score Card

ऊर्जा जरूरतें हमारी पहली प्राथमिकता... 100% टैरिफ लगाने की धमकी पर भारत की NATO को दो टूक

भारत सरकार ने नाटो महासचिव मार्क रूटे की उस धमकी को स्पष्ट रूप से खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने रूस के साथ व्यापार करने वाले देशों पर 100 प्रतिशत टैरिफ या सेकेंडरी प्रतिबंध लगाने की बात कही थी. भारत ने दो टूक कहा है कि उसकी सबसे बड़ी प्राथमिकता अपने नागरिकों की ऊर्जा जरूरतों को सुरक्षित और समय पर पूरा करना है.

Utsav Singh
Edited By: Utsav Singh

हाइलाइट

भारत ने नाटो (NATO) के महासचिव मार्क रूटे की उस धमकी को सिरे से खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने रूस से व्यापार करने वाले देशों पर "100 प्रतिशत टैरिफ" लगाने की बात कही थी. भारत ने स्पष्ट किया कि उसकी सबसे बड़ी प्राथमिकता देश की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करना है.

ऊर्जा को पूरा करना हमारी प्राथमिकता


विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने गुरुवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि भारत अपने नागरिकों की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए जो भी विकल्प बाजार में उपलब्ध हैं, उन्हीं के आधार पर निर्णय लेता है.उन्होंने कहा, “हमने इस विषय पर आई रिपोर्टों को देखा है और हम इन घटनाक्रमों पर करीब से नजर रख रहे हैं. मैं यह दोहराना चाहता हूं कि देश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करना हमारी प्राथमिकता है. इसके लिए हम अंतरराष्ट्रीय बाजार में उपलब्ध विकल्पों और मौजूदा वैश्विक परिस्थितियों को देखते हैं. हम पश्चिमी देशों को खासतौर पर दोहरे मापदंड अपनाने से सावधान करना चाहेंगे.”

रूस से व्यापार रोको, वरना भुगतोगे

​​​​​​​
इससे पहले नाटो के नए महासचिव मार्क रूटे ने अमेरिका में सांसदों से मुलाकात के बाद एक बयान में भारत, चीन और ब्राज़ील जैसे देशों को सीधे चेतावनी दी थी. उन्होंने कहा था कि अगर ये देश रूस से तेल और गैस खरीदते रहे, तो उन्हें 100 प्रतिशत सेकेंडरी प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है. उन्होंने कहा,“अगर आप चीन के राष्ट्रपति, भारत के प्रधानमंत्री या ब्राज़ील के राष्ट्रपति हैं, और आप रूस से व्यापार जारी रखते हैं, खासकर तेल और गैस का, तो आपको यह जान लेना चाहिए कि अगर मॉस्को के नेता (पुतिन) शांति वार्ता को गंभीरता से नहीं लेते, तो हम 100 प्रतिशत सेकेंडरी प्रतिबंध लगा देंगे.”

भारत को दबाव की राजनीति मंजूर नहीं

भारत पहले भी कई बार कह चुका है कि वह किसी बाहरी दबाव में अपनी ऊर्जा नीतियों में बदलाव नहीं करेगा. भारत का यह भी मानना है कि विकसित देशों को वैश्विक ऊर्जा बाजार में समान व्यवहार और निष्पक्षता का पालन करना चाहिए.

राष्ट्रीय हित सर्वोपरि

भारत का यह रुख एक बार फिर स्पष्ट करता है कि वह अपनी विदेश और ऊर्जा नीति केवल अपने राष्ट्रीय हितों को ध्यान में रखकर बनाएगा, न कि किसी बाहरी चेतावनी या दबाव के आधार पर.

calender
17 July 2025, 07:26 PM IST

ताजा खबरें

ट्रेंडिंग वीडियो

close alt tag