रेलवे क्वार्टर, आर्थिक तंगी...आसान नहीं था मुंबई का सफर, मुफलिसी में कैसे गुजरे धर्मेंद्र के दिन?
धर्मेंद्र ने मुंबई में भूखे रातें और आर्थिक कठिनाइयों के बावजूद संघर्ष किया. फिल्मफेयर प्रतियोगिता से शुरुआत कर 1960 में ‘दिल भी तेरा हम भी तेरे’ से डेब्यू किया और मेहनत, धैर्य से बॉलीवुड के 'ही-मैन' बने.

मुंबईः बॉलीवुड के ही-मैन धर्मेंद्र ने लंबे समय तक इंडस्ट्री में राज किया, लेकिन हर चमक के पीछे संघर्ष की कहानी भी होती है. धर्मेंद्र के जीवन में भी ऐसा समय आया जब वे आर्थिक तंगी और कठिनाइयों से जूझ रहे थे. सनी देओल के पिता और बॉलीवुड के महानायक धर्मेंद्र ने खुद अपने शुरुआती संघर्षों के दिनों के बारे में कई इंटरव्यू में खुलकर बताया था.
मुंबई आने का सपना उनके लिए बड़ा था, लेकिन इसे साकार करना इतना आसान नहीं था. धर्मेंद्र ने बताया कि उनके पास न केवल पर्याप्त भोजन का अभाव रहता था, बल्कि रहने के लिए भी साधन सीमित थे. उन्होंने और उनके एक मित्र ने एक रेलवे क्वार्टर की बालकनी किराए पर ली थी, जहां वे रात बिताते थे. कई रातें उन्हें भूखे ही सोनी पड़ती थीं.
फिल्मफेयर प्रतियोगिता और पहला कदम
धर्मेंद्र को मुंबई आने का पहला मौका फिल्मफेयर के एक प्रतियोगिता के माध्यम से मिला. फिल्मफेयर के इस कांटेस्ट में उनका चयन हुआ और इसके बाद उन्होंने मुंबई का रुख किया. हालांकि, पैसों की कमी और कठिनाइयों के कारण धर्मेंद्र को हर दिन संघर्ष करना पड़ता था. उनके संघर्ष के दिनों में सुनील दत्त जैसे सीनियर कलाकारों ने उनकी मदद की और उन्हें संभाला. धर्मेंद्र ने शत्रुघ्न सिन्हा के साथ एक इंटरव्यू में बताया कि उनके लिए यह समय काफी चुनौतीपूर्ण था, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी.
धर्मेंद्र ने पुराने दिनों को किया याद
धर्मेंद्र ने अपने पुराने दिनों को याद करते हुए कहा कि कई बार उन्हें खाने के लिए कुछ भी नहीं मिलता था, लेकिन उन्होंने अपने सपने को जीवित रखा. उन्होंने बताया कि वह और उनका दोस्त कई रातें भूखे सोते थे. मुंबई में संघर्ष करते हुए उन्हें इंडस्ट्री के शुरुआती दौर के कड़े नियमों और प्रतिस्पर्धा का सामना भी करना पड़ा. उनके संघर्ष के दिनों में सेट पर कई कठिन परिस्थितियां भी थीं. धर्मेंद्र ने बताया कि कुछ समय के लिए मनोज कुमार जैसे बड़े सितारों के साथ काम करना भी चुनौतीपूर्ण था, खासकर तब जब उन्होंने हेमा मालिनी से शादी की थी.
बॉलीवुड में कब मिला ब्रेक?
लगभग एक साल की कठिन मेहनत और संघर्ष के बाद धर्मेंद्र को 1960 में अर्जुन हिंगोरानी की फिल्म ‘दिल भी तेरा हम भी तेरे’ से बॉलीवुड में डेब्यू करने का मौका मिला. इस फिल्म के बाद उनका जीवन धीरे-धीरे सुधरने लगा और उन्होंने बॉलीवुड में अपनी अलग पहचान बनाई. धर्मेंद्र का संघर्ष यह साबित करता है कि सफलता अचानक नहीं मिलती. उनकी मेहनत, धैर्य और हिम्मत ने उन्हें बॉलीवुड का “ही-मैन” बना दिया. उनके शुरुआती संघर्ष और कठिनाइयों की कहानी आज भी नए कलाकारों और फैंस के लिए प्रेरणा का स्रोत है.


