संगीत जगत में शोक की लहर, 74 साल की उम्र में इस मसहूर सिंगर ने ली आखिरी सांस
पंजाब के प्रसिद्ध संगीतकार चरणजीत सिंह आहूजा का निधन 74 वर्ष की आयु में मोहाली में हुआ. वह कैंसर से जूझ रहे थे. उनकी रचनाओं जैसे "की बनू दुनियां दा" और "गभरू पंजाब दा" ने उन्हें संगीत जगत में पहचान दिलाई. पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और संगीत इंडस्ट्री के लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. उनके बेटे सचिन आहूजा भी मशहूर पंजाबी संगीत निर्माता हैं.

Charanjeet Singh Ahuja Death: पंजाब के प्रसिद्ध संगीतकार चरणजीत सिंह आहूजा का निधन आज मोहाली स्थित उनके घर पर हुआ. वह 74 वर्ष के थे और कुछ वर्षों से कैंसर से जूझ रहे थे, जिसका इलाज चंडीगढ़ स्थित पीजीआई में चल रहा था. आहूजा पंजाबी संगीत के "सम्राट" माने जाते थे और उन्होंने अपने करियर के दौरान कई बड़े बॉलीवुड फिल्मों के साउंडट्रैक पर भी काम किया था. उनका निधन संगीत इंडस्ट्री के लिए एक अपूरणीय क्षति है.
पंजाब के CM मान ने दी श्रद्धांजलि
ਸੰਗੀਤ ਸਮਰਾਟ ਉਸਤਾਦ ਚਰਨਜੀਤ ਅਹੂਜਾ ਸਾਬ੍ਹ ਦਾ ਚਲੇ ਜਾਣਾ ਸੰਗੀਤ ਇੰਡਸਟਰੀ ਲਈ ਨਾ ਪੂਰਾ ਹੋਣ ਵਾਲਾ ਘਾਟਾ ਹੈ। ਆਹੂਜਾ ਸਾਬ੍ਹ ਵੱਲੋਂ ਬਣਾਈਆਂ ਧੁਨਾਂ ਹਮੇਸ਼ਾ ਪੰਜਾਬੀਆਂ ਦੇ ਦਿਲਾਂ ‘ਤੇ ਰਾਜ ਕਰਦੀਆਂ ਰਹਿਣਗੀਆਂ। ਸਚਿਨ ਅਹੂਜਾ ਸਮੇਤ ਪਰਿਵਾਰ ਤੇ ਚਾਹੁਣ ਵਾਲਿਆਂ ਨਾਲ ਦਿਲੋਂ ਹਮਦਰਦੀ। ਪਰਮਾਤਮਾ ਰੂਹ ਨੂੰ ਚਰਨਾਂ ‘ਚ ਥਾਂ ਦੇਣ।
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संगीत सम्राट… pic.twitter.com/X7km0fG1AN— Bhagwant Mann (@BhagwantMann) September 21, 2025
संगीतकारों और प्रशंसकों का शोक
संगीत इंडस्ट्री के कई नामी कलाकारों और प्रशंसकों ने भी चरणजीत आहूजा को श्रद्धांजलि दी. गायक सलीम शहजादा ने उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए लिखा कि संगीत जगत ने एक महान नाम खो दिया है. उन्होंने कहा कि आहूजा ने पंजाबी संगीत के लिए जो योगदान दिया है, वह अविस्मरणीय रहेगा. इसके अलावा, सोशल मीडिया पर भी फैंस ने उन्हें "RIP उस्ताद जी" लिखकर श्रद्धांजलि अर्पित की.
प्रसिद्ध रचनाओं से मिली पहचान
चरणजीत आहूजा का अंतिम संस्कार सोमवार दोपहर 1 बजे मोहाली के श्मशान घाट में किया जाएगा. उन्होंने अपनी हिट रचनाओं "की बनू दुनियां दा" (1986), "गभरू पंजाब दा" (1986), "दुश्मनी जट्टां दी" (1993), और "तूफान सिंह" (2017) के माध्यम से संगीत जगत में विशेष पहचान बनाई. उन्होंने दिल्ली में एक स्टूडियो भी संचालित किया था, लेकिन बीमारी के कारण वह मोहाली आ गए थे. उनके बेटे सचिन आहूजा भी एक प्रसिद्ध पंजाबी संगीत निर्माता हैं.
संगीत जगत की अपूरणीय क्षति
चरणजीत आहूजा की रचनाओं ने पंजाबी संगीत को एक नई दिशा दी और उनकी धुनें आज भी पंजाबी समुदाय के दिलों में जीवित हैं. उनका योगदान कभी भुलाया नहीं जा सकेगा. उन्होंने संगीत को न केवल एक पेशेवर दृष्टिकोण से, बल्कि अपनी भावना और भावनाओं से जोड़ा. उनके निधन से पूरी संगीत दुनिया गहरे शोक में डूब गई है.


