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इतिहास रचा ISRO ने! 'बाहुबली' LVM3 से दुनिया के सबसे भारी कमर्शियल सैटेलाइट ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 लॉन्च

ISRO ने 1 जनवरी 2026 से पहले अपना अब तक का सबसे भारी और सबसे बड़ा कम्युनिकेशन सैटेलाइट लॉन्च कर दिया है ब्लूबर्ड ब्लॉक-2.

Goldi Rai
Edited By: Goldi Rai

नई दिल्ली: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने बुधवार सुबह अंतरिक्ष इतिहास में एक और अहम उपलब्धि दर्ज की. सुबह 8.55 बजे इसरो के सबसे शक्तिशाली रॉकेट LVM3 ने अमेरिकी कंपनी AST स्पेसमोबाइल के ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 संचार सैटेलाइट को सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में स्थापित कर दिया. यह LVM3 रॉकेट की छठी ऑपरेशनल उड़ान (LVM3-M6) रही, जिसे पूरी तरह सफल बताया गया है.

यह मिशन न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (NSIL) और AST स्पेसमोबाइल के बीच हुए वाणिज्यिक समझौते के तहत अंजाम दिया गया. इस लॉन्च के साथ लो अर्थ ऑर्बिट (LEO) में दुनिया का अब तक का सबसे बड़ा कॉमर्शियल संचार सैटेलाइट तैनात किया गया है, जो सामान्य स्मार्टफोन को सीधे अंतरिक्ष से हाई-स्पीड इंटरनेट कनेक्टिविटी प्रदान करेगा.

दुनिया का सबसे बड़ा कॉमर्शियल सैटेलाइट

ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 सैटेलाइट को करीब 600 किलोमीटर ऊंचाई वाली लो अर्थ ऑर्बिट में स्थापित किया जाएगा. यह मिशन न सिर्फ इसरो के लिए, बल्कि भारत की वैश्विक कमर्शियल लॉन्च सेवाओं के लिए भी एक बड़ा मील का पत्थर माना जा रहा है. यह सैटेलाइट उन इलाकों में मोबाइल नेटवर्क पहुंचाने के लिए डिजाइन की गई है, जहां अब तक ग्राउंड बेस्ड नेटवर्क संभव नहीं हो सका है.

ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 सैटेलाइट की खासियत

ब्लूबर्ड ब्लॉक-2, AST स्पेसमोबाइल की अगली पीढ़ी की संचार सैटेलाइट सीरीज का हिस्सा है. इसकी प्रमुख विशेषताएं इस प्रकार हैं:-

  • वजन:- करीब 6100 से 6500 किलोग्राम, जो भारत की धरती से LVM3 द्वारा लॉन्च किया गया अब तक का सबसे भारी पेलोड है.

  • आकार:- 223 वर्ग मीटर (लगभग 2,400 स्क्वायर फीट) का विशाल फेज्ड ऐरे एंटीना, जो इसे LEO में तैनात होने वाला सबसे बड़ा कॉमर्शियल संचार सैटेलाइट बनाता है.

  • नेटवर्क क्षमता:- 4G और 5G नेटवर्क सपोर्ट, जिससे सामान्य स्मार्टफोन को सीधे स्पेस से ब्रॉडबैंड मिलेगा.

  • डेटा स्पीड:- प्रति कवरेज सेल 120 Mbps तक की पीक स्पीड, जिससे वॉइस कॉल, वीडियो कॉल, टेक्स्ट, स्ट्रीमिंग और डेटा सेवाएं संभव होंगी.

  • उद्देश्य:- यह सैटेलाइट AST स्पेसमोबाइल की ग्लोबल कांस्टेलेशन का हिस्सा है, जो 24/7 वैश्विक कनेक्टिविटी उपलब्ध कराएगी.

  • पिछले मिशन:- कंपनी सितंबर 2024 में ब्लूबर्ड 1-5 सैटेलाइट्स लॉन्च कर चुकी है, जबकि ब्लॉक-2 में उनसे करीब 10 गुना अधिक बैंडविड्थ क्षमता है.

LVM3: इसरो का सबसे ताकतवर रॉकेट

LVM3, जिसे पहले GSLV Mk-III के नाम से जाना जाता था, इसरो का सबसे शक्तिशाली लॉन्च व्हीकल है. इसे पूरी तरह स्वदेशी तकनीक से विकसित किया गया है.

  • ऊंचाई: 43.5 मीटर

  • लिफ्ट-ऑफ वजन: 640 टन

  • संरचना: तीन चरणों वाला रॉकेट

  • दो सॉलिड स्ट्रैप-ऑन बूस्टर्स (S200)

  • लिक्विड कोर स्टेज (L110)

  • क्रायोजेनिक अपर स्टेज (C25)

पेलोड क्षमता:-

  • GTO में 4,200 किलोग्राम तक

  • LEO में 8,000 किलोग्राम तक

पहले भी साबित कर चुका है भरोसा

LVM3 रॉकेट इससे पहले चंद्रयान-2, चंद्रयान-3 और दो वनवेब मिशनों के तहत कुल 72 सैटेलाइट्स को सफलतापूर्वक लॉन्च कर चुका है. इसका पिछला मिशन LVM3-M5/CMS-03 था, जो 2 नवंबर 2025 को पूरी तरह सफल रहा था.

भारत की अंतरिक्ष शक्ति को नई मजबूती

यह मिशन भारत की अंतरिक्ष तकनीकी क्षमता का प्रतीक माना जा रहा है. भविष्य में इसी रॉकेट का इस्तेमाल गगनयान मानव अंतरिक्ष मिशन के लिए भी किया जाएगा. AST स्पेसमोबाइल की स्पेस-बेस्ड सेल्युलर ब्रॉडबैंड नेटवर्क योजना स्टारलिंक जैसी सेवाओं को सीधी चुनौती देती है. भारत से इस ऐतिहासिक लॉन्च के साथ इसरो की वैश्विक कमर्शियल लॉन्च सेवाओं को नई मजबूती मिलने की उम्मीद जताई जा रही है.

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24 December 2025, 09:40 AM IST

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