राहुल गांधी के आरोपों पर EC ने तोड़ी चुप्पी, बताया झूठा और गैर-जिम्मेदाराना
राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर वोट चोरी में शामिल होने का आरोप लगाया, जिसे आयोग ने पूरी तरह बेबुनियाद बताया. राहुल ने दावा किया कि उनके पास पक्के सबूत हैं और आयोग बीजेपी को फायदा पहुंचा रहा है. आयोग ने बताया कि उन्होंने राहुल को चर्चा के लिए बुलाया था, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला. साथ ही आयोग ने कर्मचारियों से निष्पक्षता और पारदर्शिता से काम करने की अपील की.

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर चुनाव आयोग पर तीखा हमला करते हुए वोट चोरी में शामिल होने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि उनके पास इस बात का पूरा सबूत है कि चुनाव आयोग ने भाजपा को लाभ पहुंचाने के लिए गड़बड़ी की है.
BJP के लिए EC वोट चोरी कर रहा
जांच में जो सामने आया है वो “परमाणु बम” जैसा
राहुल गांधी ने आगे कहा कि कांग्रेस पार्टी ने खुद अपनी जांच की है, क्योंकि उन्हें चुनाव आयोग से सहयोग नहीं मिला. उन्होंने कहा कि जांच में जो सामने आया है वो “परमाणु बम” जैसा है, और जब ये “फूटेगा” तो देश में चुनाव आयोग नाम की संस्था नहीं रह जाएगी. उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा, “जो भी लोग इस वोट चोरी में शामिल हैं चाहे वो ऊपरी स्तर पर हों या नीचे उन्हें बख्शा नहीं जाएगा. ये देशद्रोह है, और हम उन्हें ढूंढ निकालेंगे, चाहे वे सेवा में हों या रिटायर्ड.”
चुनाव आयोग ने दिया करारा जवाब
इन आरोपों पर चुनाव आयोग ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. आयोग ने कहा कि राहुल गांधी द्वारा लगाए गए आरोप “पूरी तरह बेबुनियाद और दुर्भाग्यपूर्ण” हैं. आयोग ने स्पष्ट किया कि उन्होंने 12 जून 2025 को राहुल गांधी को ईमेल और पत्र भेजकर मतदाता सूची (voter roll) से संबंधित मामलों पर चर्चा के लिए आमंत्रित किया था, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया.
Email और पत्र का कोई जवाब नहीं...
चुनाव आयोग के आधिकारिक बयान में कहा गया कि “12 जून को राहुल गांधी को ईमेल भेजा गया. उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया. फिर पत्र भेजा गया, तब भी कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली. उन्होंने कभी कोई आधिकारिक शिकायत भी नहीं भेजी. ऐसे में अब इस तरह के गंभीर आरोप लगाना और चुनाव आयोग को धमकी देना निंदनीय है.”
'धमकियों से डरने की जरूरत नहीं'
आयोग ने कहा कि वे रोज़ाना दी जा रही ऐसी धमकियों को नजरअंदाज करते हैं और अपने सभी चुनाव अधिकारियों से अपील करते हैं कि वे ईमानदारी और पारदर्शिता के साथ काम करना जारी रखें. बयान में कहा गया “हम अपने अधिकारियों से कहते हैं कि वे ऐसे गैर-जिम्मेदाराना बयानों से विचलित न हों और निष्पक्ष तरीके से अपने कर्तव्यों का पालन करें.”
राहुल गांधी की भाषा राष्ट्रविरोधी
इस पूरे मामले पर केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू ने भी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने राहुल गांधी के बयानों को “राष्ट्र विरोधी” बताते हुए कहा, “राहुल गांधी अब बच्चे नहीं हैं. वे विपक्ष के नेता हैं. संसद को बाधित करना और देश विरोधी बातें करना बिल्कुल भी स्वीकार्य नहीं है.”
आरोपों और जवाबों की जंग तेज
जहाँ एक ओर राहुल गांधी चुनाव आयोग पर सीधे-सीधे बीजेपी को लाभ पहुंचाने और लोकतंत्र को कमजोर करने का आरोप लगा रहे हैं, वहीं चुनाव आयोग ने इन दावों को खारिज करते हुए उन्हें आधारहीन और भ्रामक बताया है. यह विवाद आने वाले समय में और भी गंभीर हो सकता है, खासकर तब, जब कांग्रेस पार्टी अपने तथाकथित “सबूत” सार्वजनिक करती है.


