जीएसटी काउंसिल के बड़े फैसले से महंगाई पर लगेगी ब्रेक, जरूरी सामान सस्ते होकर आम आदमी को मिलेगी राहत
देश में महंगाई से जूझ रहे लोगों के लिए अच्छी खबर है। एसबीआई की ताज़ा रिपोर्ट कहती है कि जीएसटी की नई दरें लागू होने के बाद रोजमर्रा के सामान सस्ते होंगे और महंगाई में बड़ी राहत मिलेगी।

National News: देश की जीएसटी काउंसिल ने टैक्स स्ट्रक्चर में बड़ा बदलाव किया है। पहले 5%, 12%, 18% और 28% का चार स्तरीय ढांचा था। अब इसे घटाकर केवल दो दरें रखी गई हैं—5% और 18%। साथ ही लग्जरी सामान और कुछ खास सेवाओं पर 40% का स्पेशल टैक्स तय किया गया है। इस फैसले से आम उपभोक्ताओं की जेब पर बोझ घटेगा।
नई दरें कब होंगी लागू
नई जीएसटी दरें 22 सितंबर 2025 से लागू हो जाएंगी। तंबाकू और उससे जुड़े उत्पादों को छोड़कर लगभग सभी सामानों पर नए टैक्स रेट लागू होंगे। रिपोर्ट कहती है कि 453 सामानों की टैक्स दरें बदली गई हैं। इनमें से 413 चीजों पर टैक्स घटाया गया है जबकि सिर्फ 40 सामानों पर टैक्स बढ़ा है। इसका सीधा असर घर-गृहस्थी के बजट पर पड़ेगा।
जरूरी सामान हुए सस्ते
करीब 295 जरूरी चीजों पर टैक्स घटाकर 12% से 5% या शून्य कर दिया गया है। इसमें खाने-पीने की बहुत सारी चीजें शामिल हैं। इसका मतलब है कि आने वाले समय में ग्राहकों को 60% तक फायदा होगा। एसबीआई रिसर्च रिपोर्ट कहती है कि इससे उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई में 0.25 से 0.30% तक की कमी आ सकती है।
महंगाई पर क्या असर होगा
एसबीआई रिसर्च ने अपने आकलन में कहा है कि नई दरों से सेवाओं पर भी असर पड़ेगा। सेवाओं की टैक्स दरों के आसान होने से महंगाई में और 0.40 से 0.45 प्रतिशत तक कमी आ सकती है। यानी ग्राहकों को कुल मिलाकर 50% तक फायदा हो सकता है। अनुमान है कि 2026-27 तक रिटेल इंफ्लेशन में 0.65 से 0.75% तक कमी दर्ज की जाएगी।
उपभोक्ताओं को होगा सीधा फायदा
नई जीएसटी दरों का सबसे बड़ा असर आम आदमी की जेब पर पड़ेगा। जरूरत का सामान सस्ता होगा तो रोजमर्रा का खर्च घटेगा। महंगाई पर ब्रेक लगेगा और आम लोग राहत की सांस लेंगे। विशेषज्ञों का मानना है कि बाजार में भी खपत बढ़ेगी जिससे अर्थव्यवस्था को सहारा मिलेगा।
औसत दर में भी कमी
जीएसटी काउंसिल के इस कदम से औसत टैक्स दर भी कम हो गई है। 2019 में औसत जीएसटी दर 14.4% थी जो अब घटकर 11.6% पर आ गई थी। नई दरों के बाद यह और घटकर 9.5% तक जा सकती है। यानी सरकार ने टैक्स वसूली को सरल बनाते हुए ग्राहकों को राहत देने का बड़ा कदम उठाया है।
अर्थव्यवस्था पर होगा असर
विशेषज्ञ कहते हैं कि नई टैक्स दरों से केवल महंगाई ही नहीं घटेगी बल्कि अर्थव्यवस्था पर भी सकारात्मक असर होगा। जब चीजें सस्ती होंगी तो लोगों की खपत बढ़ेगी। इससे बाजार में पैसा घूमेगा और उत्पादन में भी बढ़ोतरी होगी। यह बदलाव आने वाले वर्षों में भारत की आर्थिक स्थिति को और मजबूत करेगा।


