Manipur Violence: RSS ने दिया बड़ा बयान, मणिपुर हिंसा को कौन बना रहा हिंदू-ईसाई विवाद?

Manipur Violence: मणिपुर में पिछले दो महीने से ज्यादा वक्त से चल रही हिंसा को लेकर आरएसएस पदाधिकारी ने दावा किया कि कुछ विदेशी संगठनों द्वारा इस हिंसा को हिंदू-ईसाई संघर्ष बताने की कोशिश की गई है, जबकि कुकी और मैतई के बीच हिंसा का कोई इतिहास नहीं रहा है.

Tahir Kamran
Tahir Kamran

हाइलाइट

  • मणिपुर हिंसा को लेकर आरएसएस ने दिया बयान
  • 'दोनों समुदायों के बीच नहीं रहा टकराव का इतिहास'
  • 'कुकी और मैतई के बीच शादी आम बात'

Manipur Violence: मणिपुर में पिछले दो महीने से ज्यादा वक्त से चल रही हिंसा (Manipur Violence) को लेकर राजनीति अपने जोरो पर है. इस मामले को लेकर विपक्ष मोदी सरकार को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है. वहीं सरकार के मंत्री विपक्षी राज्यों में होने वाली घटनाओं का जिक्र करते हुए विपक्ष पर ही सवाल खड़ा कर रहे हैं. इसी बीच राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) के एक बड़े पदाधिकारी ने मणिपुर की हिंसा को लेकर बयान दिया है. जिसमें उन्होंने कहा है कि इसे हिंदू और ईसाइयों के बीच का संघर्ष बताना गलत है. 

'दोनों समुदायों के बीच नहीं रहा टकराव का इतिहास'

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक आरएसएस के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने बातचीत के दौरान मणिपुर हिंसा को लेकर कहा कि ये बिल्कुल भी हिंदू-ईसाई संघर्ष नहीं है. कुछ पार्टियों द्वारा इसे साजिश के तहत ऐसा पेश करने की कोशिश की गई है. उन्होंने कहा कि कुकी ईसाई समुदाय से आते हैं, जबकि बहुसंख्यक मैतई हिंदू हैं. इसके बावजूद उनके बीच हो रहा टकराव धर्म के आधार पर नहीं है. हालांकि, आरएसएस पदाधिकारी ने यह माना कि इस हिंसा ने मणिपुर को एक ऐसा घाव दिया है, जिसे भरने में कई साल लग जाएंगे. 

'कुकी और मैतई के बीच शादी आम बात'
नाम नहीं छापने की शर्त पर आरएसएस के पदाधिकारी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हिंसा को लेकर जो गलत दावे किए जा रहे हैं, उनमें कई विदेशी संगठनों का भी हाथ है. जिन्होंने चर्चों में तोड़फोड़ और आगजनी को इसका आधार बनाकर इसे हिंदू-ईसाई संघर्ष का नाम दिया. उन्होंने कहा कि कुकी और मैतई समुदाय के बीच हिंसा का कोई पुराना इतिहास नहीं रहा है. दोनों ही समुदायों के बीच पिछले लंबे समय से शादी आम बात है. 

इस बातचीत के दौरान संघ पदाधिकारी ने वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद और मथुरा में शाही ईदगाह पर हिंदू पक्ष के दावों का समर्थन करते हुए कहा कि इन्हें हिंदुओं को सौंप दिया जाना चाहिए. उनके हिंदू चरित्र को देखते हुए इन पर कोई विवाद ही नहीं होना चाहिए था. 

calender
27 July 2023, 01:12 PM IST

जरुरी ख़बरें

ट्रेंडिंग गैलरी

ट्रेंडिंग वीडियो