अध्यापक के लिए फरिश्ता बनी कक्षा की दो छात्राएं, हार्ट अटैक आने पर कैसे बचाई जान, हर तरफ हो रही वाहवाही
यह प्रशिक्षण उनके लिए लाभदायक सिद्ध हुआ। ग्राम प्रधान, विद्यालय के प्रधानाचार्य भरत सिंह परिहार एवं वरिष्ठ अध्यापक अरुण कुमार दुबे ने व्यावसायिक शिक्षा का लाभ आमजन तक पहुंचाने के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना की।

सागर जिले के देवरी ब्लाक की चिखली जमुनिया पंचायत के हायर सेकेंडरी स्कूल की दो छात्राओं की सूझबूझ से एक शिक्षक की जान बच गई। दरअसल, गणतंत्र दिवस के दिन चिखली जमुनिया गांव के प्राथमिक विद्यालय में पदस्थ एक प्राथमिक शिक्षक को अचानक दिल का दौरा पड़ गया। वे बेहोश हो गये। स्कूल की छात्रा निष्का और प्राची ने शिक्षक महिपाल ठाकुर को सीपीआर दिया। देकर उनकी जान बचाई।
सीपीआर देने के बाद ली सांस
छात्रों ने बताया कि जब उन्होंने शिक्षक को देखा तो उनकी नब्ज तेजी से चल रही थी और वे सांस नहीं ले रहे थे। इसके बाद छात्रों ने उन्हें सीपीआर दिया। दिया गया। एम्बुलेंस आने तक सीपीआर देने के बाद, अध्यापक ने फिर से सांस लेना शुरू कर दिया। बाद में शिक्षक को एम्बुलेंस से देवरी अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां उनका इलाज किया गया। जब डॉक्टरों की टीम को पूरी घटना के बारे में बताया गया तो वे बहुत खुश हुए और व्यावसायिक शिक्षा के लाभ को जन-जन तक पहुंचाने के विचार की सराहना की।
समय पर कदम न उठाया हो सकता था बड़ा नुकसान
डॉक्टरों ने कहा कि यदि छात्रों ने सीपीआर नहीं दिया होता तो कुछ भी अनहोनी हो सकती थी। शिक्षक दुबे ने बताया कि विद्यालय में व्यावसायिक शिक्षा के माध्यम से विद्यार्थियों को सीपीआर का प्रशिक्षण दिया गया। इसमें निष्खा और प्राची ने भाग लिया।


