पाकिस्तान की शेयर बाजार धड़ाम – एक झटके में 7000 अंक नीचे! ट्रेडिंग करनी पड़ी बंद, वजह बना भारत से तनाव
भारत-पाक के बीच बढ़ते तनाव का असर अब पाकिस्तान की जेब पर भी साफ दिखने लगा है. कराची स्टॉक एक्सचेंज ऐसी गिरी कि ट्रेडिंग तक रोकनी पड़ गई. गिरावट कितनी बड़ी थी और वजह क्या बनी – जानिए इस बड़ी खबर में पूरी डिटेल.

KSE-100: भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव का असर अब सिर्फ सरहद तक सीमित नहीं रहा बल्कि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर भी इसका सीधा असर पड़ता दिखाई दे रहा है. पाकिस्तान के कराची स्टॉक एक्सचेंज (KSE-100) में जबरदस्त गिरावट देखने को मिली है, जिससे वहां हड़कंप मच गया. हालात इतने बिगड़ गए कि सरकार को ट्रेडिंग ही रोकनी पड़ी.
एक ही दिन में 7000 से ज्यादा अंक गिरा मार्केट
8 मई की दोपहर करीब 2:21 बजे KSE-100 इंडेक्स में लगभग 7025 अंकों की गिरावट दर्ज की गई. यह गिरावट लगभग 6.32 प्रतिशत रही, जो आम दिनों की तुलना में काफी अधिक और असामान्य मानी जा रही है. इंडेक्स गिरकर 1,02,983.21 पर पहुंच गया. ये अब तक की सबसे बड़ी गिरावटों में से एक मानी जा रही है.
पहलगाम हमले के बाद बढ़ा तनाव, मार्केट पर दिखा असर
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में फिर से तनाव देखने को मिला है. भारत ने इस हमले का जवाब 'ऑपरेशन सिंदूर' के ज़रिए दिया, जिसमें पाकिस्तान और पीओके के कई आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया. इसी बीच आर्थिक मोर्चे पर पाकिस्तान की मुश्किलें और बढ़ गईं.
सरकार को उठाना पड़ा बड़ा कदम, ट्रेडिंग पर लगाई रोक
शेयर बाजार की गिरती हालत को देख पाकिस्तानी सरकार ने स्टॉक मार्केट में लोअर सर्किट लगा दिया. मतलब ये कि गिरावट एक निश्चित सीमा पार न कर जाए, इसके लिए ट्रेडिंग अस्थाई रूप से रोक दी गई. ये फैसला इसलिए लिया गया ताकि पैनिक में आकर निवेशक और ज्यादा नुकसान में ना जाएं.
आम निवेशकों में डर, विदेशी निवेशक भी पीछे हटने लगे
इस गिरावट का सबसे बड़ा असर आम निवेशकों पर पड़ा है. लोगों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है. वहीं, कुछ विदेशी निवेशक भी अपने पैसे निकालने लगे हैं क्योंकि उन्हें पाकिस्तान की स्थिति अस्थिर लग रही है. इससे आने वाले समय में और भी आर्थिक दिक्कतें बढ़ सकती हैं.
क्यों गंभीर है ये गिरावट?
एक ही दिन में 7000 से 8000 अंकों की गिरावट पाकिस्तान जैसे देश के लिए किसी आर्थिक आपदा जैसी हालत पैदा कर चुकी है. पहले से ही महंगाई और कर्ज में डूबे पाकिस्तान के लिए ये एक और बड़ा झटका है.
अब सवाल ये उठता है – क्या पाकिस्तान इस गिरती हुई अर्थव्यवस्था को संभाल पाएगा या फिर ये सिर्फ शुरुआत है एक बड़े आर्थिक संकट की?


