आरबीआई ने लगाई एक और बैंक पर पाबंदी, खाता धारक नहीं निकाल सकेंगे अपने पैसे
आरबीआई के अनुसार, इस बैंक में पैसा जमा करने वाले ग्राहक डिपॉजिट इंश्योरेंस स्कीम के तहत अधिकतम 5 लाख रुपये का दावा कर सकते हैं। ऐसे ग्राहकों को अपना दावा बैंक में प्रस्तुत करना होगा। मार्च 2024 के अंत तक बैंक में कुल जमा राशि 2436 करोड़ रुपये थी।

आरबीआई ने मुंबई स्थित न्यू इंडिया को-आप्रेटिव बैंक के ग्राहकों को झटका दिया है। भारतीय रिजर्व बैंक ने इस बैंक पर कई सख्त पाबंदियां लगाई है। जिससे न सिर्फ नए व्यावसाय रुक गए है। बल्कि ग्राहकों को अपने पैसे भी निकलवाने की अनुमति नहीं है। ये पाबंदी क्यों लगाई गई, इसका क्या प्रभाव पड़ेगा और ग्राहकों को आगे क्या करना चाहिए, आओ जानते है। मुंबई स्थित न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक पर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के कारण, बैंक अब न तो कोई नया ऋण दे सकेगा और न ही ग्राहक अपनी जमा राशि निकाल सकेंगे। यह कदम बैंक की वित्तीय स्थिति और पर्यवेक्षी चिंताओं को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है।
आरबीआई ने स्पष्ट किया कि 13 फरवरी 2025 के बाद बैंक न तो कोई नया ऋण जारी कर सकेगा और न ही पुराने ऋणों का नवीनीकरण कर सकेगा। इसके अतिरिक्त, बैंक को कोई नया निवेश करने या नई जमाराशि स्वीकार करने की अनुमति नहीं होगी। बैंक किसी को भी भुगतान नहीं कर सकेगा तथा अपनी किसी भी परिसंपत्ति को बेच या हस्तांतरित नहीं कर सकेगा।
आरबीआई का कहना, लोगों के हितों की रक्षा के लिए यह कदम उठाया
यह निर्णय बैंक की कमजोर वित्तीय स्थिति को देखते हुए लिया गया है। बैंक की तरलता स्थिति संतोषजनक नहीं है, जिसके कारण जमाकर्ताओं का पैसा जोखिम में है। इसीलिए आरबीआई ने बचत खातों, चालू खातों और अन्य जमा खातों से निकासी पर प्रतिबंध लगा दिया है। नियामक संस्था (आरबीआई) का कहना है कि लोगों के हितों की रक्षा के लिए यह कदम उठाया गया है, ताकि बैंक की स्थिति को नियंत्रित किया जा सके और ग्राहकों को बड़े नुकसान से बचाया जा सके।


