अब घर संभालने आ रहा ‘NEO’: इंसानों जैसा दिखने वाला रोबोट जो खाना बनाने के साथ- साथ सफाई और बातचीत भी करेगा
घरों में जल्द दस्तक देगा एक ऐसा रोबोट जो न सिर्फ़ बातें करेगा, बल्कि खाना भी बनाएगा और किराने का सामान भी उठाकर लाएगा. 1X टेक्नोलॉजीज़ ने अपना नया ह्यूमनॉइड होम असिस्टेंट 'NEO' पेश किया है. जो बनेगा आपका नया घरेलू सुपरहीरो.

नई दिल्ली: घरेलू कामकाज में मदद करने वाला अब एक नया फैमिली मेंबर जो इंसान नहीं, बल्कि मशीन होगा. अमेरिकी-नॉर्वेजियन रोबोटिक्स कंपनी 1X Technologies ने एक ह्यूमनॉइड रोबोट ‘NEO’ पेश किया है, जो घर के रोजमर्रा के कामों जैसे खाना बनाना, सफाई करना, ग्रॉसरी उठाना और बातचीत करने के लिए तैयार किया गया है. कंपनी का कहना है कि यह रोबोट आम घरों में इंसानों की तरह काम करने में सक्षम होगा.
1X Technologies, जिसे पहले Halodi Robotics के नाम से जाना जाता था, इसकी स्थापना बर्न्ट बर्निक ने की थी. कंपनी का उद्देश्य औद्योगिक प्रयोगशालाओं में सीमित रहे ह्यूमनॉइड रोबोट्स को आम जीवन में लाना है. 2022 में रीब्रांड होने के बाद, कंपनी का मिशन 'ऐसे जनरल-पर्पस रोबोट बनाना है जो स्वतंत्र रूप से विभिन्न प्रकार के काम कर सकें.
क्या है ‘NEO’ इंसानों जैसा सोचने और काम करने वाला
‘NEO’ अब तक का कंपनी का सबसे उन्नत मॉडल है. इसका वजन लगभग 30 किलोग्राम है और यह 68 किलोग्राम तक का भार उठा सकता है. साथ ही यह 25 किलोग्राम तक का सामान आसानी से ढो सकता है. इसका बाहरी ढांचा मुलायम और उपयोगी है, जो टैन, ग्रे और डार्क ब्राउन रंगों में उपलब्ध है. यह रोबोट बुने हुए सूट और जूतों के साथ आता है ताकि यह घर के वातावरण में आसानी से घुलमिल सके.
‘NEO’ बेहद शांत तरीके से काम करता है. केवल 22 डेसिबल की आवाज के साथ, जो सामान्य घरेलू उपकरणों से भी कम है. इसमें 22-डिग्री-ऑफ-फ्रीडम हैंड्स हैं, जिससे यह लचीले ढंग से काम कर सकता है. इसका शरीर सॉफ्ट पॉलिमर और 3D लैटिस स्ट्रक्चर से बना है. कंपनी की पेटेंटेड टेंडन ड्राइव एक्टुएटर सिस्टम तकनीक इसे बेहद स्मूद और प्राकृतिक मूवमेंट देती है.
कनेक्टिविटी और फीचर्स
‘NEO’ को WiFi, Bluetooth और 5G से कनेक्ट होगा है. इसमें तीन स्पीकर लगे हैं, जो इसे एक मिनी एंटरटेनमेंट हब में बदल देते हैं. इसकी सबसे बड़ी खासियत इसका इनबिल्ट लार्ज लैंग्वेज मॉडल (LLM) है, जो इसे बातचीत करने, इंसानों की बात समझने और उसके अनुसार प्रतिक्रिया देने में सक्षम बनाता है.
इसके विजुअल सिस्टम की मदद से यह वस्तुओं की पहचान कर सकता है, जैसे खाना बनाने के लिए चीजों को पहचानना और रेसिपी सुझाना. साथ ही इसमें मेमोरी फीचर भी है, जिससे यह आपकी पिछली बातचीत और पसंद याद रख सकता है.
कीमत और उपलब्धता
‘NEO’ को मालिक अपनी जरूरतों के अनुसार वॉइस कमांड्स या बटनों के जरिए नियंत्रित कर सकते हैं. यह न केवल रियल टाइम टास्क पूरा करता है, बल्कि शेड्यूल्ड हाउसहोल्ड टास्क्स भी कर सकता है. कंपनी इसके शुरुआती मॉडल 2026 तक अमेरिका में डिलीवर करना शुरू करेगी और 2027 तक इसे वैश्विक स्तर पर लॉन्च करने की योजना है. इसकी शुरुआती कीमत 20,000 डॉलर (लगभग ₹17.6 लाख) रखी गई है. वहीं, कंपनी ने एक मंथली सब्सक्रिप्शन मॉडल भी पेश किया है, जिसकी कीमत $499 प्रति माह होगी.
भविष्य का ‘ह्यूमन हेल्पर’
हालांकि ‘NEO’ अभी पूरी तरह चालू नहीं है और कुछ यूनिट्स को रिमोट से नियंत्रित किया जा रहा है, लेकिन यह ह्यूमनॉइड रोबोट्स को घरेलू उपयोग में लाने की दिशा में एक बड़ा कदम है. हाल के वर्षों में इस तकनीक के सामने लागत, सुरक्षा, विश्वसनीयता और नियमों जैसी चुनौतियां हैं, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले दशक में ह्यूमनॉइड और सर्विस रोबोट्स की इंडस्ट्री सैकड़ों अरब डॉलर के स्तर तक पहुंच सकती है.


