आप नेता सौरभ भारद्वाज ने दैनिक जागरण को भेजा मानहानि नोटिस, गलत खबर पर जताया कड़ा ऐतराज
सौरभ भारद्वाज का यह सख्त कदम दिल्ली की सियासत और पत्रकारिता में हलचल मचा सकता है। उनकी यह मांग न सिर्फ गलत खबरों के खिलाफ जवाबदेही की मिसाल कायम करती है, बल्कि यह भी रेखांकित करती है कि नेताओं की छवि को लेकर मीडिया की भूमिका कितनी अहम और संवेदनशील है.

AAP leader Saurabh Bhardwaj: आम आदमी पार्टी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने प्रतिष्ठित हिंदी दैनिक दैनिक जागरण के खिलाफ मानहानि का नोटिस जारी किया है. उन्होंने अखबार पर झूठी और भ्रामक खबरें प्रकाशित करने का गंभीर आरोप लगाया है, जिनमें उन्हें 2018-19 के दौरान दिल्ली सरकार का मंत्री बताया गया था. भारद्वाज ने इस मुद्दे को लेकर एक प्रेस वार्ता की और पत्रकारिता की नैतिक जिम्मेदारी पर भी सवाल उठाए.
सौरभ भारद्वाज का कहना है कि उन्होंने 2015 से 2020 तक दिल्ली सरकार में कोई मंत्री पद नहीं संभाला था, इसके बावजूद समाचार पत्र ने दो बार उन्हें उस समय में 'पूर्व मंत्री' बताया और उनके खिलाफ कथित अस्पताल घोटाले की जांच की बात प्रमुखता से छापी. उन्होंने इस गलती को सार्वजनिक रूप से सुधारे की मांग की है.
क्या है मामला?
AAP नेता ने बताया कि 24 जून को उपराज्यपाल कार्यालय ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की थी, जिसमें 1000 करोड़ रुपये के अस्पताल घोटाले की जांच को मंजूरी देने की बात कही गई थी. इसके आधार पर दैनिक जागरण ने 25 जून को प्रकाशित खबर में लिखा कि सौरभ भारद्वाज और सत्येंद्र जैन के खिलाफ एसीबी जांच की जाएगी और दोनों ने 2018-19 में स्वास्थ्य मंत्री रहते हुए 5590 करोड़ रुपये की लागत से 24 अस्पताल परियोजनाओं को मंजूरी दी थी. प्रेस वार्ता में भारद्वाज ने साफ-साफ कहा कि 'दिल्ली के सभी पत्रकारों को यह अच्छी तरह पता है कि 2015 से 2020 तक मैं मंत्री नहीं था. फिर भी दैनिक जागरण ने मुझे उस वक्त का मंत्री बताया. 'उन्होंने बताया कि 26 जून को उन्होंने प्रेस विज्ञप्ति और वीडियो के माध्यम से इसका खंडन किया, लेकिन इसके बावजूद 27 जून को फिर से वही गतल खबर छपा.
AAP नेता की चेतावनी
सौरभ भारद्वाज ने दैनिक जागरण को चेतावनी देते हुए कहा, 'अगर अखबार ने अपनी गलती स्वीकार कर सुधार नहीं किया तो हम मानहानि का मुकदमा दर्ज करेंगे.' साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि पत्रकारिता की आड़ में किसी की छवि को नुकसान पहुंचाना न केवल अनुचित है, बल्कि उसके पूरे परिवार के लिए भी मानसिक कष्टदायक होता है.
उपराज्यपाल की प्रेस विज्ञप्ति पर भी सवाल
आप नेता ने उपराज्यपाल कार्यालय की प्रेस विज्ञप्ति में "घोटाला" शब्द के इस्तेमाल पर भी आपत्ति जताई. उन्होंने कहा, 'उपराज्यपाल महोदय को 'घोटाला' शब्द के बजाय 'तथाकथित घोटाला' या 'आरोप' जैसे शब्दों का प्रयोग करना चाहिए था, ताकि निष्पक्षता बनी रहे.'
पत्रकारिता की गरिमा बचाने की अपील
अपने बयान के लास्ट में भारद्वाज ने पत्रकारों से अपील की कि वे निष्पक्ष, तथ्यपरक और जिम्मेदार रिपोर्टिंग करें. उन्होंने कहा, 'बड़े मन से मैंने यह मानहानि नोटिस जारी किया है, लेकिन जब कोई व्यक्ति राजनीति में ईमानदारी से काम करता है तो उसमें उसके पूरे परिवार का त्याग शामिल होता है. पत्रकारिता को उस भावना की कद्र करनी चाहिए.'


