घर बदला तो आधार में भी बदलना होगा एड्रेस, मिनटों में करें ऑनलाइन अपडेट
अगर आप हाल ही में नए घर या शहर में शिफ्ट हुए हैं, तो सबसे पहले अपने आधार कार्ड का एड्रेस अपडेट करना न भूलें. एड्रेस अपडेट करना अब ऑनलाइन घर बैठे कुछ ही मिनटों में पूरा हो सकता है. आइए जानें इसका आसान तरीका.

Aadhaar Card Address Update: अगर आप हाल ही में नए घर या नए शहर में शिफ्ट हुए हैं, तो आपके लिए सबसे जरूरी कामों में से एक है अपने आधार कार्ड का पता अपडेट करना. आधार कार्ड आज लगभग हर सरकारी और निजी सेवा का आधार बन चुका है. ऐसे में अगर इसमें पुराना या गलत पता दर्ज है, तो बैंकिंग, एयरपोर्ट वेरिफिकेशन, ई-कॉमर्स डिलीवरी से लेकर सरकारी योजनाओं तक हर जगह दिक्कत हो सकती है.
भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) समय-समय पर सलाह देता है कि आधार की जानकारी अपडेट रखना बेहद जरूरी है. चाहे एड्रेस बदलना हो या बायोमेट्रिक डिटेल्स में सुधार करना हो, UIDAI के पोर्टल पर यह प्रक्रिया बेहद आसान बना दी गई है. खासतौर पर एड्रेस अपडेट करना अब ऑनलाइन घर बैठे कुछ ही मिनटों में पूरा हो सकता है.
आधार कार्ड में ऑनलाइन एड्रेस बदलने का तरीका
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सबसे पहले आधार सेल्फ-अपडेट पोर्टल पर जाएं, myaadhaar.uidai.gov.in
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"My Aadhaar" सेक्शन में जाकर Update Your Aadhaar पर क्लिक करें.
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यहां से Update Aadhaar Online विकल्प चुनें.
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अपना आधार नंबर दर्ज करें और रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर आए OTP से लॉगिन करें.
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एड्रेस अपडेट करने का विकल्प चुनें.
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नया पता सही-सही दर्ज करें.
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आधार एड्रेस प्रूफ (जैसे आधार योग्य डॉक्युमेंट) को स्कैन करके JPEG, PNG या PDF फॉर्मेट (2MB से कम साइज) में अपलोड करें.
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सबमिट करने के बाद आपको एक सर्विस रिक्वेस्ट नंबर (SRN) मिलेगा, जिससे अपडेट का स्टेटस ट्रैक किया जा सकता है.
कब जरूरी है बायोमेट्रिक अपडेट करना?
UIDAI का कहना है कि बच्चों के आधार में बायोमेट्रिक शुरू में पूरी तरह दर्ज नहीं होते. इसलिए जैसे ही बच्चा 15 साल का होता है, उसे अपना बायोमेट्रिक अनिवार्य रूप से अपडेट कराना चाहिए.
इसके अलावा, अगर किसी व्यक्ति का बायोमेट्रिक किसी मेडिकल प्रक्रिया, एक्सीडेंट या अन्य कारण से बदल गया है, तो उसे भी आधार केंद्र पर जाकर अपडेट करना जरूरी है.
अगर अपडेट नहीं किया तो हो सकती हैं ये दिक्कतें
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पता या जानकारी मेल नहीं खाने से बैंक ट्रांजेक्शन फेल हो सकते हैं.
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एयरपोर्ट चेक-इन के समय आधार आधारित वेरिफिकेशन में परेशानी हो सकती है.
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सरकारी योजनाओं का लाभ पाने में बाधा आ सकती है.
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गलत जानकारी होने पर OTP या अन्य वेरिफिकेशन फेल हो सकते हैं.
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अपडेटेड जानकारी से सरकार का डेटाबेस सुरक्षित रहता है और धोखाधड़ी की संभावना कम होती है.


