कौन हैं तुहिन कांता पांडे? बनाए गए सेबी के नए चीफ, माधबी पुरी की लेंगे जगह
तुहिन कांता पांडे को भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) का 11वां अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. वे माधबी पुरी बुच की जगह लेंगे. सेबी प्रमुख के रूप में माधबी बुच का तीन साल का कार्यकाल 1 मार्च 2025 को समाप्त होगा. सितंबर 2024 में टीवी सोमनाथन के कैबिनेट सचिव के पद पर पदोन्नत होने के कारण यह पद रिक्त हो गया था, जिसके बाद पांडे ने वित्त सचिव का पदभार संभाला.

तुहिन कांता पांडे को भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) का 11वां अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. वे माधबी पुरी बुच की जगह लेंगे. सेबी प्रमुख के रूप में माधबी बुच का तीन साल का कार्यकाल 1 मार्च 2025 को समाप्त होगा. कैबिनेट की नियुक्ति समिति (एसीसी) ने तीन साल के कार्यकाल के लिए पांडे की नियुक्ति को मंजूरी दे दी है. वह ओडिशा कैडर के 1987 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी हैं और वर्तमान में वित्त सचिव और राजस्व विभाग के सचिव के रूप में कार्यरत हैं.
सितंबर 2024 में टीवी सोमनाथन के कैबिनेट सचिव के पद पर पदोन्नत होने के कारण यह पद रिक्त हो गया था, जिसके बाद पांडे ने वित्त सचिव का पदभार संभाला. इससे पहले, उन्होंने सरकार में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है.
कई महत्वपूर्ण पदों पर निभा चुके हैं भूमिका
पांडे ने भारत की आर्थिक नीतियों, विनिवेश कार्यक्रमों और सार्वजनिक क्षेत्र के प्रबंधन में अहम भूमिका निभाई है. सरकारी वित्त और निवेश को संभालने का उनका अनुभव उन्हें सेबी का नेतृत्व करने के लिए एक मजबूत विकल्प बनाता है. हाल के वर्षों में पांडे कुछ सबसे महत्वपूर्ण वित्तीय निर्णयों में शामिल रहे हैं.
2025-26 के बजट पर काम किया: वह केंद्रीय बजट को आकार देने में प्रमुख व्यक्तियों में से एक थे, जिसने मध्यम वर्ग को कर राहत में 1 लाख करोड़ रुपये प्रदान किए.
नया आयकर विधेयक: उन्होंने 1961 के आयकर अधिनियम को प्रतिस्थापित करने के उद्देश्य से एक नए आयकर विधेयक का मसौदा तैयार करने में योगदान दिया.
पांडे दीपम में सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले सचिवों में से एक हैं, जो सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों में सरकार की हिस्सेदारी के प्रबंधन के लिए जिम्मेदार है. दीपम में अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने कई निजीकरण प्रयासों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिनमें शामिल हैं:
एयर इंडिया का निजीकरण: उन्होंने एयर इंडिया को टाटा समूह को बेचने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जो सरकार द्वारा सबसे बड़े विनिवेश कदमों में से एक था.
आईडीबीआई बैंक का निजीकरण: उन्होंने आईडीबीआई बैंक के निजीकरण की प्रक्रिया की देखरेख की, जो अभी भी जारी है क्योंकि बोलीदाता अपनी उचित जांच-पड़ताल कर रहे हैं.
बड़े पैमाने पर वित्तीय पुनर्गठन से निपटने का उनका अनुभव महत्वपूर्ण होगा क्योंकि वे सेबी का प्रभार संभालेंगे, जो भारत के शेयर बाजारों और वित्तीय संस्थानों को नियंत्रित करता है.
पांडे ने पंजाब विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर तथा ब्रिटेन के बर्मिंघम विश्वविद्यालय से एमबीए की डिग्री प्राप्त की है. उन्होंने राज्य और केंद्र दोनों सरकारों में काम किया है और विभिन्न विभागों में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां संभाली हैं.
उनकी पिछली कुछ भूमिकाएं इस प्रकार हैं
संबलपुर, ओडिशा में जिला कलेक्टर
वाणिज्य मंत्रालय में उप सचिव
स्वास्थ्य, परिवहन और वाणिज्यिक कर क्षेत्रों में भूमिकाएं
नागरिक उड्डयन मंत्रालय में सचिव (2021 में संक्षिप्त कार्यकाल)


