मुझे बेवजह मशहूर मत बनाइए... चेनाब ब्रिज की इंजीनियरिंग हीरोइन बनी प्रो. माधवी लता, बोली- 'पूरी टीम को सराहिए'

दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे आर्च ब्रिज ‘चेनाब ब्रिज’ के उद्घाटन के बाद इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस (IISc), बेंगलुरु की सिविल इंजीनियरिंग प्रोफेसर डॉ. जी माधवी लता सोशल मीडिया पर चर्चा में आ गई. इस ब्रिज के डिज़ाइन और निर्माण में उनका 17 साल का अहम योगदान रहा.

Deeksha Parmar
Edited By: Deeksha Parmar

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में जम्मू-कश्मीर में बने दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे आर्च ब्रिज 'चेनाब ब्रिज' का उद्घाटन किया. यह इंजीनियरिंग का एक अद्भुत नमूना है, जिसने न केवल देश में बल्कि पूरी दुनिया में सराहना बटोरी. इस ऐतिहासिक ब्रिज की सफलता के पीछे कई इंजीनियरों और तकनीकी विशेषज्ञों की टीम ने सालों तक मेहनत की. इन्हीं में से एक हैं बेंगलुरु स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस (IISc) की सिविल इंजीनियरिंग प्रोफेसर डॉ. जी माधवी लता, जिनका नाम सोशल मीडिया पर छा गया है.

हालांकि, इंटरनेट पर मिल रही सुर्खियों के बीच प्रो. माधवी लता ने एक विनम्र अपील की है. उन्होंने कहा है कि उन्हें "बेवजह मशहूर" न बनाया जाए, क्योंकि यह एक व्यक्ति की नहीं, बल्कि हजारों लोगों की सामूहिक मेहनत का परिणाम है. अपने लिंक्डइन पोस्ट में उन्होंने इस इंजीनियरिंग चमत्कार का श्रेय पूरी टीम को देते हुए, खुद को 'एक साधारण हिस्सा' बताया है.

'सारी वाहवाही इंडियन रेलवे और एएफकॉन को मिले'

डॉ. माधवी लता ने अपने लिंक्डइन पोस्ट में लिखा है कि भारत को चेनाब रेलवे ब्रिज के उद्घाटन पर हार्दिक बधाई. यह ब्रिज सिविल इंजीनियरिंग का अद्भुत नमूना है. इसकी योजना, डिज़ाइन और निर्माण का सारा श्रेय भारतीय रेलवे और AFCONS को जाता है.

'मैं सिर्फ एक साधारण योगदानकर्ता हूं'

उन्होंने आगे लिखा, 'इस आइकॉनिक संरचना के निर्माण में हजारों लोगों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है. ऐसे लाखों गुमनाम नायकों को मैं आज सलाम करती हूं.' उन्होंने यह भी कहा कि जो मीडिया उन्हें 'मिशन के पीछे की महिला', 'असंभव को संभव करने वाली' या 'चमत्कार करने वाली' बता रहा है, वह गलत है. 'ऐसे तमाम मीडिया हेडलाइंस और बयानों में कोई सच्चाई नहीं है. कृपया मुझे बेवजह प्रसिद्ध न बनाएं,' उन्होंने आग्रह किया.

सोशल मीडिया तारीफें

सोशल मीडिया पर लोग जहां प्रोफेसर की विनम्रता और समर्पण की सराहना कर रहे हैं, वहीं प्रो. लता ने सभी संदेशों का आभार जताते हुए फिर दोहराया कि वह इस टीम की सिर्फ एक सदस्य हैं. 'मैं इस पर अत्यंत खुश हूं. उन सभी भारतीयों का धन्यवाद जिन्होंने मुझे बधाई संदेश भेजे. कृपया याद रखें कि मैं उन हजारों में से एक हूं जो इस प्रशंसा के हकदार हैं. सारी महिमा भारतीय रेलवे की है.'

'इतना बड़ा दिल बहुत कम लोगों का होता है'

लोगों की प्रतिक्रियाएं इस पोस्ट के बाद और तेज हो गई. एक यूजर ने लिखा, "बधाई हो मैम... और आपके इस बड़े दिल को सलाम. इस अद्भुत निर्माण के पीछे की पूरी टीम को बधाई.एक अन्य ने टिप्पणी की, 'सबसे उपयुक्त प्रतिक्रिया. आपका योगदान और विनम्रता बेहद प्रेरणादायक है.' तीसरे यूजर ने लिखा, इतिहास रचने वाली इंजीनियरिंग सफलता में आपके योगदान को सलाम. वहीं एक चौथे ने कहा, इतना बड़ा दिल बहुत कम लोगों का होता है, जो पूरी टीम के साथ श्रेय साझा करते हैं. पूरी टीम को बहुत-बहुत बधाई.'

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10 June 2025, 03:12 PM IST

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