रेस और सभी संबंधित अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए हैं कि वे निर्वाचन प्रक्रिया में हस्तक्षेप न करें और लोकतंत्र की गरिमा बनाए रखें.


