Delhi Services Bill: दिल्ली सेवा विधेयक पास होने के बाद पक्ष-विपक्ष की नोकझोंक, किसने क्या कहा?
Delhi Services Bill: बीते दिन दिल्ली सेवा विधेयक राज्यसभा में पास किया गया. इस दौरान भाजपा और विपक्षी दलों के बीच तीखी नोकझोंक हुई.
हाइलाइट
- चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री को उपस्थित रहना चाहिए था- ओ ब्रायन
Delhi Services Bill: 7 अगस्त को लोकसभा के बाद राज्यसभा से भी दिल्ली सेवा बिल पास हो गया. अपोजिशन की तमाम कोशिशों के बाद भी केंद्र सरकार ने इस बिल को पास कराया. बता दें कि इस बिल के लिए कुल 233 वोट पड़े जिसमें से 131 सदस्यों ने बिल का समर्थन किया. वहीं 102 लोगों ने बिल के विरोध में वोट किया है.
दिल्ली सेवा विधेयक पर चर्चा के दौरान राज्यसभा में बीजेपी और अपोज़िशन पार्टीज़ के बीच नोकझोक हुई, इस दौरान आम आदमी पार्टी ने बीजेपी पर कई हमले किए. इसके साथ ही बीजेपी के सदस्य अनिल जैन ने आप पर इल्ज़ाम लगाते हुए कहा कि 'सरकार भ्रष्टाचार में डूबी है, इनकी पार्टी के आधे लीडर तो जेल में बंद हैं.'
अनिल जैन के इस बयान परमाकपा के डा. वी. शिवदासन ने भी अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि 'जैन ने सीएम के खिलाफ़ अपमानजनक बयान दिया है और उनका नाम भी लिया है.' इसके साथ ही आप के सदस्य संदीप कुमार पाठक ने भी यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि 'मामला अदालत के विचाराधीन के कारण सीएम और फार्मर डिप्टी सीएम के खिलाफ इल्ज़ाम नहीं लगाए जा सकते.
इसके साथ ही राघव चड्ढा ने नियम-110 के तहत व्यवस्था का मुद्दा उठाते हुए कहा कि सबको विधेयक पर ही बोलना चाहिए. भाजपा के सुरेंद्र सिंह नागर ने जब दिल्ली सरकार और आप नेताओं पर इल्ज़ाम लगाए तो राजद सदस्य मनोज झा ने व्यवस्था का मुद्दा उठाया. नागर ने दिल्ली के सीएम केजरीवाल को ऐसा इंसान बताया जो अपना वादा नहीं निभाता. इस कड़ी में तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन ने पूछा कि 'केंद्र सरकार ने असम जैसे राज्यों में अपने कितने प्रतिनिधिमंडल भेजे हैं जहां औरतों के खिलाफ अपराध सबसे ज्यादा मामले हैं. जिसपर धनखड़ ने ओ ब्रायन को अपना भाषण विधेयक पर ही रखने के लिए कहा.