मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार सेवानिवृत्ति के बाद की नौकरी की तलाश में: केजरीवाल और चुनाव आयोग में टकराव
दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को चुनाव आयोग पर जमकर पलटवार किया. उन्होंने कहा कि मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार सेवानिवृत्ति के बाद की नौकरी की तलाश में हैं. उन्होंने चुनाव आयोग के कामकाज को लेकर और मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार के राजनीतिक दखल को लेकर कड़ी आलोचना की.

दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को चुनाव आयोग पर तीखा हमला बोला. उन्होंने चुनाव आयोग पर राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार सेवानिवृत्ति के बाद की नौकरी की तलाश में हैं. केजरीवाल ने यह टिप्पणी चुनाव आयोग द्वारा उनके "यमुना के पानी में जहर" वाले बयान पर भेजे गए नोटिस पर असंतोष व्यक्त किए जाने के बाद की.
चुनाव आयोग पर आरोप
केजरीवाल ने चुनाव आयोग की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हुए कहा, मुझे नहीं लगता कि चुनाव आयोग कभी इतना बदनाम हुआ है जितना कि अब है. उन्होंने यह भी दावा किया कि चुनाव आयोग उनकी गिरफ्तारी के लिए दो दिन में कार्रवाई करेगा, लेकिन वे डरने वाले नहीं हैं. उन्होंने चुनाव आयोग के कामकाज को लेकर और मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार के राजनीतिक दखल को लेकर कड़ी आलोचना की.
केजरीवाल ने कहा, चुनाव आयोग पैसे के वितरण को देख नहीं पा रहा है, लेकिन वे राजनीति कर रहे हैं. राजीव कुमार सेवानिवृत्ति के बाद की नौकरी के लिए राजनीति में हैं. मैं उन्हें याद दिलाना चाहता हूं कि इतिहास उन्हें कभी माफ नहीं करेगा.
केजरीवाल का विरोध प्रदर्शन
अपने विरोध को और जोर देने के लिए केजरीवाल ने चुनाव आयोग को एक अजीबोगरीब कदम उठाने का ऐलान किया. उन्होंने कहा कि वे चुनाव आयोग के तीनों आयुक्तों को तीन बोतलें भेजेंगे, जिनमें क्लोरीन और अमोनिया से दूषित पानी होगा. केजरीवाल ने कहा, अगर हम गलत हैं, तो हम अपनी गलती मान लेंगे, लेकिन पहले ये लोग इसे पिएं.
हरियाणा सरकार और यमुना का दूषित पानी
यह विवाद तब शुरू हुआ जब केजरीवाल ने हरियाणा सरकार पर आरोप लगाया था कि वह यमुना नदी में "जहर" मिला रही है. उन्होंने कहा था कि यह पानी पीने के लिए बहुत ही जहरीला और स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है. चुनाव आयोग ने उनके बयान पर असंतोष जताया और केजरीवाल से स्पष्टीकरण मांगा.
केजरीवाल ने अपने बयान को एक सार्वजनिक कर्तव्य के रूप में प्रस्तुत किया और कहा कि उनका उद्देश्य दिल्लीवासियों को जहरीले पानी से बचाना था. उन्होंने चुनाव आयोग को बताया कि उनकी टिप्पणियों का उद्देश्य किसी को नुकसान पहुंचाना नहीं था, बल्कि जनता के स्वास्थ्य की रक्षा करना था.
चुनाव आयोग का नोटिस
चुनाव आयोग ने केजरीवाल से इस मामले पर और विशिष्ट जानकारी देने के लिए कहा था. 31 जनवरी तक उन्हें और विवरण प्रस्तुत करने का समय दिया गया था. आयोग ने चेतावनी दी है कि अगर वे ऐसा नहीं करते हैं तो उनके खिलाफ "उचित कार्रवाई" की जाएगी.
जल आपूर्ति विवाद और आगामी चुनाव
यह विवाद दिल्ली में जलापूर्ति की स्थिति को लेकर एक बड़े विवाद का हिस्सा बन गया है, जो 5 फरवरी को होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव से कुछ दिन पहले उभरा है. केजरीवाल ने चुनाव आयोग के नोटिस का विरोध करते हुए कहा कि दिल्ली के लोग ज़हरीला पानी पीने से बचने के लिए उनकी सरकार को धन्यवाद देंगे.


