Starlink: ग्रामीण भारत को हाईस्पीड इंटरनेट से जोडेंगे एलन मस्क, कंपनी ने लाइसेंस के लिया किया अप्लाई

Starlink: एलन मस्क की स्टारलिंक कंपनी को सैटेलाइट की मदद से भारतीय बाज़ार में मोबाइल और ब्रॉडबैंड जैसी सेवायें मुहैया करने के लिए जल्दी ही लाइसेंस मिल सकता है. कंपनी ने संबंधित सेवायें मुहैया कराने के लिए लाइसेंस के लिए अप्लाई कर दिया है.

Manoj Aarya
Manoj Aarya

Elon Musk Starlink: एलन मस्क की स्टारलिंक कंपनी को सैटेलाइट की मदद से भारतीय बाज़ार में मोबाइल और ब्रॉडबैंड जैसी सेवायें मुहैया करने के लिए जल्दी ही लाइसेंस मिल सकता है. कंपनी ने भारत में Global Mobile Personal Communication by Satellite यानी GMPCS संबंधित सेवायें मुहैया कराने के लिए लाइसेंस के लिए अप्लाई कर दिया है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इस महीने के तीसरे सप्ताह में टेलीकॉम विभाग STARLINK के लाइसेंस के आवेदन पर विचार कर अंतिम फैसला कर सकता है. 

भारतीय बाजारों में बढ़ेगा कम्पटीशन

सैटेलाइट इंटरनेट (Satellite Internet) सर्विस मुहैया करने वाली एलन मस्क की कंपनी STARLINK जल्द ही भारत में लॉन्च हो सकती है. Starlink कंपनी कई देशों में हाईस्पीड, लो-इंटेसी ब्रॉडबैंड इंटरनेट सेवा उपलब्ध कराती है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पहले ट्विटर) के मालिक एलन मस्क के भारतीय बाजार में उतरने के फैसले से ग्लोबल स्पॉटलाइट भारत पर है. इसके भारतीय बाज़ार में उतरने से इस सेक्टर में और कम्पटीशन बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है.

वन वेब और जीयो स्पेस ले चुके हैं लाइसेंस

आपको बता दें कि लाइसेंस के लिए स्टारलिंक का एप्लीकेशन लम्बे समय से पेंडिंग है. सुनील मित्तल की One Web और JIO Space पहले ही GMPCS सेवा के लिए लाइसेंस ले चुके हैं. CMAI एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष एनके गोयल ने इस बारे में जानकारी देते हुए मीडिया को बताया कि, एलेन मस्क की कंपनी "Starlink" भी लाइसेंस के लिए कोशिश कर रहा है. ये इस बात को दिखाता है की भारत सरकार की पॉलिसी को दुनिया में स्वीकार किया जा रहा है. 

ग्लोबल मोबाइल पर्सनल कम्युनिकेशन बाय सैटेलाइट व्यवस्था के तहत डिपार्टमेंट ऑफ़ टेलीकॉम की रणनीति देश में सीमावर्ती और दुर्गम इलाकों तक मोबाइल और ब्रॉडबैंड जैसी सेवायें पहुंचाने की है, जहां अब तक मोबाइल सेवा नहीं पहुंच सकी हैं.

दूर दराज़ के इलाकों में सुविधायें पहुंचाना होगा आसान

सैटेलाइट की मदद से मोबाइल और ब्रॉडबैंड सेवाएं मुहैया करने की टेक्नोलॉजी नई है. इस सेक्टर में ग्रोथ की संभावनाएं ज़्यादा हैं. विशेषज्ञों के मुताबिक, दूर दराज़ के पिछड़े इलाकों में सैटेलाइट की मदद से मोबाइल और ब्रॉडबैंड जैसी सुविधायें पहुंचाना आसान होगा.

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14 September 2023, 10:30 PM IST

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