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पाकिस्तान का टेरर नेटवर्क... कैसे काम करता है और किन देशों से है कनेक्शन?

भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पीओके में 9 आतंकी ठिकानों पर हमला कर 90 से 100 आतंकवादियों को मार गिराया, जिसमें जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर के परिवार के 10 सदस्य भी शामिल हैं.

भारत ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले का करारा जवाब दिया है. भारतीय सेना, वायु सेना और नौसेना ने मिलकर 7 मई की सुबह पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (POK) के 9 आतंकी ठिकानों पर हमला किया. इस हमले में करीब 90 से 100 आतंकवादी मारे गए, जिसमें जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर के परिवार के 10 सदस्य भी शामिल हैं. इस ऑपरेशन को ‘सिंदूर’ नाम दिया गया और इसकी सफलता को लेकर भारतीय अधिकारियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पूरी दुनिया को इसके बारे में जानकारी दी.

इस ऑपरेशन में भारतीय सेनाओं ने पाकिस्तानी टेरर नेटवर्क और उसके सहयोगी संगठनों को निशाना बनाया. भारतीय विदेश मंत्रालय के सचिव विक्रम मिसरी, कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने पाकिस्तान के आतंकी नेटवर्क के काम करने के तरीके और फंडिंग के स्रोतों के बारे में विस्तार से जानकारी दी.

पाकिस्तान का टेरर नेटवर्क 

पाकिस्तान के आतंकी नेटवर्क को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI से समर्थन मिलता है. पीओके में लश्कर-ए-तैयबा (LeT) और जैश-ए-मोहम्मद (JeM) जैसे आतंकी संगठन सक्रिय हैं, जो भारत में आतंकवादी हमलों को अंजाम देते हैं. इन संगठनों का प्रमुख उद्देश्य भारत को अस्थिर करना और आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देना है.

जैश-ए-मोहम्मद का सरगना मसूद अजहर है, जबकि लश्कर-ए-तैयबा का प्रमुख ज़फ़र इक़बाल है. इन संगठनों में कई प्रमुख आतंकी हैं, जिनकी पहचान भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने की है. लश्कर-ए-तैयबा का लॉन्च कमांडर मौलाना मुफ्ती मोहम्मद असगर उर्फ साद बाबा है, जो पहले आतंकी संगठन HUM से जुड़ा था.

लश्कर-ए-तैयबा और उसके सहयोगी संगठन

लश्कर-ए-तैयबा के प्रमुख आतंकी व्यक्तित्वों में हाफिज मोहम्मद सईद का नाम प्रमुख है, जिनका संगठन भारत में कई आतंकी हमलों का मास्टरमाइंड है. लश्कर के अन्य प्रमुख नेताओं में जकीउर रहमान लखवी का नाम भी आता है, जो 2008 मुंबई हमलों का मास्टरमाइंड है. लखवी आतंकवादी शिविरों का संचालन और फील्ड कमांडरों से समन्वय करता है.

लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े कई संगठन भी पाकिस्तान में सक्रिय हैं. इनमें से एक प्रमुख नाम जमात-उद-दावा का है, जो पाकिस्तान में स्कूल और अस्पतालों का संचालन करता है. इस संगठन के माध्यम से लश्कर ने अपनी पैठ आम जनता में बनाई है और इसका इस्तेमाल नए आतंकियों की भर्ती के लिए किया जाता है. दूसरा संगठन फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन है, जो जमात-उद-दावा के प्रतिबंधित होने के बाद अस्तित्व में आया.

आतंकवादी फंडिंग नेटवर्क

पाकिस्तान में आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए कई विदेशी नेटवर्क से फंडिंग की जाती है. जमात-ए-इस्लामी का हवाला नेटवर्क भारत, बांग्लादेश, नेपाल और श्रीलंका में लश्कर के संचालन के लिए फंड ट्रांसफर करता है. इसके अलावा, अल रहमत ट्रस्ट जैसे संगठन भी फंड जुटाने का काम करते हैं. ये फंड आतंकवादी प्रशिक्षण, घुसपैठ और अन्य आतंकी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल किया जाता है. भारतीय जांच एजेंसियों ने मौलाना सज्जाद उस्मान जैसे व्यक्तियों की पहचान की है, जो फंडिंग के लिए जिम्मेदार हैं. ये लोग आतंकवादियों को वित्तीय सहायता मुहैया कराते हैं और आतंकवादी गतिविधियों के लिए जरूरी संसाधनों का बंदोबस्त करते हैं.

भारत की कड़ी प्रतिक्रिया

भारत ने पाकिस्तान और पीओके में चल रहे आतंकवादी नेटवर्क को तहस-नहस करने के लिए ऑपरेशन सिंदूर के तहत सटीक हमले किए हैं. इन हमलों का उद्देश्य पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों द्वारा संचालित आतंकवादियों को नष्ट करना था, जो भारतीय सुरक्षा के लिए एक गंभीर खतरा बने हुए हैं. भारत सरकार ने इस ऑपरेशन को लेकर पूरी दुनिया को सचेत किया है. 

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07 May 2025, 03:06 PM IST

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