'व्हाइट हाउस ही देगा जवाब', भारत और रूस की दोस्ती से चिढ़े अमेरिका को विदेश मंत्रालय की दो टूक
भारत और अमेरिका के बीच मजबूत वैश्विक रणनीतिक साझेदारी है, जो साझा हितों और लोकतंत्र पर आधारित है. रक्षा सहयोग बढ़ रहा है. भारत ने एफ-35 विमानों पर कोई औपचारिक चर्चा नहीं की. रूस के साथ भारत के स्थिर संबंध हैं. ऊर्जा सुरक्षा पर व्यापक नजर रखी जाती है, और संबंध भविष्य में और मजबूत होंगे.

विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका (US) के बीच एक व्यापक और मजबूत वैश्विक रणनीतिक साझेदारी है, जो साझा हितों और लोकतांत्रिक मूल्यों पर आधारित है. मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि दोनों देशों के बीच रिश्ते कई चुनौतियों का सामना कर चुके हैं, लेकिन भारत को विश्वास है कि यह साझेदारी भविष्य में और अधिक गहरी होगी.
रणधीर जायसवाल ने कहा कि जहां तक टैरिफ का मामला है, इस पर सरकार की ओर से एक बयान जारी किया गया है. जहां तक व्हाइट हाउस के वक्तव्य का सवाल है, इसको व्हाइट हाउस से ही पूछा जाए, तो ज्यादा बेहतर होगा.
वैश्विक रणनीतिक साझेदारी
रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी साझा हितों, लोकतंत्र और जन-जन के मजबूत संबंधों पर टिकी हुई है. इस साझेदारी ने समय-समय पर कई बदलाव देखे हैं, फिर भी दोनों देशों ने अपने ठोस एजेंडे पर केंद्रित रहकर इसे आगे बढ़ाया है.” उन्होंने यह भी जोड़ा कि दोनों देश अपनी प्रतिबद्धताओं के प्रति गंभीर हैं और यह रिश्ता आने वाले समय में और अधिक प्रगाढ़ होगा.
मजबूत होते भारत-अमेरिका रक्षा संबंध
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने यह भी बताया कि रक्षा के क्षेत्र में भारत और अमेरिका के संबंध पिछले कुछ वर्षों में और मजबूत हुए हैं. उन्होंने कहा कि 21वीं सदी की चुनौतियों के मद्देनज़र भारत-अमेरिका समझौते के तहत हमारी साझेदारी और मजबूत होगी. उन्होंने यह स्पष्ट किया कि भारत की रक्षा आवश्यकताएं पूरी तरह से राष्ट्रीय सुरक्षा और रणनीतिक आकलनों के आधार पर तय की जाती हैं.
यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब भारत ने अमेरिका के एफ-35 लड़ाकू विमान खरीदने के प्रस्ताव को अस्वीकार करने की खबरें आई थीं. इसके अलावा राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा रूस से तेल और हथियार खरीद को लेकर भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने का फैसला भी विवाद छिड़ा हुआ है. लोकसभा में केंद्र सरकार ने यह भी बताया था कि भारत ने एफ-35 विमानों की खरीद को लेकर अमेरिका से कोई औपचारिक चर्चा नहीं की है.
रूस के साथ भारत की साझेदारी पर दृष्टिकोण
जब रूस के साथ भारत के संबंधों को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की आलोचनाओं पर सवाल किया गया तो जायसवाल ने कहा कि भारत के द्विपक्षीय संबंध अपने अपने आधार पर स्थापित हैं और इन्हें किसी तीसरे देश के नजरिए से नहीं परखा जाना चाहिए. उन्होंने रूस के साथ भारत की साझेदारी को स्थिर और समय की कसौटी पर खरी उतरी बताया.
रूसी तेल की खरीद पर विवाद
कुछ रिपोर्टों में कहा गया कि कुछ भारतीय कंपनियों ने रूस से तेल की खरीद बंद कर दी है. इस पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि सरकार के पास ऐसी कोई विशेष जानकारी नहीं है. उन्होंने बताया कि भारत ऊर्जा स्रोतों की जरूरतों को लेकर व्यापक दृष्टिकोण रखता है और बाजार की उपलब्धता तथा वैश्विक परिस्थिति पर सतत नजर रखता है.


