'एक्टिंग कोई कॉर्पोरेट जॉब नहीं…', दीपिका पादुकोण के शिफ्ट डिबेट पर अली फजल का शॉकिंग बयान
बॉलीवुड में काम के घंटों को लेकर बहस एक बार फिर सुर्खियों में है. दीपिका पादुकोण द्वारा शूटिंग के लिए 8 घंटे की शिफ्ट की मांग करने के बाद यह मुद्दा तेजी से चर्चा में आया. अब इस पर मिर्जापुर के गुड्डू भैया यानी अली फजल ने भी प्रतिक्रिया दी है. अभिनेता अली फजल का कहना है कि एक्टिंग कोई कॉर्पोरेट जॉब नहीं है.

Ali Fazal on Deepika Shift Controversy: बॉलीवुड में शिफ्ट ड्यूरेशन को लेकर छिड़ी बहस अब और तेज हो गई है. दीपिका पादुकोण द्वारा 8 घंटे की शूटिंग शिफ्ट की मांग करने के बाद शुरू हुई इस बहस में अब तक कई सेलेब्स अपनी राय रख चुके हैं. काजोल, अजय देवगन और सोनाक्षी सिन्हा जैसी हस्तियां दीपिका के समर्थन में आ चुकी हैं, वहीं कुछ सितारों ने इस मुद्दे पर कूटनीतिक रुख अपनाया है.
अब इस बहस में मिर्जापुर फेम अली फजल ने भी अपनी बात खुलकर रखी है. अली ने साफ कहा है कि फिल्म इंडस्ट्री किसी भी तरह से कॉर्पोरेट नौकरी जैसी नहीं है और इसमें काम के घंटे तय करने के लिए सभी क्रिएटर्स की सहमति जरूरी है.
एक्टिंग एक क्रिएटिव प्रोसेस, न कि ऑफिस वर्क: अली फजल
अली फज़ल ने कहा, "मैं सभी के संतुष्ट होने के फेवर में हूं. आखिरकार हम क्रिएटर्स हैं. यह कोई कॉर्पोरेट जॉब नहीं है. उन्हें बुरा न लगे, लेकिन ऐसा नहीं है. चीजें बनाने के लिए बहुत सहानुभूति की जरूरत होती है."
उन्होंने आगे कहा कि एक्टर, क्रिएटर्स और टेक्नीशियंस के बीच आपसी सहमति से तय होना चाहिए कि किसी खास प्रोजेक्ट में कितने घंटे काम करना होगा. उन्होंने यह भी जोड़ा कि "आप कोई खाका नहीं बना सकते. यह सब सब्जेक्टिव है. यह दूसरों के लिए चर्चा करने और अपनी राय देने का विषय नहीं है. लोगों से पक्ष लेने के लिए कहना कठोर है. यह सही नहीं है."
प्रोजेक्ट की प्रकृति के अनुसार तय हो शिफ्ट
अली फज़ल ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि हर प्रोजेक्ट की जरूरतें अलग होती हैं. कुछ फिल्मों में वीएफएक्स का काम ज्यादा होता है, जिससे शूटिंग में समय कम लगता है. वहीं, एक्शन और ड्रामा वाली फिल्मों में ज्यादा घंटों की आवश्यकता पड़ती है.
उन्होंने कहा, "कभी-कभी, कुछ प्रोजेक्ट्स के लिए ज्यादा जरूरत नहीं होती है क्योंकि यह वीएफएक्स-हैवी होता है. कुछ प्रोजेक्ट्स के लिए ज्यादा समय की जरूरत होती है क्योंकि उनमें एक्शन और ड्रामा शामिल होता है. जॉनर काम करने के तरीके को बदल देती है. हम इसी तरह की इंडस्ट्री में हैं."
दीपिका स्पिरिट फिल्म से बाहर
दीपिका पादुकोण ने बीते साल एक फिल्म की शूटिंग के लिए 8 घंटे की शिफ्ट और ज्यादा फीस की मांग की थी, जिसके बाद उन्हें फिल्म स्पिरिट से बाहर कर दिया गया. इस फिल्म का निर्देशन संदीप रेड्डी वांगा कर रहे हैं और दीपिका की जगह अब तृप्ति डिमरी को कास्ट किया गया है.
दीपिका के इस कदम को लेकर इंडस्ट्री में मिली-जुली प्रतिक्रियाएं आ रही हैं. कई लोगों ने इसे एक प्रोफेशनल मांग बताया है तो कुछ ने इसे प्रोडक्शन हाउस की व्यावसायिक मजबूरियों से जोड़ा है.
क्या है शिफ्ट डिबेट?
फिल्म इंडस्ट्री की अनियमित शिफ्ट्स और कलाकारों की मानसिक व शारीरिक थकान के मुद्दे को पहली बार इस तरह खुलकर चर्चा में लाया गया है. दीपिका के इस कदम ने जहां वर्क-लाइफ बैलेंस की नई बहस छेड़ दी है, वहीं अली फजल जैसे कलाकारों के सपोर्ट से यह मुद्दा और भी गंभीर होता जा रहा है.


