निवेशकों की होगी बल्ले-बल्ले! टाटा कैपिटल का IPO जल्द होगा लॉन्च
आईपीओ बाजार के लिए बड़ी खबर है. सेबी ने टाटा संस की नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी टाटा कैपिटल के आईपीओ के ड्राफ्ट पेपर्स को मंजूरी दे दी है. अनुमान है कि यह 17,200 करोड़ रुपये का हो सकता है और जुलाई के पहले हफ्ते में मार्केट में ओपन हो सकता है.

भारतीय शेयर बाजार में बीते कारोबारी दिन जबरदस्त तेजी देखने को मिली. सेंसेक्स 1,000 अंकों से ज्यादा की छलांग लगाकर बंद हुआ. इसी सकारात्मक माहौल के बीच आईपीओ बाजार से भी एक बड़ी और उत्साहजनक खबर सामने आई है. भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने टाटा संस की नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी टाटा कैपिटल के इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) के ड्राफ्ट पेपर्स को मंजूरी दे दी है.
इकनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, टाटा कैपिटल ने अप्रैल में ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) गोपनीय रूप से सेबी को सौंपा था. अब नियामक संस्था से हरी झंडी मिलने के बाद कंपनी अगले चरण में प्रवेश कर चुकी है. अनुमानों के अनुसार, टाटा कैपिटल का आईपीओ लगभग 17,200 करोड़ रुपये का हो सकता है, जिससे यह भारत के फाइनेंशियल सेक्टर में सबसे बड़ा पब्लिक ऑफरिंग बन सकता है. अब कंपनी से उम्मीद की जा रही है कि वह जुलाई के पहले हफ्ते में अपडेटेड DRHP को सेबी की वेबसाइट पर सार्वजनिक रूप से फाइल करेगी और उसके बाद फाइनल रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (RHP) जमा किया जाएगा.
वैल्यूएशन और संरचना
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, टाटा ग्रुप टाटा कैपिटल को लगभग 11 बिलियन डॉलर के वैल्यूएशन पर लाने की तैयारी में है. इस आईपीओ में नए शेयर्स का इश्यू और टाटा संस द्वारा ऑफर फॉर सेल (OFS) दोनों शामिल होंगे. वर्तमान में टाटा संस की टाटा कैपिटल में लगभग 93% हिस्सेदारी है, जिसका कुछ हिस्सा ओएफएस के ज़रिए आम निवेशकों को पेश किया जाएगा.
RBI के नए नियमों के चलते लिस्टिंग अनिवार्य
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के नए निर्देशों के तहत, टाटा संस और टाटा कैपिटल दोनों को ‘अपर लेयर’ NBFC के रूप में वर्गीकृत किया गया है. इस श्रेणी में आने वाली कंपनियों को तीन साल के भीतर पब्लिक लिस्टिंग अनिवार्य है. यह नियम न केवल पारदर्शिता को बढ़ाता है, बल्कि सख्त नियामक निगरानी भी सुनिश्चित करता है.
निवेशकों के लिए क्या मायने रखता है यह IPO?
टाटा कैपिटल का आईपीओ ऐसे समय में आ रहा है जब बाजार में फिर से तेजी का रुख दिखाई दे रहा है. कंपनी की मजबूत ब्रांड वैल्यू, विविध फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स और टाटा ग्रुप की प्रतिष्ठा इसे निवेशकों के लिए एक मजबूत विकल्प बना सकती है. कुल मिलाकर, यह आईपीओ भारत के वित्तीय बाजार में एक बड़ा मील का पत्थर साबित हो सकता है और निवेशकों को एक और हाई-वैल्यू निवेश अवसर प्रदान करेगा.


