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पंजाब सरकार की पहल रंग लाई... SSF ने रचा इतिहास, अब तक 35 हजार लोगों की बचाई जान

पंजाब सरकार की सड़क सुरक्षा फोर्स (SSF) ने दुर्घटनाओं में तेजी से रेस्क्यू कर अब तक 35,000 से ज्यादा लोगों की जान बचाई है. टेक्नोलॉजी, महिला भागीदारी और समयबद्ध रिस्पॉन्स से ये फोर्स राज्य में सड़क सुरक्षा का नया मानक बन चुकी है.

पंजाब सरकार ने एक ऐसा काम कर दिखाया है जो पहले किसी भी सरकार ने नहीं किया. सड़क सुरक्षा फोर्स यानी एसएसएफ अब पंजाब के हर कोने में भरोसे की नई ताकत बनकर उभर रही है. ये फोर्स ना केवल दुर्घटनाओं को रोक रही है, बल्कि ज़िंदगियां बचा रही है, घरों को उजड़ने से रोक रही है और हर पंजाबी को ये अहसास दिला रही है कि सरकार हर पल, हर मोड़ पर उनके साथ खड़ी है.

कब शुरू हुई थी SSF की पहल?

जनवरी 2024 में जब भगवंत मान सरकार ने ये फोर्स शुरू की थी, तब शायद ही किसी ने सोचा था कि इतना बड़ा बदलाव कुछ महीनों में दिखने लगेगा. आज पंजाब की 4100 किलोमीटर लंबी सड़कों पर हर 30 किलोमीटर पर SSF की टीमें तैनात हैं. टोयोटा हिलक्स और महिंद्रा स्कॉर्पियो जैसे हाईटेक वाहनों से लैस ये टीमें हादसे की सूचना मिलते ही 5 से 7 मिनट में घटनास्थल पर पहुंच जाती हैं. घायल को तुरंत फर्स्ट एड देकर अस्पताल पहुंचाया जाता है. अब तक 35,000 से ज्यादा लोगों की जान बच चुकी है.

महिलाओं को भी मिली अग्रणी भूमिका

मान सरकार ने इस फोर्स में पंजाब की बेटियों को भी आगे किया है. आज 28% महिलाएं एसएसएफ का हिस्सा हैं. ये सिर्फ एक नौकरी नहीं, बल्कि भरोसे की ड्यूटी है, जो दिखाती है कि सरकार असली बदलाव कर रही है. यही असली सशक्तिकरण है. 

अपराधों की रोकथाम में भी अहम भूमिका

एसएसएफ ने नशा तस्करी, चोरी की गाड़ियों और आत्महत्या के मामलों में भी शानदार काम किया है. अब तक आत्महत्या का प्रयास कर चुके 12 लोगों को वक्त रहते रोका गया. लेट नाइट महिला यात्रियों, स्कूली बच्चों और पर्यटकों को सुरक्षित पहुंचाना अब इस फोर्स का रोज का काम बन गया है. 

पहली बार नहीं हुई बच्चों की सड़क हादसे में मौत

सबसे गर्व की बात ये है कि 2024 में एसएसएफ के तैनात क्षेत्रों में स्कूल जाते या लौटते किसी भी बच्चे की मौत सड़क हादसे में नहीं हुई. ये पहली बार है जब पंजाब में ऐसा हुआ है, जो दिखाता है कि सरकार ने कागज पर नहीं, जमीन पर काम किया है. ये फोर्स पूरी तरह से टेक्नोलॉजी से जुड़ी हुई है- स्पीड गन, बॉडी कैमरा, ई-चालान सिस्टम, मोबाइल डेटा और AI तकनीक का इस्तेमाल हो रहा है, ताकि पुलिसिंग तेज, स्मार्ट और पारदर्शी हो.

अस्पताल का खर्च और बीमा क्लेम में गिरावट

SSF की वजह से अस्पतालों में खर्च कम हुआ है, बीमा के क्लेम घटे हैं और लोगों को मानसिक राहत भी मिली है. टूरिज्म में वृद्धि हुई है, ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार आया है और लोगों का सरकार पर भरोसा और भी मजबूत हुआ है. SSF की सफलता एक योजना नहीं, उस सोच की जीत है जो आम लोगों की ज़िंदगी को प्राथमिकता देती है.

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01 August 2025, 06:17 PM IST

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