कभी था छात्र नेता, आज गैंगरेप का आरोपी! मोनोजीत मिश्रा की दोहरी जिंदगी का पर्दाफाश

कभी छात्र राजनीति का चेहरा, आज दरिंदगी का चेहरा बन गया है मोनोजीत मिश्रा. कोलकाता लॉ कॉलेज की 24 वर्षीय छात्रा के साथ हुए गैंगरेप मामले में मुख्य आरोपी बनाए गए मोनोजीत का अतीत जितना राजनीतिक रूप से सक्रिय रहा, उतना ही आपराधिक भी. एक समय टीएमसी छात्र इकाई से जुड़ा यह शख्स अब यौन उत्पीड़न, चोरी और हमले जैसे कई संगीन मामलों में आरोपित है.

Deeksha Parmar
Edited By: Deeksha Parmar

कोलकाता में कानून की पढ़ाई कर रही एक छात्रा के साथ हुए गैंगरेप केस ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है. इस मामले में गिरफ्तार हुआ मुख्य आरोपी मोनोजीत मिश्रा न सिर्फ एक वकील है, बल्कि एक 'हिस्ट्री शीटर' भी है. दक्षिण कोलकाता लॉ कॉलेज में 24 वर्षीय छात्रा के साथ गैंगरेप के मामले में उसे मुख्य साजिशकर्ता के तौर पर गिरफ्तार किया गया है. लेकिन यह उसका पहला अपराध नहीं है.

कई पुराने आपराधिक मामलों में चार्जशीटेड है मोनोजीत

कोलकाता पुलिस ने पुष्टि की है कि मोनोजीत मिश्रा के खिलाफ पहले से ही यौन उत्पीड़न, मारपीट, चोरी और तोड़फोड़ जैसे कई मामलों में चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है. टेलीग्राफ की रिपोर्ट के मुताबिक, मिश्रा के खिलाफ कालिघाट, कस्बा, अलीपुर, हरिदेवपुर और टॉलीगंज थानों में एफआईआर दर्ज हैं.

2019 में महिला के कपड़े फाड़ने का आरोप

2019 में मिश्रा पर आरोप लगे थे कि उसने कॉलेज परिसर में ही एक महिला के कपड़े फाड़े थे. उसी साल, नए साल की पूर्व संध्या पर उसने हरिदेवपुर में एक दोस्त के घर से सोने की चेन, म्यूजिक सिस्टम और परफ्यूम चुरा लिया था.

मई 2024 में किया कॉलेज गार्ड पर हमला

सबसे हालिया मामला मई 2024 का है, जब कॉलेज प्रशासन ने उसके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी. उस पर कॉलेज के एक सुरक्षा गार्ड पर हमला करने और संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का आरोप है.

हिंसक प्रवृत्ति के कारण नाता तोड़ा

एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, मोनोजीत के पिता एक मंदिर में पुजारी हैं और मां मानसिक रोग से जूझ रही हैं. पिता रॉबिन मिश्रा ने बताया कि उन्होंने सालों पहले अपने बेटे से रिश्ता तोड़ लिया था क्योंकि वह लगातार हिंसक झगड़ों और राजनीतिक गतिविधियों में शामिल रहता था.

टीएमसी छात्र इकाई से जुड़ा था मोनोजीत

मोनोजीत खुद को टीएमसी की छात्र इकाई 'त्रिणमूल छात्र परिषद' का पूर्व अध्यक्ष बताता रहा है. सोशल मीडिया पर उसने टीएमसी नेताओं के साथ कई तस्वीरें साझा की थीं. हालांकि अब टीएमसी ने उससे किनारा कर लिया है. टीएमसीपी राज्य अध्यक्ष त्रिनांकुर भट्टाचार्य ने कहा, "मिश्रा को 2022 में समिति से बाहर कर दिया गया था. अब उसके निजी कृत्यों की जिम्मेदारी संगठन नहीं ले सकता."

कभी करता था बलात्कारी को फांसी की मांग

दिलचस्प बात यह है कि मोनोजीत मिश्रा ने अगस्त 2023 में आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक महिला डॉक्टर के रेप और हत्या के मामले में सोशल मीडिया पर आरोपी के लिए फांसी की मांग की थी. उसने लिखा था— "रेपिस्ट को फांसी चाहिए. इंसाफ चाहिए, नाटक नहीं. तुरंत न्याय चाहिए."

कॉलेज में अनुबंध पर कर रहा था काम

कॉलेज की उपप्राचार्य नयना चटर्जी ने बताया कि मिश्रा कॉलेज का वर्तमान छात्र नहीं था, लेकिन उसे 45 दिन पहले अनुबंध पर रखा गया था. कॉलेज की संचालन समिति के अध्यक्ष और टीएमसी विधायक अशोक देब ने कहा, "मैंने उसके नाम की कोई सिफारिश नहीं की थी. लोग मेरे साथ फोटो खिंचवाते हैं, इसका मतलब ये नहीं कि मैं उनके निजी कार्यों के लिए जिम्मेदार हूं."

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30 June 2025, 03:41 PM IST

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