धर्मेंद्र की दो पत्निया, छह बच्चे... अब 5000 करोड़ की संपत्ति का बंटवारा कैसे होगा?
बॉलीवुड के चहेते हीमैन धर्मेंद्र ब्रीच कैंडी अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद फैंस की चिंता कम हुई, लेकिन अब मौत के बाद से चर्चा उनकी अरबों की संपत्ति की हो रही है. दो पत्नियां -प्रकाश कौर और हेमा मालिनी और छह बच्चे,आखिर अब उनकी संपत्ति कैसे बंटेगी?

मुंबई: बॉलीवुड के हीमैन धर्मेंद्र की मौत के बाद उनकी संपत्ति को लेकर बात किया जा रहा है. धर्मेंद्र की जिंदगी की सबसे चर्चित बातों में उनकी दो शादियां शामिल हैं. पहली शादी प्रकाश कौर से और उसके बाद हेमा मालिनी से निकाह. चूंकि दूसरी शादी हिंदू मैरिज एक्ट के तहत मान्य नहीं है, ऐसे में सवाल उठता है कि दोनों बीवियों और छह बच्चों के बीच धर्मेंद्र की प्रॉपर्टी का बंटवारा आखिर कैसे होगा? इस पर एडवोकेट कमलेश कुमार मिश्रा ने पूरा कानूनी ढांचा समझाया.
अमान्य शादी से पैदा हुए बच्चों के अधिकार क्या कहते हैं कानून?
एडवोकेट कमलेश कुमार मिश्रा के अनुसार धर्मेंद्र और हेमा मालिनी की बेटियां ईशा देओल और आहना देओल भी इसी श्रेणी में आती हैं.कोट के फैसले ने यह भ्रम खत्म कर दिया कि ऐसी स्थिति में पैतृक संपत्ति पर बच्चों का अधिकार होगा या नहीं.
क्या ईशा और आहना को धर्मेंद्र की प्रॉपर्टी मिलेगी?
धर्मेंद्र की दूसरी शादी हिंदू मैरिज एक्ट के तहत अमान्य मानी जाती है, क्योंकि उनकी पहली शादी प्रकाश कौर से हुई थी. लेकिन धारा 16(1) ईशा और आहना को अपने माता-पिता के संबंध में वैध संतान का दर्जा देती है. यानी कानून बच्चों को नाजायज की श्रेणी में नहीं रखता.
संपत्ति के अधिकार की सीमा
धारा 16(3) बताती है कि वैध संतान का यह दर्जा उन्हें हिंदू संयुक्त परिवार की सहदायिक संपत्ति में हिस्सा नहीं देता. उनके अधिकार सिर्फ माता-पिता की संपत्ति तक सीमित रहते हैं. न कि अन्य रिश्तेदारों की संपत्ति तक.
पैतृक संपत्ति पर हिस्सेदारी का तरीका
सुप्रीम कोर्ट के अनुसार अगर कोई हिंदू पुरुष सहदायिक है, तो उसकी मृत्यु के समय ‘काल्पनिक बंटवारा’ माना जाएगा. की धारा 6(3) के तहत यह माना जाता है कि मृत्यु से ठीक पहले संयुक्त संपत्ति का नोशनल पार्टीशन हो चुका है. इस काल्पनिक बंटवारे से जो हिस्सा धर्मेंद्र को मिलता, वही उनकी व्यक्तिगत संपत्ति मानी जाएगी.
बिना वसीयत के यह हिस्सा किसे मिलेगा?
HSA की धारा 8 और 10 के अनुसार यह हिस्सा उनके सभी Class-1 heirs में बराबर बंटेगा. धारा 16(1) के तहत वैधता पाए बच्चे ईशा और आहना HSA की धारा 10 के तहत बेटे-बेटियों की तरह ही माने जाएंगे, यानी कि उन्हें बराबर का हिस्सा मिलेगा.


