अमेरिका द्वारा पाकिस्तानी समूह को आतंकवादी घोषित करने पर भारत की सराहना
नई दिल्ली ने कहा कि 22 अप्रैल के पहलगाम हमले के लिए जिम्मेदार पाकिस्तान स्थित समूह को विदेशी आतंकवादी संगठन घोषित करना वाशिंगटन का भारत-अमेरिका आतंकवाद-रोधी सहयोग मजबूत करने वाला कदम है. यह दोनों देशों के बीच आतंकवाद के खिलाफ साझेदारी की स्पष्ट पुष्टि है.

सरकार ने शुक्रवार को पहलगाम आतंकी हमले के पीछे पाकिस्तान स्थित संगठन, द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ), को अमेरिकी प्रशासन द्वारा आतंकवादी समूह घोषित करने के फैसले का स्वागत किया है. इस निर्णय को भारत और अमेरिका के बीच आतंकवाद-रोधी सहयोग को मजबूत करने वाला कदम बताया गया है. विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह कदम आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में भारत और अमेरिका के गहरे सहयोग को दर्शाता है. मंत्रालय ने इस बात पर जोर दिया कि भारत आतंकवाद के प्रति शून्य सहिष्णुता की नीति के लिए प्रतिबद्ध है और आतंकवादी संगठनों और उनके समर्थकों को जवाबदेह ठहराने के लिए अपने अंतर्राष्ट्रीय साझेदारों के साथ मिलकर काम करता रहेगा.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी इस फैसले का स्वागत करते हुए इसे भारत-अमेरिका के बीच आतंकवाद-रोधी सहयोग की मजबूत पुष्टि बताया. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के एक प्रतिनिधि टीआरएफ को विदेशी आतंकवादी संगठन (एफटीओ) और विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकवादी (एसडीजीटी) घोषित करने के लिए अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो और विदेश विभाग की सराहना करते हैं. जयशंकर ने कहा कि यह निर्णय 22 अप्रैल के पहलगाम हमले की जिम्मेदारी लेने वाले आतंकवादियों के खिलाफ सख्त संदेश है और आतंकवाद के प्रति शून्य सहिष्णुता को दर्शाता है.
अमेरिका के आतंकवादी सूचीबद्ध निर्णय का किया स्वागत
गौरतलब है कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में 26 नागरिक मारे गए थे, जिनमें अधिकतर पर्यटक थे. आतंकवादियों ने पीड़ितों से उनकी धार्मिक पहचान पूछकर उन पर गोलीबारी की थी. इस हमले की जिम्मेदारी कश्मीर रेजिस्टेंस के नाम से भी जाने जाने वाले द रेजिस्टेंस फ्रंट ने ली थी. हालांकि बाद में तनाव बढ़ने पर इसने हमले में शामिल होने से इनकार कर दिया. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने टीआरएफ प्रमुख शेख सज्जाद गुल को इस हमले का मास्टरमाइंड बताया है.
आतंकवादी घोषित करने पर भारत ने जताई खुशी
इस हमले के जवाब में भारत ने सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की. 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर में नौ आतंकी ठिकानों को नष्ट किया गया. इसके बाद दोनों देशों के बीच सैन्य तनाव बढ़ गया, जिसमें सीमा पर गोलीबारी भी हुई, लेकिन बाद में सीमा पार गोलीबारी बंद करने के समझौते के बाद स्थिति सामान्य हुई.
भारत-अमेरिका आतंकवाद विरोधी साझेदारी मजबूत
मई में भारत के सात बहुपक्षीय प्रतिनिधिमंडलों ने आतंकवाद और पाकिस्तान के संबंधों को उजागर करने के लिए वाशिंगटन सहित 33 वैश्व्विक राजधानियों का दौरा किया. इस अभियान का मकसद अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को इस्लामाबाद के आतंकवाद समर्थक रवैये के बारे में जागरूक करना और आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक सहयोग को मजबूत करना था.
इस प्रकार, अमेरिकी प्रशासन द्वारा टीआरएफ को आतंकवादी समूह घोषित करना भारत की सुरक्षा चिंताओं को मान्यता देने के साथ-साथ दोनों देशों के आतंकवाद-रोधी प्रयासों को और प्रबल करता है. भारत ने इस निर्णय का स्वागत करते हुए आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक सहयोग को और बढ़ावा देने का संकल्प दोहराया है.


