यूपी BJP की कमान पंकज चौधरी को या आएगा बड़ा ट्विस्ट? नामांकन आज, दिल्ली से लखनऊ तक हलचल
उत्तर प्रदेश में बीजेपी की कमान अब किसके हाथ में जाएगी? ये सवाल जल्द ही हल होने वाला है. आज यानी शनिवार, 13 दिसंबर को दोपहर 2 बजे से 3 बजे तक प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल किए जाएंगे. इसके बाद उम्मीदवारों को शाम 5 बजे तक अपना नाम वापस लेने का मौका मिलेगा.

नई दिल्ली: देश में सबसे ज्यादा लोकसभा सीटों वाले उत्तर प्रदेश पर एक बार फिर सियासी नजरें टिकी हुई हैं. वजह साफ है शनिवार, 13 दिसंबर को यह तय होना है कि भारतीय जनता पार्टी को यूपी में नया प्रदेश अध्यक्ष कौन मिलेगा. दिल्ली से लेकर लखनऊ तक लगातार बैठकों और मंथन का दौर चला है और अब सभी की निगाहें सिर्फ आधिकारिक ऐलान पर टिकी हैं.
बीजेपी संगठन के भीतर लंबे समय से चल रही चर्चाओं के बीच यह सवाल सबसे अहम है कि क्या इस बार प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर कोई चौंकाने वाला चेहरा सामने आएगा. कई नामों पर मंथन हो चुका है और संकेत मिल रहे हैं कि फैसला लगभग तय है, बस औपचारिक घोषणा बाकी है.
पंकज चौधरी के नामांकन की चर्चा तेज
इसी बीच यह जानकारी सामने आई है कि केंद्र सरकार में वित्त राज्यमंत्री और महाराजगंज से सातवीं बार सांसद चुने गए पंकज चौधरी प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए नामांकन कर सकते हैं. सूत्रों के मुताबिक, उनके नाम पर पिछले कई दिनों से गंभीर चर्चा चल रही है और संभावना जताई जा रही है कि शनिवार को वे औपचारिक रूप से चुनाव मैदान में उतर सकते हैं.
पंकज चौधरी ओबीसी समाज से आते हैं, जो मौजूदा सियासी समीकरणों में एक अहम फैक्टर माना जा रहा है. हालांकि, सस्पेंस अभी पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है, क्योंकि यह भी कहा जा रहा है कि बीजेपी अंतिम समय पर किसी सरप्राइज चेहरे का ऐलान कर सकती है.
शनिवार को तय होगी तस्वीर, शाम तक हो सकता है फैसला
दरअसल, उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लेकर पहले ही योगी बहुत हैं उपयोगी का संदेश शीर्ष नेतृत्व की ओर से दिया जा चुका है. अब सवाल यह है कि सरकार के मुखिया के साथ संगठन की कमान किसे सौंपी जाएगी. शनिवार को दोपहर 2 बजे से 3 बजे तक प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए नामांकन होगा. इसके बाद शाम 5 बजे तक नामांकन वापसी का समय तय किया गया है. अगर एक से अधिक नामांकन नहीं होते हैं, तो उसी दिन यह साफ हो जाएगा कि यूपी बीजेपी का अगला अध्यक्ष कौन होगा.
क्या अध्यक्ष का नाम पहले ही फाइनल हो चुका है?
सूत्रों का दावा है कि उत्तर प्रदेश में बीजेपी के नए प्रदेश अध्यक्ष का नाम लगभग तय हो चुका है. गुरुवार को दिल्ली में बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व और संगठन मंत्री बीएल संतोष के साथ मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी की बैठक हुई थी. इतना ही नहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी यूपी के बीजेपी सांसदों के साथ बैठक कर चुके हैं. बताया जा रहा है कि एनडीए सांसदों से बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री ने खुद को मजदूर बताते हुए कहा, “आप बस काम करिए, ये मजदूर आपके पीछे खड़ा है.” इस संदेश को संगठन और सरकार के बीच मजबूत तालमेल के संकेत के तौर पर देखा जा रहा है.
प्रदेश अध्यक्ष की रेस में इन चेहरों के नाम
फिलहाल यूपी बीजेपी अध्यक्ष पद के लिए छह प्रमुख नामों की चर्चा सबसे ज्यादा है. इनमें पंकज चौधरी, बीएल वर्मा, साध्वी निरंजन ज्योति, बाबूराम निषाद, धर्मपाल सिंह और स्वतंत्र देव सिंह शामिल हैं. इसके अलावा एक नाम ऐसा भी बताया जा रहा है, जो सरप्राइज के तौर पर सामने आ सकता है डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य.
क्यों पिछड़े वर्ग पर सबसे ज्यादा फोकस?
पिछले चुनावी आंकड़ों को देखें तो इसके पीछे सियासी वजहें साफ नजर आती हैं. 2019 की तुलना में 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को ओबीसी वर्ग का समर्थन कम हुआ है. कुर्मी-कोइरी वोट 80 फीसदी से घटकर 61 फीसदी रह गया, जबकि अन्य ओबीसी वोट भी 74 फीसदी से घटकर 59 फीसदी तक सिमट गया.
यही कारण है कि यह लगभग तय माना जा रहा है कि यूपी बीजेपी की कमान किसी पिछड़े वर्ग के नेता को ही सौंपी जाएगी. हालांकि, यह चेहरा कौन होगा, इस पर अभी अंतिम मुहर लगनी बाकी है.
क्या केशव प्रसाद मौर्य होंगे सरप्राइज नाम?
सियासी गलियारों में यह चर्चा भी तेज है कि क्या बीजेपी किसी हैवीवेट नेता को सीधे प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंप सकती है. संगठन मंत्री बीएल संतोष के लखनऊ दौरे के बाद इन अटकलों को और हवा मिली है.
याद दिला दें कि केशव प्रसाद मौर्य के प्रदेश अध्यक्ष रहते ही बीजेपी 2017 में उत्तर प्रदेश की सत्ता में लौटी थी. प्रदेश में बीते 11 महीनों से नए अध्यक्ष का इंतजार किया जा रहा है, जो अलग-अलग कारणों से टलता रहा. 16 दिसंबर 2025 से खरमास शुरू हो रहा है, जब नई शुरुआत को शुभ नहीं माना जाता. ऐसे में शनिवार तक फैसला करने की पूरी तैयारी मानी जा रही है.


