कुल्लू के अखाड़ा बाज़ार में नमाज़ के बाद मलबे में दबे सात लोग, पूरी घाटी में खौफ़ का साया
हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में एक भयानक हादसा हुआ। अखाड़ा बाजार में भूस्खलन से दो मकान मलबे में तबाह हो गए। सात लोग नमाज़ पढ़ने के बाद एक ही कमरे में आराम कर रहे थे, तभी ज़मीन खिसक गई और सब दब गए।

National News: कुल्लू के अखाड़ा बाजार की तंग गलियों में गुरुवार रात एक दर्दनाक मंजर देखने को मिला। इलाके के लोग नमाज़ के बाद आराम करने के लिए जुटे थे। सात लोग एक ही कमरे में सोए हुए थे। अचानक पहाड़ी से भारी मलबा गिरा और दो मकान पलभर में धराशायी हो गए। लोगों की चीख-पुकार से इलाका कांप उठा। जैसे ही हादसे की खबर मिली, पुलिस और प्रशासन तुरंत हरकत में आ गए। एनडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची और राहत कार्य शुरू किया। अंधेरा और मलबे की मोटी परत बचाव में बड़ी मुश्किलें पैदा कर रही थी। राहतकर्मी रातभर जद्दोजहद करते रहे ताकि किसी की जान बचाई जा सके।
शव और घायलों की पहचान
मलबे से सबसे पहले श्रीनगर निवासी महाराज नामक व्यक्ति का शव बरामद किया गया। यह खबर पूरे इलाके में ग़म और खौफ़ की लहर ले आई। तीन गंभीर रूप से घायल लोगों को फौरन अस्पताल भेजा गया। डॉक्टरों ने बताया कि घायलों की हालत नाज़ुक है और उन्हें लगातार निगरानी में रखा गया है।
छह और लोगों की तलाश
हादसे के बाद से अभी तक छह लोगों के दबे होने की आशंका बनी हुई है। प्रशासन ने कहा है कि मलबा बहुत भारी है और हर कदम सोच-समझकर उठाना पड़ रहा है। परिवार के लोग बाहर खड़े दुआ कर रहे हैं कि किसी तरह उनके अजीज़ सही-सलामत बाहर आ जाएं।
इलाके में खौफ़ का माहौल
इस हादसे ने पूरे कुल्लू शहर को सहमा दिया है। लोग अपने घर छोड़कर रिश्तेदारों के पास चले गए हैं। पहाड़ों में लगातार बारिश के चलते भूस्खलन का खतरा और बढ़ गया है। प्रशासन ने लोगों को सतर्क रहने और ऊंचाई वाले इलाकों में जाने से बचने की हिदायत दी है।
सरकार और प्रशासन की अपील
राज्य सरकार ने प्रभावित परिवारों को हर संभव मदद देने का भरोसा दिया है। मुख्यमंत्री ने घटना पर दुख जताया और राहत कार्यों की निगरानी करने के निर्देश दिए। स्थानीय लोगों से अपील की गई है कि अफवाहों पर ध्यान न दें और धैर्य बनाए रखें। फिलहाल इलाके में सुरक्षा बल और एनडीआरएफ लगातार तैनात हैं।
दुआ और सब्र की पुकार
इस दर्दनाक हादसे ने इंसान की बेबसी का एहसास फिर से दिला दिया। लोग मस्जिदों और घरों में बैठकर दुआएं कर रहे हैं कि मलबे में दबे लोग ज़िंदा मिल जाएं। कुल्लू का ये हादसा हमें याद दिलाता है कि पहाड़ की ज़मीन जितनी खूबसूरत है, उतनी ही ख़तरनाक भी साबित हो सकती है।


