1485 एकड़ में 60 लाख कब्रें... 1400 साल पुराना, जानिए दुनिया के सबसे बड़े कब्रिस्तान का रहस्य
यह कब्रिस्तान न केवल अपनी विशालता के कारण प्रसिद्ध है, बल्कि यहां दफन होने को विशेष आध्यात्मिक महत्व भी दिया जाता है. इमाम अली की कब्र के समीप स्थित इस कब्रिस्तान को शिया धर्मावलंबियों के लिए विशेष स्थान प्राप्त है. यह स्थान न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह इराक के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर का भी जीवंत गवाह है.

The Secret Of The World Largest Cemetery: दुनिया में ऐसी बहुत सी जगहें हैं जहां लोग जीवनभर की इच्छा पूरी करने के लिए जाते हैं, लेकिन एक स्थान ऐसा भी है जहां लोग मरने के बाद जाना चाहते हैं. यह जगह दुनिया के सबसे बड़े कब्रिस्तान के रूप में प्रसिद्ध है, जो न सिर्फ अपने आकार के कारण बल्कि अपनी धार्मिक महत्ता के कारण भी जानी जाती है. जी हा इराक के नजफ शहर में स्थित वादी उस-सलाम कब्रिस्तान की, जो शिया मुसलमानों के लिए एक अत्यधिक पवित्र स्थल है.
वादी उस-सलाम कब्रिस्तान की विशालता
वादि उस-सलाम कब्रिस्तान दुनिया का सबसे बड़ा कब्रिस्तान है, जो 1,485.5 एकड़ (लगभग 6 वर्ग किलोमीटर) क्षेत्र में फैला हुआ है. यहां पर लगभग 60 लाख से अधिक कब्रें हैं, और यह कब्रिस्तान 1,400 वर्षों से अस्तित्व में है. इसकी स्थापना इस्लाम से पहले की मानी जाती है, और यह लगातार उपयोग में है. यूनेस्को की अस्थायी विश्व धरोहर सूची में भी इसे शामिल किया गया है, जो इसके ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व को दर्शाता है.
मुसलमानों के लिए धार्मिक महत्व
यह कब्रिस्तान शिया मुसलमानों के लिए एक अत्यधिक पवित्र स्थान है. यहां इमाम अली इब्न अबी तालिब की मजार स्थित है, जो शिया मुसलमानों के पहले इमाम माने जाते हैं. इसके अलावा, सुन्नी मुसलमानों के चौथे खलीफा, इमाम अली की कब्र भी यहां मौजूद है. शियाओं के लिए, इस कब्रिस्तान में दफन होना एक आध्यात्मिक निकटता का प्रतीक माना जाता है, खासकर इमाम अली के साथ.
कब्रिस्तान का इतिहास
यह कब्रिस्तान इस्लाम से पहले के समय से जुड़ा हुआ है. कहा जाता है कि यहां पैगंबर हुद और सालेह की कब्रें भी हैं. यह स्थान आदम के समय से ही एक पवित्र पूजा स्थल के रूप में अस्तित्व में रहा है. इसके ऐतिहासिक महत्व को देखते हुए यह स्थान धार्मिक दृष्टिकोण से न केवल शिया मुसलमानों, बल्कि अन्य धर्मावलंबियों के लिए भी महत्वपूर्ण है.
इमाम अली का मजार
वादी उस-सलाम कब्रिस्तान नजफ के इमाम अली के मजार से पैदल दूरी पर स्थित है. यह कब्रिस्तान न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यहां की यात्रा में स्थानीय बाजारों और अन्य धार्मिक स्थलों का दौरा भी शामिल किया जा सकता है. इस स्थान पर फोटोग्राफी की अनुमति है, लेकिन यहां पर जाने के लिए जूते उतारना अनिवार्य है.
धार्मिक दृष्टिकोण से महत्त्वपूर्ण
वादी उस-सलाम कब्रिस्तान इराक के धार्मिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से एक महत्वपूर्ण स्थल है. यहां जाना शिया धर्मावलंबियों के लिए एक विशेष आध्यात्मिक अनुभव माना जाता है, और यह स्थान इराक के युद्धों, संस्कृति और इतिहास का जीवंत गवाह है. यह कब्रिस्तान न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि यह इराक की सांस्कृतिक धरोहर का अहम हिस्सा भी है


