स्टैंडर्ड डिडक्शन में इजाफा से लेकर टैक्स स्लैब में बदलाव तक...जानें क्या है बजट से उम्मीदें?
Union Budget 2025: भारत में 1 फरवरी 2025 को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अपने आठवें बजट को पेश करने वाली हैं. हर साल की तरह इस बार भी बजट को लेकर आम जनता, उद्योग जगत, और टैक्सपेयर्स में कई उम्मीदें हैं. तो चलिए जानते हैं इस साल क्या बदलाव होने वाला है.

Union Budget 2025: भारत में हर साल आम बजट का इंतजार होता है और इस साल भी 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए जाने वाले बजट से देशवासियों को बड़ी उम्मीदें हैं. महंगाई की चुनौती और अर्थव्यवस्था की धीमी वृद्धि के बीच यह बजट आम आदमी की जेब पर बड़ा असर डालने वाला साबित हो सकता है.
इस बार उम्मीद जताई जा रही है कि सरकार टैक्स स्लैब में बदलाव, स्टैंडर्ड डिडक्शन की सीमा बढ़ाने और 80C की लिमिट में सुधार कर सकती है, ताकि मध्यमवर्गीय परिवारों को राहत मिल सके. आइए जानते हैं इस बार के बजट में क्या-क्या अहम बदलाव हो सकते हैं और कैसे यह आपकी वित्तीय स्थिति को प्रभावित कर सकते हैं.
स्टैंडर्ड डिडक्शन की सीमा में हो सकता है इजाफा
पिछले बजट में सरकार ने नए टैक्स रिजीम के तहत स्टैंडर्ड डिडक्शन को ₹50,000 से बढ़ाकर ₹75,000 कर दिया था. वहीं, अब उम्मीद जताई जा रही है कि पुरानी टैक्स व्यवस्था (Old Tax Regime) के तहत भी इस सीमा को बढ़ाकर ₹1 लाख तक किया जा सकता है. विशेषज्ञों का मानना है कि महंगाई और आर्थिक दबाव को देखते हुए यह कदम आम लोगों को राहत देने के लिए उठाया जा सकता है.
टैक्स स्लैब में हो सकता है बदलाव
इस बार सरकार नई टैक्स व्यवस्था के तहत टैक्स स्लैब में और बदलाव कर सकती है. 30% टैक्स रेट को ₹20 लाख से अधिक आय वालों पर लागू किया जा सकता है. इससे अधिक टैक्सपेयर्स को नई टैक्स व्यवस्था अपनाने के लिए प्रोत्साहन मिल सकता है. वर्तमान में लागू टैक्स स्लैब इस प्रकार हैं.
- ₹0-₹3 लाख: शून्य टैक्स
- ₹3-₹7 लाख: 5%
- ₹7-₹10 लाख: 10%
- ₹10-₹12 लाख: 15%
- ₹12-₹15 लाख: 20%
- ₹15 लाख से अधिक: 30%
80C की कटौती सीमा बढ़ने की संभावना
वर्तमान में सेक्शन 80C के तहत अधिकतम कटौती ₹1.5 लाख तक की जा सकती है. इस बार इसे बढ़ाकर ₹2 लाख करने की संभावना जताई जा रही है. महंगाई और बढ़ते वित्तीय दबाव को देखते हुए यह कदम टैक्सपेयर्स के लिए राहतकारी हो सकता है, खासकर उन परिवारों के लिए जो अपनी बचत और निवेश को बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं.
गोल्ड पर आयात शुल्क में बढ़ोतरी हो सकती है
भारत में बढ़ते व्यापार घाटे के चलते सरकार सोने पर आयात शुल्क बढ़ाने का विचार कर सकती है. वर्तमान में, सोने पर 6% आयात शुल्क लगाया जाता है, लेकिन इसे बढ़ाकर 15% किया जा सकता है. इससे सोने का आयात कम हो सकता है और देश के व्यापार असंतुलन में कमी आ सकती है, लेकिन घरेलू बाजार में सोने की कीमतें भी बढ़ सकती हैं, जो आम आदमी पर असर डाल सकती हैं.
2025 का बजट भारतीय टैक्सपेयर्स और निवेशकों के लिए कई अहम बदलाव लेकर आ सकता है. स्टैंडर्ड डिडक्शन, टैक्स स्लैब और 80C की लिमिट में बदलाव से मध्यमवर्गीय परिवारों को राहत मिल सकती है, वहीं गोल्ड पर ड्यूटी बढ़ने से व्यापार घाटे पर नियंत्रण पाया जा सकता है. ऐसे में यह बजट देश की अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाने और आम आदमी की जिंदगी को आसान बनाने के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है.


