ITR फाइल किया लेकिन रिफंड अटका? जानिए क्या हैं सबसे बड़ी वजहें
अगर आपने ITR दाखिल कर दिया है और अब रिफंड का इंतजार कर रहे हैं, तो जान लें कि रिफंड आमतौर पर 10 से 20 दिन में आ जाता है. लेकिन ई-वेरिफिकेशन में देरी, गलत बैंक डिटेल्स, पैन-आधार लिंक न होना जैसी वजहों से इसमें विलंब हो सकता है.

देशभर में टैक्सपेयर्स इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) दाखिल करने में जुटे हैं. आयकर विभाग ने इस बार ITR फाइल करने की आखिरी तारीख को बढ़ाकर 15 सितंबर कर दिया है. जिन लोगों ने अपना रिटर्न दाखिल कर दिया है, वे अब इनकम टैक्स रिफंड का इंतजार कर रहे हैं. लेकिन अक्सर देखा गया है कि कुछ लोगों को रिफंड जल्दी मिल जाता है, जबकि कुछ को लंबा इंतजार करना पड़ता है. इसका कारण केवल सिस्टम की स्पीड नहीं, बल्कि कुछ छोटी लेकिन अहम गलतियां होती हैं.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से अब रिफंड प्रोसेसिंग पहले से कहीं तेज हो गई है. पहले जहां औसतन 93 दिन लगते थे, अब रिफंड 10 दिन में भी आ सकता है. हालांकि यह औसत आंकड़ा है, सभी के लिए नहीं. विशेषज्ञों की मानें तो आमतौर पर ITR दाखिल करने के बाद 20 दिनों के भीतर रिफंड की प्रक्रिया शुरू हो जाती है. यदि असेसमेंट ईयर खत्म होने तक (यानी 9 महीने के भीतर) रिफंड नहीं आता, तो जरूरी है कि आप उसकी स्थिति चेक करें.
रिफंड में देरी की मुख्य वजहें
ई-वेरिफिकेशन न करना: ITR दाखिल करने के बाद यदि आपने उसे ई-वेरिफाई नहीं किया है, तो रिटर्न प्रोसेस नहीं होगा. रिफंड रोक दिया जाएगा.
पैन-आधार लिंकिंग न होना: अगर आपका पैन आधार से लिंक नहीं है, तो यह भी रिफंड प्रोसेस में बाधा बन सकता है.
विभाग के ई-मेल का जवाब न देना: यदि आयकर विभाग ने आपसे किसी दस्तावेज़ या स्पष्टीकरण की मांग की है और आपने समय पर जवाब नहीं दिया, तो रिफंड रुक सकता है.
गलत TDS जानकारी: यदि आपने अपनी आय या टीडीएस में कोई गलती की है, तो मिलान न होने पर सिस्टम रिफंड होल्ड कर सकता है.
गलत बैंक डिटेल्स: IFSC कोड, खाता संख्या या नाम की गलती भी आपके पैसे को अटका सकती है.
कैसे मिले समय पर रिफंड?
- ITR समय पर फाइल करें और उसे तुरंत ई-वेरिफाई करें.
- पैन और आधार लिंक करें, ताकि तकनीकी रुकावट न आए.
- बैंक डिटेल्स जांचें, गलतियों से बचें.
- फॉर्म 26AS और AIS से मिलान जरूर करें कि आपका TDS सही दिख रहा है या नहीं.
- विभाग की ओर से मिले ईमेल या नोटिस को नजरअंदाज न करें, तुरंत जवाब दें.
इन सावधानियों को अपनाकर आप ना सिर्फ रिफंड में देरी से बच सकते हैं, बल्कि समय रहते अपने पैसे को भी हासिल कर सकते हैं.


