इस्लाम का सबसे बड़ा दुश्मन, जिसकी लाश आज भी शीशे के ताबूत में कैद, जानिए कौन?

दुनिया के इतिहास में कई राजाओं और तानाशाहों की कहानियां दर्ज हैं, लेकिन मिस्र का फिरौन एक ऐसा नाम है जिसे इस्लाम धर्म मानने वाले सबसे बड़ा जालिम और अल्लाह का दुश्मन मानते हैं। हज़रत मूसा के दौर का यह शासक खुद को खुदा समझ बैठा था और अपने घमंड में उसने अल्लाह के पैगंबर और उनकी कौम पर ज़ुल्म की इंतहा कर दी थी.

Deeksha Parmar
Edited By: Deeksha Parmar

दुनिया में बहुत से शासकों ने अपने अत्याचारों से नाम कमाया, लेकिन फिरौन एक ऐसा नाम है जिसे इस्लाम धर्म के अनुयायी आज भी गहरी नफरत से याद करते हैं. कुरान और बाइबिल दोनों में इसका उल्लेख मिलता है, और माना जाता है कि वह अल्लाह के आदेशों की अवहेलना करने वाला सबसे अहंकारी शासक था.

चौंकाने वाली बात ये है कि मरने के हजारों साल बाद भी फिरौन की लाश आज भी एक शीशे के ताबूत में सुरक्षित है. मिस्र के संग्रहालय में रखी गई यह ममी इतिहास, आस्था और विज्ञान तीनों की गवाही देती है. आइए जानते हैं क्यों इस्लाम धर्म में फिरौन को सबसे बड़ा दुश्मन माना जाता है.

कुरान में दर्ज है फिरौन का अंत

इस्लाम धर्म के मुताबिक, फिरौन ने न सिर्फ खुद को खुदा घोषित कर दिया था, बल्कि उसने अल्लाह के पैगंबर हज़रत मूसा (अलैहिस्सलाम) और उनके अनुयायियों पर अत्याचार की सारी हदें पार कर दी थीं. जब मूसा अपनी कौम को लेकर मिस्र से बाहर निकलने लगे, तो फिरौन ने अपनी सेना के साथ उनका पीछा किया. लेकिन जैसे ही वह समुद्र में घुसा, पानी की लहरों ने उसे और उसकी सेना को निगल लिया. कुरान में लिखा है कि अल्लाह ने फिरौन की लाश को सबक के तौर पर आने वाली पीढ़ियों के लिए बचा कर रखा. इसका मकसद यही था कि दुनिया देखे कि खुद को खुदा समझने वाले का अंजाम क्या होता है.

वैज्ञानिकों ने भी की पुष्टि

इतिहासकार और वैज्ञानिक मानते हैं कि फिरौन की ममी आज मिस्र के काहिरा संग्रहालय में रखी गई है. माना जाता है कि यह ममी रमसेस द्वितीय या मर्नप्तह की हो सकती है, जो मूसा के समय का फिरौन था. वैज्ञानिक जांच में यह बात सामने आई है कि उसकी मौत या तो डूबने से या अचानक सदमे की वजह से हुई. इस खोज ने कुरान की उस बात को भी बल दिया जिसमें कहा गया था कि फिरौन का शरीर समुद्र से निकाला गया और आने वाली नस्लों के लिए एक चेतावनी के तौर पर सुरक्षित रखा गया.

क्यों है मुसलमानों के दिल में इतनी नफरत?

मुसलमान फिरौन को महज एक राजा नहीं, बल्कि अत्याचार, अहंकार और अल्लाह की नाफरमानी का प्रतीक मानते हैं. उन्होंने हज़रत मूसा की बातों को नज़रअंदाज़ किया, खुद को भगवान घोषित किया और निर्दोष लोगों पर जुल्म ढाया. ऐसे में इस्लाम में उसे सबसे बड़ा ज़ालिम और दुश्मन माना जाता है.

आज भी मौजूद है उसकी ममी

आज भी फिरौन की ममी मिस्र के काहिरा स्थित ममीफिकेशन म्यूज़ियम में शीशे के ताबूत में रखी हुई है. लोग उसे देखकर इतिहास और आस्था के इस अद्भुत मिलन को समझने की कोशिश करते हैं. यह ममी दुनिया को यह संदेश देती है कि जब इंसान अपनी हदें पार करता है और खुद को भगवान समझने लगता है, तो उसका अंजाम कैसा होता है.

calender
05 July 2025, 01:23 PM IST

जरूरी खबरें

ट्रेंडिंग गैलरी

ट्रेंडिंग वीडियो

close alt tag