माली में अगवा भारतीयों की रिहाई के लिए फिरौती की मांग, रिश्तेदार ने सुनाई आपबीती
माली में अल-कायदा से जुड़े एक आतंकी संगठन ने तीन भारतीय नागरिकों को अगवा कर लिया. अगवा लोगों में ओडिशा, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के निवासी शामिल हैं. परिजनों का आरोप है कि अपहरणकर्ताओं ने रिहाई के बदले भारी फिरौती की मांग की है.

Indians kidnapped in Mali: माली के कायेस शहर स्थित एक सीमेंट फैक्ट्री पर हुए आतंकी हमले के बाद तीन भारतीय नागरिकों का अपहरण कर लिया गया. अपहरण की इस वारदात को कथित तौर पर अल-कायदा से जुड़े आतंकी संगठन ने अंजाम दिया है. इस घटना में ओडिशा, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के तीन भारतीय शामिल हैं. परिजनों का आरोप है कि अपहरणकर्ताओं ने रिहाई के बदले भारी फिरौती की मांग की है.
गंजाम (ओडिशा) निवासी पी वेंकटारमण, मिर्यालगुडा (तेलंगाना) के अमरेश्वर और आंध्र प्रदेश के रामना इस हमले में अगवा किए गए हैं. यह सभी माली के एक सीमेंट फैक्ट्री में काम कर रहे थे. इस घटना को लेकर विदेश मंत्रालय और स्थानीय प्रशासन ने कार्रवाई शुरू कर दी है. वहीं, पीड़ितों के परिजन अब तक सदमे में हैं और अपनों की सुरक्षित वापसी की गुहार लगा रहे हैं.
अपहरण से पहले मिली थी चेतावनी
वेंकटारमण के साले ने ANI से बातचीत में बताया, "वेंकट ने मुझे आखिरी बार 30 जून को कॉल किया था. वह माली, वेस्ट अफ्रीका की एक सीमेंट फैक्ट्री में काम करता था. उसने कहा कि कंपनी ने उन्हें बाहर जाने से रोक दिया है क्योंकि वहां आतंकियों की मौजूदगी है. यह अपहरण 1 जुलाई को हुआ."
कंपनी ने दी थी गलत जानकारी
परिजन ने आरोप लगाया कि अपहरण की जानकारी को कंपनी ने पहले छिपाया. "हमें कंपनी से कॉल आया कि वह और कुछ अन्य लोग पुलिस कस्टडी में हैं क्योंकि फैक्ट्री में आतंकियों ने आग लगा दी है. बाद में जब एक अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट से पता चला कि अल-कायदा ने कुछ लोगों का अपहरण किया है, तब हमने कंपनी से दोबारा बात की. उन्होंने हमें सच बाहर न लीक करने को कहा और बताया कि आतंकवादी फिरौती मांग रहे हैं."
नहीं मिला तत्काल जवाब, दर्ज कराई शिकायत
वेंकटारमण के रिश्तेदार ने बताया कि उन्होंने कुछ दिन इंतजार किया और फिर पुलिस से संपर्क किया. "मैंने दूतावास को कॉल और मेल किया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला. मैं चाहता हूं कि मेरे साले को जल्द से जल्द सुरक्षित भारत वापस लाया जाए."
प्रशासन ने दी कार्रवाई की जानकारी
गंजाम के सब-कलेक्टर शिवाशीष बाराल ने ANI से कहा कि जब परिजनों ने घटना की जानकारी दी, प्रशासन ने तत्काल प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा, "हमें सूचित किया गया है कि सरकार आवश्यक कदम उठा रही है."
विदेश मंत्रालय ने जताई चिंता
भारत के विदेश मंत्रालय (MEA) ने भी 1 जुलाई की इस घटना को लेकर चिंता जताई है. मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "भारत सरकार को जानकारी मिली है कि पश्चिमी और मध्य माली के कई सैन्य और सरकारी प्रतिष्ठानों पर आतंकियों ने हमला किया है."
अल-कायदा से जुड़े गुट पर शक
सुरक्षा एजेंसियों को शक है कि इस अपहरण को अल-कायदा से जुड़ा गुट 'जमात नुसरत अल-इस्लाम वल-मुस्लिमीन (JNIM)' ने अंजाम दिया है. हालांकि अभी तक किसी भी संगठन ने इसकी ज़िम्मेदारी नहीं ली है. तेलंगाना और आंध्र की इंटेलिजेंस एजेंसियों ने अगवा हुए लोगों की पहचान की पुष्टि कर दी है.
कंपनी अधिकारी पहुंचे माली, चेयरमैन ने नहीं दी प्रतिक्रिया
हैदराबाद की प्रसादित्य ग्रुप के स्वामित्व वाली डायमंड सीमेंट फैक्ट्री के वरिष्ठ अधिकारी माली पहुंच चुके हैं और स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर कर्मचारियों की रिहाई की कोशिशों में जुटे हैं. हालांकि, कंपनी के चेयरमैन मोटापर्ति शिवा रामा प्रसाद ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की.