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भारत में टूटा दुर्लभ उल्कापिंड, आसमानी रोशनी से जगमगाए दिल्ली, गुरुग्राम और अलीगढ़

दिल्ली-एनसीआर में शुक्रवार रात आसमान में चमकदार उल्कापिंड दिखाई दिया, जिसने कुछ सेकंड के लिए रात को दिन जैसा रोशन कर दिया. नोएडा, गाजियाबाद, गुड़गांव और अलीगढ़ तक यह दृश्य देखा गया. सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल हुए. विशेषज्ञों ने इसे बोलाइड बताया. यह दुर्लभ खगोलीय घटना लोगों के लिए जीवन में एक बार का अनुभव साबित हुई.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

दिल्ली-एनसीआर शुक्रवार की रात एक ऐसी खगोलीय घटना का गवाह बना, जिसने लोगों को हैरान और रोमांचित कर दिया. आसमान में अचानक एक चमकदार उल्कापिंड दिखाई दिया, जिसने कुछ सेकंड के लिए रात को दिन जैसा रोशन कर दिया. इस अद्भुत दृश्य ने न सिर्फ दिल्ली बल्कि नोएडा, गाजियाबाद, गुड़गांव और अलीगढ़ तक के निवासियों को हैरान कर दिया.

सोशल मीडिया पर लोगों का उत्साह

जैसे ही आसमान में प्रकाश की यह चमकदार रेखा दिखाई दी और वह छोटे-छोटे टुकड़ों में बिखरती चली गई, लोगों ने अपने कैमरों में इस नजारे को कैद कर लिया. कुछ ही मिनटों में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर वीडियो और तस्वीरें वायरल होने लगीं. कई यूज़र्स ने इसे आकाश में उल्कापिंड का धमाका बताया, वहीं कुछ लोगों ने इसे अपने जीवन का सबसे चमकीला और अद्वितीय उल्कापिंड देखने का अनुभव कहा.

विशेषज्ञों की राय

खगोल विज्ञानियों के अनुसार, यह घटना एक बोलाइड (विशेष प्रकार का उल्कापिंड) हो सकती है. जब कोई उल्कापिंड पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करता है तो अत्यधिक घर्षण और तापमान की वजह से वह टूटकर जलने लगता है. अक्सर यह प्रक्रिया इतनी तेज़ होती है कि आकाश में आग का गोला सा दिखाई देता है. हालांकि, अधिकांश उल्कापिंड धरती तक पहुंचने से पहले ही पूरी तरह नष्ट हो जाते हैं और किसी प्रकार की क्षति नहीं पहुंचाते.

दुर्लभ लेकिन रोमांचक घटना

वैज्ञानिकों का कहना है कि उल्कापिंड आकाशीय घटनाओं का सामान्य हिस्सा हैं, लेकिन इतनी बड़ी और घनी आबादी वाले इलाके में इस तरह का नज़ारा दिखना बेहद दुर्लभ है. दिल्ली-एनसीआर में इस उल्कापिंड की चमक इतनी तेज़ थी कि उसने कुछ सेकंड के लिए शहर की कृत्रिम रोशनी को भी फीका कर दिया.

ध्वनि और कंपन की चर्चा

कुछ निवासियों ने दावा किया कि आसमान में रोशनी दिखने के तुरंत बाद उन्हें हल्की गड़गड़ाहट की आवाज़ सुनाई दी, जबकि अन्य ने कंपन जैसा अनुभव होने की बात कही. हालांकि अब तक अधिकारियों ने ऐसी किसी ध्वनि या कंपन की पुष्टि नहीं की है. विशेषज्ञों का मानना है कि यदि उल्कापिंड का आकार बड़ा हो और वह तेज़ी से वातावरण में प्रवेश करे, तो ध्वनि तरंगें उत्पन्न होना संभव है.

खगोलीय गतिविधि

अमेरिकी उल्कापिंड सोसायटी पहले ही सितंबर महीने को छोटी उल्कापिंड वर्षा के लिए सक्रिय अवधि बता चुकी है. इसी दौरान कई बार अचानक आग के गोले जैसे चमकदार उल्कापिंड भी देखे जाते हैं. दिल्ली में दिखाई दिया यह उल्कापिंड भी संभवतः उसी समय का हिस्सा रहा, जिसने रात के आकाश को अनोखा दृश्य प्रदान किया.

जीवन में एक बार का अनुभव

दिल्ली और आसपास के शहरों के निवासियों ने इस क्षण को अविस्मरणीय बताया. भले ही घटना केवल कुछ सेकंड तक रही, लेकिन इसकी चमक और प्रभाव इतना गहरा था कि लोग इसे जीवन में एक बार मिलने वाला अनुभव मान रहे हैं. फिलहाल, विशेषज्ञ इस घटना का अध्ययन कर रहे हैं ताकि यह स्पष्ट किया जा सके कि यह उल्कापिंड कितना बड़ा था और किस क्षेत्र से पृथ्वी के वायुमंडल में दाखिल हुआ.

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20 September 2025, 08:23 AM IST

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