स्वतंत्रता दिवस से पहले सुरक्षाबलों को मिली बड़ी कामयाबी, माओवादी कमांडर अरुण उर्फ वरुण मुठभेड़ में ढेर
झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम के सारंडा जंगल में 13 अगस्त की सुबह सुरक्षाबलों और माओवादियों के बीच मुठभेड़ हुई, जिसमें वांछित माओवादी कमांडर अरुण उर्फ वरुण मारा गया. वह छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले का निवासी था और कई हिंसक मामलों में शामिल था. स्वतंत्रता दिवस से पहले हमले की योजना के इनपुट पर ऑपरेशन चलाया गया था. सुरक्षाबलों ने हथियार और गोला-बारूद बरामद किए हैं. तलाशी अभियान जारी है.

Maoist encounter Jharkhand : 13 अगस्त की सुबह झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले के सारंडा वन क्षेत्र में सुरक्षा बलों और माओवादियों के बीच जबरदस्त मुठभेड़ हुई. यह कार्रवाई स्वतंत्रता दिवस से पहले संभावित माओवादी हमले की खुफिया सूचना के बाद की गई थी. पुलिस को 12 अगस्त को इनपुट मिला था कि माओवादी संगठन के वरिष्ठ नेता जैसे मिसिर बेसरा, अनमेल, माच्छु, अनल, असीम मंडल, अजय मेहता, सगन अंगारिया और अश्विन सारंडा के काल्हन वन क्षेत्र में सक्रिय हैं.
घात लगाने की तैयारी में था,माओवादी दस्ता
गोईलकेरा थाना क्षेत्र में शुरू हुआ ऑपरेशन
13 अगस्त की सुबह करीब 6 बजे, चाईबासा जिला पुलिस और कोबरा 209 कमांडो ग्रुप की संयुक्त टीम ने गोईलकेरा थाना अंतर्गत दुगुनिया–पोसैता–तुम्बागढ़ा क्षेत्र में अभियान शुरू किया. जैसे ही बलों ने इलाके में आगे बढ़ना शुरू किया, छिपे माओवादियों ने उन पर अचानक गोलियां चलानी शुरू कर दी.
घने जंगलों में चली भीषण मुठभेड़
माओवादियों की ओर से भारी गोलीबारी का जवाब सुरक्षाबलों ने भी पूरी ताकत से दिया. दोनों ओर से चली तीव्र फायरिंग के बाद, माओवादी घने जंगलों और पहाड़ियों का फायदा उठाकर भीतर की ओर भाग निकले. सुरक्षा बलों ने इलाके की सघन तलाशी शुरू की.
कमांडर ढेर, हथियार और गोला-बारूद बरामद
तलाशी के दौरान सुरक्षाबलों को एक माओवादी शव मिला, जिसकी पहचान छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के का एंटा गांव निवासी अरुण उर्फ वरुण उर्फ निलेश मड़काम के रूप में हुई. अरुण कई नक्सली मामलों में वांछित था और सुरक्षा एजेंसियों की निगरानी में था. घटनास्थल से एक एसएलआर राइफल, जिंदा कारतूस और अन्य माओवादी सामग्री भी बरामद हुई है.
सारंडा में तलाशी अभियान तेज
पुलिस और सुरक्षा बलों ने पूरे सारंडा क्षेत्र में तलाशी और कॉम्बिंग ऑपरेशन तेज कर दिए हैं ताकि मुठभेड़ के बाद भागे हुए माओवादी दस्ते को पकड़ा जा सके. क्षेत्र में अब भी सुरक्षा सतर्कता बढ़ा दी गई है.


