22 साल में संन्यास, 26 में सांसद और अब यूपी के मुख्यमंत्री... जानिए CM योगी के जीवन की दिलचस्प बात
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 5 जून को अपना 53वां जन्मदिन मना रहे हैं.उनका जीवन त्याग, तपस्या और संघर्ष की मिसाल है.अजय सिंह बिष्ट नाम के इस युवक ने 22 वर्ष की उम्र में संन्यास लिया और गोरखनाथ मंदिर से जुड़कर नाथ संप्रदाय का हिस्सा बने. तो चलिए आज उनके जन्मदिन के खास मौके पर उनके बारे में जानते हैं.

5 जून को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपना 53वां जन्मदिन मना रहे हैं। इस दिन को विशेष बनाता है विश्व पर्यावरण दिवस भी, जिसे लेकर सीएम योगी की गहरी रुचि जगजाहिर है। लेकिन उनके जीवन की सबसे प्रेरणादायक बात यह है कि कैसे एक सामान्य परिवार से आने वाला युवक, जिसने मात्र 22 साल की उम्र में संन्यास ले लिया था, देश के सबसे बड़े राज्य का मुख्यमंत्री बना.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का असली नाम अजय सिंह बिष्ट है। उनका जीवन साधारण नहीं, बल्कि असाधारण संघर्षों और तप का परिचायक है। एक समय था जब उन्होंने अपना घर, परिवार और सांसारिक जीवन त्याग कर गोरखनाथ पीठ का रुख किया, और फिर राजनीति में कदम रखते ही इतिहास रच दिया.
उत्तराखंड के एक छोटे से गांव से शुरू हुई यात्रा
सीएम योगी आदित्यनाथ का जन्म 5 जून 1972 को उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले के पंचूर गांव में हुआ था। उनके पिता आनंद सिंह बिष्ट फॉरेस्ट रेंजर थे और माता सावित्री देवी एक साधारण गृहिणी। वे अपने चार भाई और तीन बहनों में पांचवें नंबर पर हैं.
पढ़ाई के बाद गोरखपुर और राम मंदिर आंदोलन से जुड़ाव
योगी आदित्यनाथ की शुरुआती शिक्षा पौड़ी में हुई और फिर उन्होंने हेमवती नंदन बहुगुणा विश्वविद्यालय से बीएससी की डिग्री ली। इसी दौरान वे गोरखपुर पहुंचे और वहां राम मंदिर आंदोलन से प्रभावित हुए। यह समय उनके जीवन की दिशा बदलने वाला साबित हुआ.
22 की उम्र में लिया संन्यास, बन गए 'योगी'
साल 1994 में उन्होंने गोरखनाथ मंदिर के महंत अवैद्यनाथ से दीक्षा ली और संन्यास ले लिया। तब उनकी उम्र सिर्फ 22 साल थी। 14 जनवरी 1994 को वे विधिवत रूप से 'योगी' बन गए और तभी उनका नया नाम पड़ा — योगी आदित्यनाथ.
महज 26 साल में बन गए सांसद
साल 1998 में महंत अवैद्यनाथ ने उन्हें अपना उत्तराधिकारी घोषित किया। उसी वर्ष योगी आदित्यनाथ ने राजनीति में कदम रखा और लोकसभा चुनाव लड़ा। मात्र 26 साल की उम्र में वे भारत के सबसे युवा सांसदों में शुमार हो गए.
लगातार 5 बार बने सांसद
योगी आदित्यनाथ ने 1998, 1999, 2004, 2009 और 2014 में लगातार पांच बार गोरखपुर से लोकसभा चुनाव जीता। उनकी लोकप्रियता लगातार बढ़ती गई और उनकी छवि एक तेजतर्रार हिंदुत्ववादी नेता के रूप में उभरने लगी.
2017 में बने यूपी के मुख्यमंत्री
साल 2017 में भारतीय जनता पार्टी की ऐतिहासिक जीत के बाद योगी आदित्यनाथ को उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया गया। जनसंख्या की दृष्टि से देश के सबसे बड़े राज्य की बागडोर संभालते हुए उन्होंने कई अहम फैसले लिए और प्रशासनिक शैली से सबको चौंकाया.
संन्यास के बाद कभी नहीं मनाया जन्मदिन
संन्यास लेने के बाद से योगी आदित्यनाथ ने कभी अपना जन्मदिन निजी तौर पर नहीं मनाया। हालांकि, उनके समर्थक और अनुयायी हर साल 5 जून को उनके जन्मदिन को उत्सव की तरह मनाते हैं.
पारिवारिक रिश्तों से भी नहीं तोड़ा नाता
हालांकि उन्होंने संन्यास लिया, लेकिन परिवार से उनका भावनात्मक जुड़ाव बना रहा। बताया जाता है कि 1993 में घर छोड़ने के बाद वे पहली बार 1997 में अपने गांव लौटे। हाल ही में वे अपने भतीजे की शादी में उत्तराखंड दो दिन के लिए गए थे.
आजीवन भगवा वस्त्र और नाथ संप्रदाय की परंपरा
दीक्षा के दिन से ही योगी आदित्यनाथ भगवा वस्त्र धारण करते हैं। उन्होंने नाथ संप्रदाय की परंपरा को न सिर्फ अपनाया बल्कि अपने राजनीतिक जीवन में भी उसका पालन किया। गोरखनाथ मंदिर के प्रमुख के रूप में वे न सिर्फ धार्मिक बल्कि सामाजिक कार्यों में भी सक्रिय रहे.


