मान सरकार की 'जीरो बिल' गारंटी से रोशन हुआ पंजाब; 11.40 करोड़ 'ज़ीरो बिल' जारी, पिछली सरकारों को दिखाया आईना
पंजाब सरकार की ‘जीरो बिजली बिल’ योजना ने राज्य के 90% घरों को मुफ्त बिजली का लाभ दिया है. जुलाई 2022 से अब तक 11.40 करोड़ जीरो बिल जारी किए गए, जिससे लाखों परिवारों को हर महीने ₹1500-₹2000 की बचत हो रही है.

पंजाब : पंजाब आज एक ऐसे शासन मॉडल का उदाहरण बन चुका है, जिसने आम आदमी के जीवन से एक लंबे समय से जुड़ा आर्थिक बोझ हटा दिया है. मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार ने ‘जीरो बिजली बिल’ गारंटी को जिस प्रतिबद्धता और पारदर्शिता के साथ लागू किया, वह केवल एक चुनावी घोषणा नहीं, बल्कि सामाजिक परिवर्तन की दिशा में उठाया गया ऐतिहासिक कदम है. यह योजना न केवल घरों में उजाला भर रही है, बल्कि लोगों के जीवन में वास्तविक आर्थिक राहत लेकर आई है.
जनता को सीधी राहत, 90 % घरों में जीरो बिल
साढ़े तीन साल में 11.40 करोड़ जीरो बिल जारी
जुलाई 2022 में योजना शुरू होने के बाद से लेकर 31 अक्टूबर 2025 तक पंजाब सरकार ने कुल 11.39 करोड़ ‘जीरो बिजली बिल’ जारी किए हैं. इतना ही नहीं, लगभग 13.46 करोड़ उपभोक्ताओं ने सब्सिडी वाली बिजली का लाभ उठाया है. यह आंकड़े यह दर्शाते हैं कि राज्य सरकार ने अपनी गारंटियों को जमीनी स्तर पर साकार कर दिखाया है जहां पहले वादे कागज़ों में सीमित रह जाते थे, वहाँ अब नतीजे लोगों के घरों तक पहुँच चुके हैं.
पिछली सरकारों की नाकामी
पिछली सरकारें जनता को केवल वोट बैंक के रूप में देखती रहीं. बिजली दरों में राहत देने की न तो उनके पास इच्छाशक्ति थी और न ही दीर्घकालिक योजना का दृष्टिकोण. जबकि वर्तमान सरकार ने यह साबित कर दिया कि जब नीयत साफ और नीति मजबूत हो, तो किसी भी वर्ग तक राहत पहुँचाना मुश्किल नहीं है. भगवंत मान के नेतृत्व में पंजाब प्रशासन ने दिखाया कि शासन केवल सत्ता का माध्यम नहीं, बल्कि जनता की सेवा का जरिया है.
‘रोशन पंजाब मिशन’, किसानों से लेकर आम परिवार तक
‘जीरो बिजली बिल’ योजना केवल घरेलू उपभोक्ताओं तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पंजाब के ‘अन्नदाताओं’ के लिए भी जीवनरेखा बनी है. राज्य के लगभग 13.50 लाख किसानों को खेती के लिए मुफ्त बिजली मिल रही है, जिससे उनकी लागत घट रही है और कृषि उत्पादन बढ़ रहा है. यह न सिर्फ किसानों की आय बढ़ाने में मददगार है, बल्कि देश की खाद्य सुरक्षा को भी सुदृढ़ कर रहा है. जहाँ पहले किसानों को बढ़ते खर्चों का सामना करना पड़ता था, वहीं अब उन्हें राहत और सम्मान दोनों मिल रहे हैं.
निरंतरता और वित्तीय प्रबंधन का उदाहरण
इस योजना की सबसे बड़ी ताकत इसका निरंतर क्रियान्वयन है. वित्तीय वर्ष 2023-24 में 3.60 करोड़ से अधिक ‘जीरो बिजली बिल’ जारी हुए, जबकि 2024-25 में यह संख्या 3.46 करोड़ से अधिक रही. यह निरंतरता दर्शाती है कि सरकार ने न केवल वादे किए, बल्कि मजबूत वित्तीय अनुशासन और योजनाबद्ध तरीके से उन्हें पूरा किया.
‘मुफ्त’ नहीं, बल्कि ‘स्मार्ट पॉलिसी’
यह योजना केवल ‘मुफ्त बिजली’ की परिभाषा तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक सुविचारित और न्यायसंगत नीति है. 600 यूनिट तक की खपत पर उपभोक्ताओं को न तो बिजली का भुगतान करना पड़ता है, न ही किसी प्रकार के फिक्स्ड चार्ज, मीटर रेंट या टैक्स देना होता है. इसके साथ ही, SC/BC/BPL जैसे कमजोर वर्गों को अतिरिक्त राहत देने के लिए यह प्रावधान किया गया है कि यदि उनकी खपत 600 यूनिट से अधिक भी हो जाए, तो उन्हें केवल अतिरिक्त यूनिट का ही भुगतान करना पड़ेगा.
नया युग, नया पंजाब
11.40 करोड़ जीरो बिल, 90% घरों को राहत, 73.87 लाख परिवारों और 13.50 लाख किसानों को लाभ — ये आँकड़े केवल उपलब्धियाँ नहीं हैं, बल्कि एक नए युग की घोषणा हैं. यह ‘पंजाब मॉडल’ खोखले नारों पर नहीं, बल्कि जनता के विश्वास और सरकार की पारदर्शी नीति पर आधारित है. भगवंत मान सरकार ने साबित किया है कि यदि नीयत ईमानदार हो, तो जनता के जीवन में उजाला फैलाना केवल एक सपना नहीं, बल्कि साकार हकीकत बन सकता है.


