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Operation Shield: पाकिस्तान बॉर्डर से लगे राज्यों में हुई मॉक ड्रिल, रात 8 बजे इन राज्यों में हुआ ब्लैकआउट

भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव के बाद, पश्चिमी सीमा से सटे राज्यों में ऑपरेशन शील्ड के तहत व्यापक नागरिक सुरक्षा अभ्यास किए गए. जम्मू-कश्मीर, पंजाब, गुजरात, राजस्थान और अन्य जिलों में ब्लैकआउट, निकासी सिमुलेशन और आपातकालीन प्रतिक्रिया परीक्षण हुए. चंडीगढ़, श्रीनगर, अमृतसर और अन्य जगहों पर मॉक ड्रिल कर युद्ध जैसी स्थिति में तैयारियों का आकलन किया गया. यह अभ्यास 1971 के युद्ध के बाद पहली बार इतनी बड़ी संख्या में 33 राज्यों में आयोजित किया गया.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया सैन्य तनाव के कुछ सप्ताह बाद, देश के पश्चिमी सीमा से सटे राज्यों में व्यापक नागरिक सुरक्षा अभ्यास आयोजित किए गए. इस अभ्यास का उद्देश्य आपातकालीन तैयारियों का परीक्षण करना और युद्ध जैसी स्थिति में नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना था. इसे गृह मंत्रालय के निर्देशन में राष्ट्रव्यापी ऑपरेशन शील्ड के तहत शनिवार को आयोजित किया गया.

किन राज्यों में हुआ अभ्यास?

यह अभ्यास जम्मू-कश्मीर, पंजाब, गुजरात और राजस्थान जैसे सीमा-संबंधित राज्यों में किया गया. इन राज्यों में ब्लैकआउट प्रोटोकॉल, आपातकालीन निकासी सिमुलेशन और समन्वित प्रतिक्रिया की जांच जैसे कई सुरक्षा उपायों का परीक्षण किया गया. यह आयोजन 7 मई को हुए पहले राष्ट्रव्यापी अभ्यास का हिस्सा था, जो 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद शुरू किए गए ऑपरेशन सिंदूर के ठीक पहले हुआ था.

चंडीगढ़ में मॉक ड्रिल

चंडीगढ़ में भी सुरक्षा अभ्यास के तहत कई परिदृश्यों का अनुकरण किया गया. यहां ब्लैकआउट ड्रिल, नकली कॉल प्राप्त कर लोगों की सुरक्षित निकासी, तथा आपातकालीन स्थिति में होमगार्ड की आवाजाही का अभ्यास किया गया. डीसी निशांत यादव ने बताया, “हमने सेक्टर 47 के सामुदायिक केंद्र में 20 लोगों को स्थानांतरित किया और उनकी प्रतिक्रिया समय पर विशेष ध्यान दिया.” इस अभ्यास का मकसद आपातकालीन समय में त्वरित और प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित करना था.

श्रीनगर में ब्लैकआउट 

श्रीनगर में एक इमारत में आग लगने की स्थिति का अनुकरण किया गया. बचाव कार्यों और अग्निशमन यंत्रों की कार्यक्षमता को परखा गया. इसके अलावा लाल चौक पर 10 मिनट का ब्लैकआउट भी लागू किया गया. जिला मजिस्ट्रेट डॉ. बिलाल मोहिउद्दीन भट ने कहा, “इस अभ्यास का उद्देश्य जनशक्ति, उपकरण और बुनियादी ढांचे की तैयारियों का मूल्यांकन करना है.”

अमृतसर और अन्य जिलों में सुरक्षा अभ्यास

अमृतसर में भी ब्लैकआउट प्रोटोकॉल के तहत सुरक्षा ड्रिल आयोजित की गई. कमांडेंट जसकरन सिंह ने बताया कि पाकिस्तान की सीमा से सटे जिलों जैसे पठानकोट, तरनतारन, गुरदासपुर, फिरोजपुर और फाजिल्का में ऐसे अभ्यास विशेष रूप से महत्वपूर्ण हैं. उनका कहना था, “यह सुनिश्चित करना है कि युद्ध जैसी परिस्थितियों में प्रशासन पूरी तरह सक्रिय रहे और नागरिक सुरक्षित रहें. हम लोगों को ब्लैकआउट के दौरान खुद को सुरक्षित रखने के तरीके भी सिखा रहे हैं.”

ऑपरेशन शील्ड के तहत अन्य स्थानों पर अभ्यास

इस अभियान के अंतर्गत अहमदाबाद, जयपुर के खातीपुरा क्षेत्र, जम्मू-कश्मीर के अखनूर, डोडा और पुंछ जैसे अन्य संवेदनशील स्थानों पर भी नागरिक सुरक्षा अभ्यास आयोजित किए गए. अखनूर के एसडीएम मुख्तार अहमद ने कहा, “यह अभ्यास सीमा पर हाल ही में हुई गोलाबारी के संदर्भ में लोगों को तैयार करने और जागरूकता बढ़ाने के लिए किया गया है.”

7 मई का पहला राष्ट्रव्यापी अभ्यास

7 मई को आयोजित पहले राष्ट्रीय स्तर के सुरक्षा अभ्यास में हवाई हमले की चेतावनी देने वाले सायरन बजाए गए और नागरिकों को हमले के दौरान सुरक्षा उपायों की जानकारी दी गई. यह अभ्यास 1971 के भारत-पाक युद्ध के बाद अपनी तरह का पहला इतना व्यापक अभ्यास था, जो पूरे देश के 33 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के 250 से अधिक स्थानों पर किया गया.

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31 May 2025, 08:40 PM IST

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